शंभू बॉर्डर पर फिर छिड़ सकता है संग्राम, आज दिल्ली कूच करेगा 101 किसानों का जत्था

किसानों का जत्था आज फिर दिल्ली कूच की तैयारी कर रहा है. इसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है. किसानों ने शंभू बॉर्डर पर ही प्रेस कांफ्रेंस कर बताया है कि 101 किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे दिल्ली की तरफ रवाना होगा.

Advertisement
शंभू बॉर्डर से आज फिर किसान दिल्ली की तरफ कूच करने जा रहे हैं. (File Photo) शंभू बॉर्डर से आज फिर किसान दिल्ली की तरफ कूच करने जा रहे हैं. (File Photo)

अमन भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

शंभू बॉर्डर (हरियाणा-पंजाब बॉर्डर) पर आज एक बार फिर संग्राम छिड़ सकता है. आज एक बार फिर 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करने जा रहा है. किसानों ने शंभू बॉर्डर पर ही प्रेस कांफ्रेंस कर बताया है कि 101 किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे दिल्ली की तरफ रवाना होगा.

शंभू बॉर्डर पर मीडिया से बात करते हुए किसानों ने भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर चिंता जताई. उन्होंने डीसी अंबाला के संगरूर के डीसी को पत्र लिखने पर साजिश की आशंका भी जताई.

Advertisement

बीजेपी सांसद के बयान की निंदा

किसानों ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सरकार के बातचीत न करने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने सांसद रामचन्द्र जांगड़ा के ब्यान की भी निंदा की. किसानों ने कहा,'मुद्दा इतनी देरी से क्यों उठाया गया. सरकार उनकी है, पुलिस-प्रशासन उनका है. जांच क्यों नहीं कराई. रामचंद्र जांगड़ा को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने रामचंद्र जांगड़ा को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से निकालने की मांग भी की.' बता दें कि सांसद ने किसानों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था. उन्होंने किसानों को 'पंजाब के नशेड़ी' कहकर संबोधित भी किया था.

आंदोलन पर क्या बोले किसान नेता पंधेर?

सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले पर बोलते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा,'सरकार को बातचीत करने और बल न प्रयोग करने के लिए कहा गया है. अब देखते हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की कितनी बात मानती है.'

Advertisement

डल्लेवाल के अनशन का 19वां दिन

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर 26 नवंबर से अनशन पर हैं. आज उनके अनशन को पूरे 19 दिन हो चुके हैं. किसान तक की रिपोर्ट के मुताबिक उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है. डल्‍लेवाल के आमरण अनशन को देखते हुए भारतीय किसान यूनि‍यन (टिकैत) ने भी उनके आंदोलन को समर्थन दिया है. नेता राकेश टिकैत आज खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्‍लेवाल से मुलाकात करने वाले हैं.

ये हैं किसानों की 12 मांगें

1) सभी फसलों की खरीद पर MSP गारंटी अधिनियम बनाया जाए. डॉ. स्वामीनाथन आयोग के निर्देश पर सभी फसलों की कीमतें C2+50% फॉर्मूले के अनुसार तय की जाएं.

2) गन्ने का एफआरपी और एसएपी स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के अनुसार दिया जाना चाहिए, जिससे यह हल्दी सहित सभी मसालों की खरीद के लिए एक राष्ट्रीय प्राधिकरण बन जाए.

3) किसानों और मजदूरों के लिए पूर्ण ऋण माफी.

4) पिछले दिल्ली आंदोलन की अधूरी मांगें...

> लखीमपुर खीरी हत्या मामले में न्याय हो. सभी आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.

> पिछले आंदोलन के समझौते के मुताबिक घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.

> दिल्ली मोर्चा सहित देश भर में सभी आंदोलनों के दौरान किसानों पर दर्ज मामले/मुकदमें रद्द किए जाएं.

Advertisement

> आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों और मजदूरों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी दी जाए.

> दिल्ली (सिंघु बॉर्डर) में किसान मोर्चा के शहादत स्मारक के लिए जगह दी जाए.

> बिजली क्षेत्र को निजी हाथों में देने वाले बिजली संशोधन विधेयक पर दिल्ली किसान मोर्चा के दौरान सहमति बनी थी कि इसे उपभोक्ता को विश्वास में लिए बिना लागू नहीं किया जाएगा, जो की अभी अध्यादेशों के माध्यम से पिछले दरवाजे से लागू किया जा रहा है, इसे निरस्त किया जाना चाहिए.

> कृषि क्षेत्र को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाना चाहिए.

5) भारत को WTO से बाहर आना चाहिए. कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस आदि पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाना चाहिए. प्राथमिकता के आधार पर भारतीय किसानों की फसलों की खरीद की जाए.

6) किसानों और 58 वर्ष से ज्यादा उम्र के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करके 10 हजार रुपये प्रति माह की पेंशन दी जाए.

7) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार स्वयं बीमा प्रीमियम का भुगतान करे, सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनाया जाए, नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन किया जाए.

Advertisement

8) भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को उसी तरीके से लागू किया जाए. भूमि अधिग्रहण के संबंध में राज्यों को दिए गए केंद्र सरकार के निर्देशों को रद्द किया जाए.

9) मनरेगा के तहत हर साल 200 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाए, मजदूरी बढ़ाकर 700 रुपए प्रतिदिन की जाए. इसमें कृषि को शामिल किया जाए.

10) कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए. नकली और घटिया उत्पादों का निर्माण और बिक्री करने वाली कंपनियों पर दंड लगाकर उनका लाइसेंस रद्द किया जाए.

11) संविधान की पांचवीं अनुसूची का कार्यान्वयन.

12) श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 26 हजार रुपये प्रतिमाह करने की मांग.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement