बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर रविवार को हुई फायरिंग का मामला चर्चा में बना हुआ है. गैंगस्टर बिश्नोई लॉरेंस गैंग ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. लेकिन सवाल ये है कि सलमान के घर पर फायरिंग करवाने के पीछे बिश्नोई गैंग का मकसद क्या है?
कहा जा रहा है कि सलमान के घर पर फायरिंग कराने की दो सबसे बड़ी वजह हैं. पहला सलमान खान को इस बात का अहसास दिलाना की वो लॉरेंस बिश्नोई गैंग की पहुंच से ज्यादा दूर नहीं है. दूसरी सबसे बड़ी वजह मुंबई के दौलतमंदों से मोटी उगाही वसूलना भी है.
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों की माने तो यही वजह है कि सलमान खान के घर पर फायरिंग करने के बाद कबूलनामे का जो फेसबुक पोस्ट सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया. उसमें अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का भी नाम लिखा था.
सुरक्षा एजेंसियों को लगता है कि दाऊद का नाम लिखने के पीछे की वजह ये बताने की है कि अब मुंबई में दाऊद का कोई वर्चस्व नहीं है. सलमान के घर पर फायरिंग करवाकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग मुंबई को एक्सटॉर्शन के एक बड़ी मार्केट के तौर पर देख रहा है. पुलिस का ये भी मानना है कि इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद खुलकर स्वीकार करने की वजह आरोपियों का विदेश में होना है.
सूत्रों का कहना है कि ये गैंगस्टर जानते हैं कि उन तक आसानी से पहुंचा नहीं जा सकता. यही वजह है कि वे अक्सर छोटे-मोटे अपराधों में शामिल लड़कों को अपने गैंग में रिक्रूट करते हैं और उनके द्वारा अपने दुश्मनों को ठिकाने लगवाते हैं. बिश्नोई गैंग किसी वारदात को अंजाम देने के लालच में शूटर्स को भरोसा देता है कि काम हो जाने के बाद उन्हें विदेश भेज दिया जाएगा. इस लालच में नौजवान किसी भी बड़ी वारदात को अंजाम देने से हिचकते नहीं है.
दाऊद इब्राहिम का खौफ का साम्राज्य
1993 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद एक समय में भारत में खौफ का पर्याय हुआ करता था. दाऊद ने डर और खौफ के दम पर अरबों का कारोबार खड़ा कर दिया था. दाऊद का कारोबार भारत-पाकिस्तान ही नहीं दुनियाभर के देशों में फैला था. एक जमाने में मुंबई में हफ्ता मांगने वाले, चोरी करने वाले दाऊद ने काले धंधे के दम पर अरबों की दौलत जुटा ली थी. कोई ऐसा काला कारोबार नहीं थी, जहां दाऊद का पैसा न लगा हो. उसने भारत में उगाही से लेकर आतंकवाद हर तरह के अपराधों को अंजाम दिया. दाऊद की डी कंपनी बड़े पैमाने पर एक्सटॉर्शन में शामिल थी. भारत छोड़कर फरार होने के बाद भी वह अपने गुर्गों के जरिए टारगेट किलिंग करवाता था और उगाही करता था. इतना ही नहीं दाऊद ने अफीम और ड्रग तस्करी का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया था. कहा जाता था कि वह पाकिस्तान की इंटेलिजेंस कंपनी के साथ मिलकर काम करता था.
रायगढ़ के शोरूम से खरीदी थी हमले में शामिल बाइक
सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने शूटिंग में इस्तेमाल बाइक को कुछ दिन पहले रायगढ़ के एक शोरूम से खरीदा था. आरोपियों ने शूटिंग में इस्तेमाल बाइक को कुछ दिन पहले रायगढ़ के एक शोरूम से खरीदा था. पुलिस जांच कर रही है कि बाइक खरीदते समय डॉक्यूमेंट्स किस शख्स के लगवाए गए हैं. ये भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बाइक के कागजात फर्जी है या नहीं.
रविवार को घर के बाहर हुई फायरिंग
मुंबई में सुपरस्टार सलमान खान के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर दो लोगों ने हवाई फायरिंग की थी. दोनों शूटर बाइक से आए थे और हवा में फायरिंग कर भाग गए थे. इससे पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ से धमकी भरा पत्र मिलने के बाद से सलमान खान को मुंबई पुलिस द्वारा सभी हथियार और सुरक्षाकर्मी दिए गए हैं. सलमान को एक व्यक्तिगत हथियार लाइसेंस भी दिया गया है, ताकि वह अपनी सुरक्षा के लिए एक निजी हथियार रख सकें. उनके घर के आसपास भी तीन शिफ्टों में चौबीस घंटे पुलिस की कड़ी सुरक्षा रहती है.
सलमान खान को किससे है खतरा?
सलमान खान को बिश्नोई गैंग से सबसे बड़ा खतरा है. लॉरेंस बिश्नोई और भारत-कनाडा से वॉन्टेड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने कई बार सलमान खान को मारने की धमकी दी है. बिश्नोई और गोल्डी बराड़ कई बार सलमान पर हमला कराने के लिए अपने शूटर भी भेज चुके हैं.
बता दें कि लॉरेंस का बेहद खास गैंगस्टर संपत नेहरा साल 2018 में सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट की रेकी कर चुका है. हालांकि, हमले को अंजाम देने के पहले हरियाणा पुलिस ने नेहरा को गिरफ्तार कर लिया था. उसने पूछताछ में सलमान खान पर हमले की पूरी प्लानिंग का खुलासा भी किया था.
सलमान का दुश्मन क्यों बना गैंगस्टर लॉरेंस?
गैंगस्टर लॉरेंस, बिश्नोई समाज से है. वे लोग जानवरों को खासतौर पर हिरण को भगवान समान मानते हैं. वो काले हिरण की पूजा करते हैं. ऐसे में जब सलमान खान का नाम काला हिरण शिकार केस में आया था, तो लॉरेंस ने सलमान को मारने की धमकी दी थी और तभी से लॉरेंस बुरी तरह सलमान खान की जान का दुश्मन बना हुआ है.
अरविंद ओझा