चुनाव आयोग ने सोमवार को असम में मतदाता सूची की ‘स्पेशल रिवीजन’ का आदेश जारी कर दिया. आयोग के अनुसार यह विशेष प्रक्रिया 1 जनवरी 2026 को क्वालिफाइंग डेट मानकर लागू होगी और इसकी अंतिम सूची 10 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी.
चुनाव आयोग ने असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश भेजे हैं कि यह स्पेशल रिवीजन सामान्य वार्षिक संशोधन और ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (SIR) के बीच की प्रक्रिया होगी.
अधिकारियों के मुताबिक, यह व्यवस्था सामान्य संशोधन का एक एडवांस्ड वर्ज़न मानी जा सकती है. इस बार वोटर वेरिफिकेशन एन्यूमरेशन फॉर्म की बजाय प्री-फिल्ड रजिस्टर के आधार पर बूथ लेवल अधिकारी करेंगे.
डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन 22 नवंबर से शुरू
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, घर-घर जाकर वेरिफिकेशन 22 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा. इसके बाद 27 दिसंबर को इंटीग्रेटेड ड्राफ्ट रोल जारी होगा और 10 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची सामने आएगी.
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पिछले महीने चुनाव आयोग ने देश के कई राज्यों - जैसे छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, यूपी, राजस्थान, बंगाल सहित केंद्र शासित प्रदेशों—के लिए SIR जारी किया था. इन राज्यों में से कई में 2026 में चुनाव होने हैं. असम में भी चुनाव अगले साल होने वाले हैं.
असम को अलग आदेश क्यों?
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया था कि असम में नागरिकता से जुड़े अलग प्रावधान हैं और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नागरिकता सत्यापन की प्रक्रिया भी चल रही है. इसी कारण जून 24 का देशव्यापी SIR आदेश असम पर लागू नहीं हो सकता था. इसलिए असम के लिए अलग स्पेशल रिवीजन की व्यवस्था की गई है.
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