'डिप्टी सीएम पोस्ट से हटाएं, FIR दर्ज की जाए...' सुप्रीम कोर्ट में सम्राट चौधरी के खिलाफ याचिका दायर

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है, जिसमें उन पर चुनावी हलफनामे में उम्र गलत बताने का आरोप लगाया गया है. याचिका में उनका नामांकन रद्द करने, FIR दर्ज करने और निर्वाचन आयोग को जांच के निर्देश देने की मांग की गई है.

Advertisement
सम्राट चौधरी के बारे में कहा जा रहा है कि वह मर्डर केस में दोषी रहे हैं. (Photo: Abhishek Pandey/ITG) सम्राट चौधरी के बारे में कहा जा रहा है कि वह मर्डर केस में दोषी रहे हैं. (Photo: Abhishek Pandey/ITG)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:09 PM IST

बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने चुनावी नामांकन के हलफनामे में उम्र को लेकर गलत जानकारी दी है. याचिकाकर्ता ने उन्हें डिप्टी सीएम पोस्ट से हटाने और उनका नामांकन रद्द करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आदेश जारी करने की मांग की है. 

Advertisement

याचिका में दावा किया गया है कि सम्राट चौधरी ने वर्ष 1995 में एक आपराधिक मामले में अपनी उम्र 15 वर्ष बताई थी. लेकिन पांच साल बाद, 1999 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने खुद को 25 वर्ष का बताया. याचिकाकर्ता के अनुसार, इस विरोधाभास से यह साबित होता है कि उन्होंने अदालत और निर्वाचन आयोग दोनों को गुमराह किया.

यह भी पढ़ें: बिहार चुनाव: 'पहले चरण में NDA को 100 सीटें, 2010 का रिकॉर्ड टूटेगा', सम्राट चौधरी का बड़ा दावा

इतना ही नहीं, याचिका में यह भी कहा गया है कि सम्राट चौधरी के 2020 और 2025 के चुनावी हलफनामों में भी उम्र के आंकड़े मेल नहीं खाते. इस आधार पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने जानबूझकर झूठे हलफनामे दाखिल किए ताकि अपनी उम्मीदवारी को वैध दिखा सकें.

चुनाव आयोग को भी आदेश जारी करने की मांग

Advertisement

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी अनुरोध किया है कि निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह इस पूरे मामले की जांच करे और आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू करे. इस बीच, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी पहले इस मामले को उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि सम्राट चौधरी ने 1995 के तारापुर हत्याकांड (केस संख्या 44/1995) में खुद को नाबालिग बताकर राहत हासिल की थी.

यह भी पढ़ें: 'बिहार में 15 साल अराजकता, 18.5 लाख नौकरी NDA की देन', बोले सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी ने जन्मतिथि में हेरफेर कर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया

प्रशांत किशोर ने कहा था, "सम्राट उस वक्त आरोपी नहीं, बल्कि दोषी थे, जिन्होंने जन्मतिथि में हेरफेर कर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया. उनके 2020 के हलफनामे के अनुसार वे 51 वर्ष के हैं, यानी 1995 में उनकी उम्र 24-25 वर्ष रही होगी." अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है और विपक्ष इसे नैतिकता का मुद्दा बना रहा है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement