SIR अभियान में गोवा–लक्षद्वीप ने 100% लक्ष्य पूरा किया, केरल–तमिलनाडु रह गए सबसे पीछे

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में गोवा और लक्षद्वीप ने 100 फीसदी फॉर्म वितरण पूरा कर लिया है, जबकि गुजरात, अंडमान और पश्चिम बंगाल भी तेज़ी से लक्ष्य के करीब हैं. इसके विपरीत केरल और तमिलनाडु सबसे पीछे हैं.

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SIR समीक्षा में दक्षिण के राज्यों की सुस्त प्रगति निर्वाचन आयोग की चिंता बढ़ाती (Photo: PTI) SIR समीक्षा में दक्षिण के राज्यों की सुस्त प्रगति निर्वाचन आयोग की चिंता बढ़ाती (Photo: PTI)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR अभियान के दसवें दिन तक पूरे देश में तेजी से काम हुआ है. 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे इस अभियान में अब तक 46 करोड़ 51 लाख से अधिक गणना फॉर्म मतदाताओं के घरों तक पहुंचाए जा चुके हैं. इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर योग्य व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल हो और पुरानी सूचनाओं को अपडेट किया जा सके.

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गोवा और लक्षद्वीप इस अभियान के सबसे सफल हिस्सेदार बने हैं. दोनों जगह बूथ लेवल ऑफिसरों (BLO) ने सौ फीसदी फॉर्म घर-घर वितरित कर लक्ष्य काफी पहले ही पूरा कर लिया. 

इसके बाद गुजरात, अंडमान-निकोबार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने भी लगभग शत-प्रतिशत आंकड़ा छू लिया है. गुजरात में 97.38 फीसदी, अंडमान में 96.86 फीसदी और पश्चिम बंगाल में 96.66 फीसदी तक फॉर्म वितरण पूरा हो चुका है.

लेकिन दक्षिण भारत की दो बड़ी राज्यों - केरल और तमिलनाडु - की रफ्तार काफी सुस्त रही. केरल में कुल 2.78 करोड़ फॉर्म छपे थे, जिनमें से सिर्फ 2.09 करोड़ ही घरों तक पहुंच सके, यानी मात्र 75.39 फीसदी वितरण. 

तमिलनाडु में भी 6.41 करोड़ में से सिर्फ 5.62 करोड़ फॉर्म ही बांटे गए, जो 87.66 फीसदी के बराबर है. आयोग के सूत्रों का कहना है कि यहां BLO और प्रशासन की धीमी कार्यशैली इसका बड़ा कारण है.

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अन्य राज्यों की बात करें तो राजस्थान में 95.11 फीसदी, पुदुच्चेरी में 93.63 फीसदी, मध्य प्रदेश में 93.03 फीसदी और छत्तीसगढ़ में 98.18 फीसदी फॉर्म वितरित हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश भी 89 फीसदी से अधिक फॉर्म घरों तक पहुंचा चुका है. अगले 3 से 5 दिनों में पूरे देश में सौ फीसदी लक्ष्य पूरा करने का भरोसा व्यक्त किया जा रहा है.

निर्वाचन आयोग ने बताया कि 2002–2004 की मतदाता सूची को आधार बनाकर कुल 50.97 करोड़ फॉर्म छापे गए थे. अब केवल 4.46 करोड़ फॉर्म ही वितरण के लिए बचे हैं. 4 दिसंबर तक सभी घरों तक फॉर्म पहुंचाना और भरे हुए फॉर्म वापस लेना अनिवार्य है. इसके बाद 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की जाएगी.

अगर किसी मतदाता का नाम ड्राफ्ट सूची में नहीं पाया जाता है, तो वह जिला निर्वाचन अधिकारी के पास अपील दाखिल कर सकता है, और आवश्यक होने पर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सामने भी अपील कर सकता है. अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी.
 

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