शशि थरूर को केरल कांग्रेस अध्यक्ष की दो टूक, नियमों का पालन करें या पार्टी छोड़ दें

कन्नूर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के सुधाकरन ने पार्टी सांसद शशि थरूर की आलोचना की और कहा कि वह या तो पार्टी के फैसलों का पालन कर सकते हैं या पार्टी छोड़ सकते हैं.

Advertisement
शशि थरूर शशि थरूर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:28 PM IST
  • केरल कांग्रेस में कलह, थरूर को खरी खरी
  • प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरन ने कहा, या तो पार्टी के नियमों को माने या बाहर जाएं थरूर

पंजाब और उत्तराखंड के बाद अब केरल कांग्रेस में भी कलह शुरू हो गई है. पार्टी के खिलाफ जाने को लेकर केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सुधाकरन ने सांसद शशि थरूर को चेतवनी दी है.

कन्नूर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के सुधाकरन ने पार्टी सांसद शशि थरूर की आलोचना की और कहा कि वह या तो पार्टी के फैसलों का पालन करें या पार्टी छोड़ सकते हैं.

Advertisement

के सुधाकरन के बयान को पार्टी के राज्य नेतृत्व में थरूर के खिलाफ बढ़ते असंतोष के परिपेक्ष में देखा जा रहा है. केरल कांग्रेस में शशि थरूर को लेकर उस वक्त नाराजगी बढ़ गई जब उन्होंने सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना के खिलाफ यूडीएफ सांसदों द्वारा केंद्र सरकार को भेजे जा रहे एक पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. 

इतना ही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष का पारा उस वक्त और चढ़ गया जब थरूर ने आग में घी डालते हुए, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की 'निवेश अनुकूल' पहल के लिए खुले तौर पर उनकी प्रशंसा कर दी. हालांकि, के सुधाकरन ने हाल के घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "शशि थरूर भी कांग्रेस पार्टी के किसी अन्य सदस्य की तरह ही हैं. हर किसी की अपनी राय है. अगर वह पार्टी के नियमों का पालन करता है तो वह पार्टी में रहेगा, अन्यथा, वह इससे बाहर हो जाएगा चाहे वह शशि थरूर हो या के सुधाकरन, एक व्यक्ति जो पार्टी का सांसद है, उसे पार्टी के फैसलों को खारिज नहीं कर सकता.''

Advertisement

बता दें कि इससे पहले थरूर ने एक ट्वीट के जरिए अपने सहयोगियों की नाराजगी का जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि कुछ मुद्दों में राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना जरूरी है. उन्होंने आगे कहा कि वह सिल्वर लाइन परियोजना पर अध्ययन करने के बाद अपनी राय प्रकट करेंगे.

ये भी पढ़ें:


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement