बंद होगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम वाला दुर्गा पूजा पंडाल? आयोजकों का कोलकाता पुलिस पर गंभीर आरोप

कोलकाता के संतोष मित्रा स्क्वायर के दुर्गा पूजा पंडाल को लेकर विवाद छिड़ गया है. बीजेपी पार्षद और पूजा समिति के महासचिव सजल घोष ने ममता बनर्जी सरकार पर कोलकाता पुलिस के जरिए पर इस पंडाल को बंद कराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. इस दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था.

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 कोलकाता के संतोष मित्रा स्क्वायर का ऑपरेशन सिंदूर थीम पर आधारित दुर्गा पूजा पंडाल. (Photo: PTI) कोलकाता के संतोष मित्रा स्क्वायर का ऑपरेशन सिंदूर थीम पर आधारित दुर्गा पूजा पंडाल. (Photo: PTI)

राजेश साहा

  • कोलकाता,
  • 28 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पर आधारित संतोष मित्रा स्क्वायर का दुर्गा पूजा पंडाल का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 26 सितंबर को उद्घाटन किया था. यह पूजा पंडाल इस साल अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ भारत के क्रॉस बॉर्डर एयरस्ट्राइक की याद दिलाता है. बता दें कि पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. 

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इस पूजा पंडाल के भव्य उद्घाटन के एक दिन बाद, बीजेपी पार्षद और इस पूजा समिति के मसचिव सजल घोष ने कोलकाता पुलिस के खिलाफ विस्फोटक आरोप लगाए हैं. उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा, 'कोलकाता पुलिस साजिश रच रही है और पूजा समिति से जुड़े लोगों को परेशान कर रही है, ताकि इस पंडाल को बंद कर दिया जाए. क्योंकि इस साल पिछले तीन वर्षों की तरह ही रिकॉर्ड संख्या में लोग आ रहे हैं.' सजल घोष ने कहा कि पुलिस सड़क के बीच में बैरिकेड्स लगा रही है और भीड़ को दूसरी तरफ मोड़ रही है ताकि लोग हमारे पूजा पंडाल में ना आ सकें.

संतोष मित्रा स्क्वायर कोलकाता में सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय दुर्गा पूजा पंडालों में से एक है. यह पूजा पंडाल हर साल अपने अनूठे थीम के लिए प्रसिद्ध है और पिछले तीन वर्षों से दुर्गोत्सव में यहां भारी भीड़ उमड़ती है. इस साल, संतोष मित्रा स्क्वायर के दुर्गा पूजा पंडाल का थीम 'ऑपरेशन सिंदूर' पर आधारित है, जबकि 2023 में अयोध्या के राम मंदिर को थीम के रूप में प्रदर्शित किया गया था. इस पूजा पंडाल के मुख्य आयोजक बीजेपी नेता सजल घोष ने कहा, 'हमारा ऑपरेशन सिंदूर का थीम कुछ लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है. इसलिए सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के तहत इस पंडाल को बंद कराने के लिए पुलिस को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.'

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साउंड एंड लाइट शो कंपनी को भेजा नोटिस

पूजा समिति के महासचिव और भाजपा पार्षद सजल घोष ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पर पंडाल बनाने का उद्देश्य देशभक्ति की भावना जागृत करना और सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि देना है. उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर हर भारतीय के दिल की आवाज़ है, जो हमारे सशस्त्र बलों की ताकत को दर्शाता है. इस पंडाल के माध्यम से, हम अपने सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि देना चाहते थे.' इस पूजा समिति को अब तक स्थानीय पुलिस स्टेशन से कई निर्देशों और दिशानिर्देशों के साथ 4 पत्र प्राप्त हो चुके हैं. इस बार, पुलिस ने संतोष मित्रा स्क्वायर दुर्गा पूजा पंडाल का साउंड एंड लाइट शो संभालने वाली राजस्थान की कंपनी 'एके प्रोजेक्टिंग' को नोटिस जारी किया है. नोटिस मुचिपारा पुलिस स्टेशन द्वारा भेजा गया है और कंपनी से कई जानकारियां मांगी गई हैं. 

सजल घोष का दावा है कि स्थानीय पुलिस स्टेशन ने साउंड एंड लाइट शो कंपनी का लाइसेंस, जीएसटी दस्तावेज, साउंड ​लिमिटर दस्तावेज, आयोजकों के साथ एग्रीमेंट की प्रति मांगी है. पुलिस ने कंपनी के साउंड एंड लाइट शो के परमिट की भी मांग की है. यह भी पता चला है कि पुलिस नोटिस में कलकत्ता हाई कोर्ट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों का उल्लेख किया गया है. यह नोटिस राजस्थान की एके प्रोजेक्टिंग को भेजा गया है. इससे एक नया विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी पार्षद और दुर्गा पूजा समिति के महासचिव सजल घोष ने कोलकाता पुलिस प्रशासन पर असहयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, 'पहले दिन, पुलिस ने हमारे एक स्पॉन्सर को मुचिपारा पुलिस स्टेशन में तीन घंटे तक बैठाए रखा. आज, उन्होंने बाहर से आए और साउंड एंड लाइट शो का काम कर रहे लोगों को पत्र भेजकर लाइसेंस मांगा गया है. पुलिस ने ही हमें इस पंडाल के लिए अनुमति दी थी. अब हम तय करेंगे कि क्या हमारे लिए पूजा जारी रखना संभव है. अगर ऐसी स्थिति बनती है, तो जरूरत पड़ने पर हम मंडप की बत्तियां बंद कर देंगे.'

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पुलिस पर हादसे की साजिश रचने का आरोप

सजल घोष ने कहा, 'साजिश पूरी तरह तैयार है ताकि कोई हादसा हो और फिर पूजा समिति को दोषी ठहराया जाए. चूंकि हमारा थीम ऑपरेशन सिंदूर है, यह कुछ लोगों को पच नहीं रहा है. सरकार ने कोलकाता पुलिस के जरिए जो साजिश रची है, वह यह है कि 40 फीट की सड़क को गार्डरेल से बंद कर दिया जाए और लोगों को 15 फीट की सड़क से चलने के लिए मजबूर किया जाए. जहां आम तौर पर 700 मीटर चलकर पंडाल तक पहुंचा जा सकता है, वहां लोगों को 3 से 3.5 किलोमीटर की अलग-अलग सड़कों से होकर 15 फीट के बैरिकेड्स के माध्यम से प्रवेश करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.' बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर तृणमूल सरकार और कोलकाता पुलिस पर निशाना साधा.

उन्होंने एक पोस्ट में कहा, 'पश्चिम बंगाल सरकार जिस तरह से संतोष मित्रा स्क्वायर में दुर्गा पूजा को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसका उद्घाटन इस साल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था, वह पूरी तरह से शर्मनाक है. टीएमसी के नेतृत्व वाली ममता सरकार मां दुर्गा की पूजा में बाधा डाल रही है. पूजा शुरू होने से पहले ही इसे रोकने की कोशिश से लेकर बाद में ऑपरेशन सिंदूर के साउंड एंड लाइट शो का विरोध करने तक, हर कदम भारत के लोगों को उनके राष्ट्रीय गौरव से वंचित करने के उद्देश्य से उठाया गया है. कोलकाता की सड़कों पर बैरिकेड्स लगाकर लोगों को उत्सव में शामिल होने और हिंदुओं को मां दुर्गा की पूजा करने से रोकना पूरी तरह से शर्मनाक है. स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि पूजा आयोजक चेतावनी दे रहे हैं कि अगर यह जारी रहा, तो उन्हें दशमी से पहले मूर्ति का विसर्जन करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. अगर भारतीय धरती पर, कोलकाता के दिल में इस तरह के हिंदू विरोधी कार्यों को अनुमति दी जाती है, तो ममता प्रशासन को कड़ा विरोध झेलना पड़ेगा.'

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कोलकाता पुलिस ने आरोपों को किया खारिज

वहीं कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने इन आरोपों पर आजतक से बातचीत में कहा, 'सियालदह की ओर से, जिसमें रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन शामिल हैं, हर घंटे लगभग 70,000 से 80,000 लोगों की भीड़ संतोष मित्रा स्क्वायर के दुर्गा पूजा पंडाल में आ रही है. चूंकि पंडाल के सामने लगभग 3 मिनट का एक ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन चलाया जा रहा है, इसलिए बड़ी संख्या में लोग इसे देखने, फोटो खींचने और वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए रुक रहे हैं. नतीजतन, वहां 3 मिनट के लिए भारी भीड़ जमा हो रही है. इससे पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में समस्या हो रही है. इसलिए, भीड़ को प्रबंधित करने और भगदड़ जैसी गंभीर दुर्घटनाओं से बचने के लिए, हम कुछ जगहों पर बैरिकेड्स लगा रहे हैं और भीड़ को दूसरी सड़क पर मोड़ा जा रहा है. यह केवल जनता की सुरक्षा के लिए है क्योंकि जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है.' 

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