'भारत से सलाह के बिना दुनिया का कोई बड़ा मसला हल नहीं होता', बोले जयशंकर

जयशंकर ने नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत से चर्चा के बगैर किसी भी बड़े वैश्विक मुद्दे पर फैसला लिया जाता. हम बदल गए हैं और हमें लेकर दुनिया का दृष्टिकोण भी बदला है. हमें सीखना होगा कि अलग-अलग देशों से डील करते वक्त हमारे हितों पर कैसे गौर किया जए.

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विदेश मंत्री जयशंकर विदेश मंत्री जयशंकर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि बीते कुछ सालों में भारत को लेकर दुनियाभर का नजरिया बदला है. अब स्थिति ऐसी है कि भारत की सलाह और मशवरे के बिना किसी भी बड़े वैश्विक मुद्दे पर फैसला नहीं लिया जाता.  

जयशंकर ने नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत से चर्चा के बगैर किसी भी बड़े वैश्विक मुद्दे पर फैसला लिया जाता. हम बदल गए हैं और हमें लेकर दुनिया का दृष्टिकोण भी बदला है. हमें सीखना होगा कि अलग-अलग देशों से डील करते वक्त हमारे हितों पर कैसे गौर किया जए.

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इस दौरान जयशंकर ने भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों पर भी बात करते हुए कहा कि जब तक कि सीमा मुद्दों का हल नहीं निकलेगा, तब तक वे सामान्य नहीं हो सकते.

उन्होंने कहा कि मैंने अपने चीनी समकक्ष से कह दिया है कि जब तक कि आप सीमा विवाद का हल नहीं निकालते, तब तक संबंधों में सुधार नहीं हो सकता. 

बता दें कि जयशंकर कई मौकों पर वैश्विक पटल पर भारत की मजबूत स्थिति का उल्लेख कर चुके हैं. वह हाल ही में अपनी किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' पर चर्चा के दौरान भारत को लेकर रामायण का जिक्र किया था. 

'हर राम को एक लक्ष्मण की जरूरत होती है'

उन्होंने कहा था कि रामायण में कई बेहतरीन डिप्लोमैट हुए हैं. हमें राम और लक्ष्मण के रूप में एक महान साझेदारी भी देखने को मिली हैं. रामायाण में कई बेहतरीन डिप्लोमैट थे. हर कोई हनुमान की बात करता है. लेकिन वहां अंगद भी थे. हर किसी ने कूटनीतिक स्तर पर अपना योगदान दिया है. भारत में हम राम-लक्ष्मण की जोड़ी का नाम लेते हैं. इसका मतलब है कि कभी ना बिछड़ने वाले दो भाई. हर राम को एक लक्ष्मण की जरूरत होती है. अगर आपके पास भरोसेमंद दोस्त और सहयोगी हैं तो उससे सभी का भला होता है.

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यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के लिए फ्रांस लक्ष्मण है? इस पर जयशंकर ने कहा था कि किताब में फ्रांस पर एक पूरा चैप्टर है, जिसमें कई बार लक्ष्मण का जिक्र किया गया है. जयशंकर ने दशरथ के चार बेटों राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का उल्लेख करते हुए क्वाड पर बात की है.

उन्होंने कहा था कि अगर मैं क्वाड की बात करूं तो उसकी तुलना दशरथ के चार बेटों राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के तौर पर होगी, जो कई मायनों में प्रतिस्पर्धी भी हैं लेकिन उनमें मौलिक समानताएं भी हैं. एक वाकया है, जब राम को वनवास दे दिया गया था, लक्ष्मण उनके साथ गए थे. जंगल में राम और लक्ष्मण से मिलने बाकी के दोनों भाई गए थे. उनमें एक समानता थी, जो उन्हें जोड़े हुए थी. ठीक ऐसा ही क्वाड के साथ भी है. हम अलग-अलग होते हुए भी एक साथ हैं. यही हमारी यानी क्वाड की विशेषता है.

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