देश के 12 राज्यों में 4 नवंबर से शुरू हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभ्यास पर गहरा संकट मंडरा रहा है. इस अभ्यास का उद्देश्य अवैध मतदाताओं को सूची से हटाना है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम करने वाले बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) पर काम का इतना अधिक दबाव पड़ा है कि तीन राज्यों – केरल, राजस्थान और पश्चिम बंगाल - में दर्दनाक घटनाएं सामने आई हैं.
BLOs, जो कि मतदाताओं के लिए संपर्क का पहला पॉइंट होते हैं और इनमें ज़्यादातर सरकारी कर्मचारी, खासकर शिक्षक शामिल हैं, अपनी नियमित ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ SIR का काम भी संभाल रहे हैं. लंबी ड्यूटी, अवास्तविक लक्ष्य और घंटों का अतिरिक्त काम उन्हें मानसिक रूप से तोड़ रहा है.
यह भी पढ़ें: Kerala News: अधिकारी की आत्महत्या से केरल में बवाल, BLO का बायकॉट, SIR प्रक्रिया ठप
BLOs पर अत्यधिक दबाव का सबसे भयानक रूप केरल और राजस्थान में दिखा, जहां दो अधिकारियों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.
राजस्थान (जयपुर): 45 वर्षीय मुकेश जांगिड़ ने ट्रेन के सामने कूदकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली. वह एक सरकारी स्कूल शिक्षक और BLO थे. उनके परिवार का आरोप है कि SIR के काम के बोझ और समय सीमा के दबाव ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया. मुकेश के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने SIR लक्ष्य को पूरा करने के लिए दबाव और निलंबन की धमकी का ज़िक्र किया था. उन्होंने लिखा कि वह पिछले कुछ दिनों से ठीक से सो नहीं पा रहे थे.
केरल (कन्नूर): उसी दिन, कन्नूर में एक अन्य BLO 44 वर्षीय अनीश जॉर्ज अपने घर में फांसी के फंदे से लटके पाए गए. उनके परिवार ने भी काम से संबंधित दबाव को ही मौत का कारण बताया. परिवार के अनुसार, अनीश देर रात 2 बजे तक काम करते थे ताकि वह अपना लक्ष्य पूरा कर सकें. हालांकि, कन्नूर जिला प्रशासन ने SIR ड्यूटी से उनकी मौत का कोई सीधा संबंध होने से इनकार किया है.
पश्चिम बंगाल में भी संकट और विरोध प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल में भी BLOs पर काम के दबाव से संबंधित एक अलग तरह का संकट देखने को मिला. पुरबा बर्धमान जिले में एक BLO, नमिता हांसदा (50), की 9 नवंबर को कथित तौर पर ब्रेन स्ट्रोक से मृत्यु हो गई. उनके परिवार ने आरोप लगाया कि वह काम के अत्यधिक मानसिक तनाव में थीं.
यह भी पढ़ें: असम में SIR शुरू करने का आदेश जारी... डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन 22 नवंबर से, 10 फरवरी को जारी होगी फाइनल लिस्ट
इस घटना के बाद राज्य के कई जिलों में BLOs ने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने देर रात निर्देश मिलने और डिजिटल डेटा एंट्री के अचानक आदेशों को काम के अनुचित दबाव का कारण बताया.
इन आत्महत्याओं और मौतों ने कई राज्यों में फील्ड कार्यकर्ताओं के बीच चिंता बढ़ा दी है. केरल में प्रमुख सरकारी कर्मचारी संगठनों ने SIR प्रोसेस का बहिष्कार किया और विरोध प्रदर्शन किया, जिससे इस महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय अभ्यास के सुचारू संचालन पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है.
aajtak.in