सुप्रीम कोर्ट को दो नए जज मिल गए हैं. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ वकील कलपति वेंकटरामन विश्वनाथन की नियुक्ति की गई है. दोनों जजों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कॉलेजियम की सिफारिश को 72 घंटे के भीतर मंजूरी मिलने पर खुशी जाहिर की और केंद्र सरकार के योगदान की भी सराहना की. सीजेआई ने फिल्म विजयपथ का एक गाना और वसीम बरेलवी की लाइनें सुनाकर जजों का स्वागत भी किया.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ वकील कलपति वेंकटरामन विश्वनाथन की सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में सिफारिश के 72 घंटे के भीतर नियुक्ति की गई है. यह दर्शाता है कि कॉलेजियम जीवंत, सक्रिय और अपने कार्य के प्रति प्रतिबद्ध है. सीजेआई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे.
'कॉलेजियम के साथ सहयोगियों की भी तारीफ'
सीजेआई ने कहा- हमने जो भी नियुक्तियां की हैं, उसमें सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों के साथ व्यापक परामर्श किया है. हमें इस फैक्ट को भी स्वीकार करना चाहिए कि सरकार इस प्रक्रिया में एक हितधारक है और नामों की सिफारिश के 72 घंटे से भी कम समय में ये नियुक्तियां हुई हैं. ऐसे में हमने राष्ट्र को एक संदेश भेजा है कि अपने कार्य के लिए कॉलेजियम जीवंत, सक्रिय और प्रतिबद्ध है. दोनों जजों की नियुक्ति के लिए मुझे श्रेय दिया गया. मैं आभारी हूं लेकिन मैं इसमें कॉलेजियम के साथ-साथ अपने सभी सहयोगियों की भी तारीफ करूंगा, जो इस पूरी प्रक्रिया का हिस्सा रहे. जिसमें ना सिर्फ कॉलेजियम, बल्कि उससे परे मेरे सभी सहकर्मी शामिल हैं. हमने नियुक्तियों से पहले सभी जजों से विचार-विमर्श किया था.
'सामाजिक रूप से गहराई तक जुड़े हैं जज'
उन्होंने कहा, जस्टिस मिश्रा और विश्वनाथन दोनों विचारों की निरंतरता और ताजगी की परंपरा को एक साथ लाते हैं. CJI ने कहा- जस्टिस मिश्रा ने अपना जीवन बहुत ही साधारण परिवार से शुरू किया. इससे पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट में आने वाले जज देश में सामाजिक रूप से गहराई तक जुड़े हुए हैं. उन्होंने जस्टिस केवी विश्वनाथन को युवा वकीलों के लिए आदर्श और गुरु बताया.
'देर लगी आने में तुमको...'
सीजेआई का कहना था कि जस्टिस मिश्रा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट आए हैं. वे तुलनात्मक रूप से नए राज्य की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनकी नियुक्ति को सिर्फ एक पेशेवर की सफलता के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. सीजेआई ने फिल्म विजय पथ के एक गाने की लाइनें सुनाईं और जस्टिस मिश्रा का स्वागत किया. उन्होंने कहा, देर लगी आने में तुमको शुक्र है फिर भी आये तो, आस ने दिल का साथ ना छोड़ा वैसे हम घबराये तो.
ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई टली, सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से मांगा जवाब
'तुम आ गए हो तो कुछ...'
सीजेआई ने जस्टिस विश्वनाथन के बारे में बात की और कहा- वे बार के युवा साथियों के लिए एक आदर्श और गुरु रहे हैं. उन्होंने युवा वकीलों की एक टीम बनाने में योगदान दिया है. एक वकील के रूप में उनकी छवि इंगित करती है कि उतावलापन और दिखावटी होना सुप्रीम कोर्ट बार में सफलता की पहचान नहीं है. वे विनम्र और दृष्टिकोण में सरल हैं और फिर भी सफल हैं. सीजेआई ने विश्वनाथन की पदोन्नति का स्वागत किया और वसीम बरेलवी की लाइनें गुनगुनाईं. उन्होंने कहा, तुम आ गए हो तो कुछ चांदनी-सी बातें हों, जमीन पर चांद कहां रोज-रोज उतरता है.
'जजों ने कॉलेजियम को दिया धन्यवाद'
जस्टिस मिश्रा ने अपनी नियुक्ति के लिए सीजेआई चंद्रचूड़ को धन्यवाद दिया और कहा कि वे भी बार के एक प्रोडक्ट हैं. उन्होंने कहा, मैं बार और बेंच के बीच संबंधों का प्रबल समर्थक हूं. बार के सक्रिय सहयोग के बिना न्यायिक प्रणाली में कुछ भी आगे नहीं बढ़ सकता. जस्टिस विश्वनाथन ने अपनी नियुक्ति के लिए सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम को भी धन्यवाद दिया.
'ED डायरेक्टर का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाना अवैध', सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को बड़ा झटका
जानिए दोनों जजों के बारे में..
जस्टिस विश्वनाथन: जस्टिस विश्वनाथन अगस्त 2030 में 9 महीने से ज्यादा समय के लिए भारत के 58वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. 11 अगस्त, 2030 को जस्टिस जेबी पारदीवाला के रिटायरमेंट होने पर जस्टिस विश्वनाथन नए सीजेआई बनेंगे और 25 मई, 2031 तक इस पद पर बने रहेंगे. 26 मई, 1966 को जन्मे जस्टिस विश्वनाथन बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट की बेंच में पदोन्नत होने के बाद सीजेआई के पद तक पहुंचने वाले वकीलों की एक विशिष्ट सूची में शामिल हो जाएंगे.
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा: जस्टिस मिश्रा को 10 दिसंबर, 2009 को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें 13 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने 13 वर्षों से अधिक समय तक हाई कोर्ट के जज के रूप में कार्य किया है. देश के हाईकोर्ट के जजों की वरिष्ठता सूची में वे 21वें स्थान पर हैं.
aajtak.in