World Exclusive: G-7 देशों को पुतिन ने दिखाया आईना, आजतक से बोले- ये किस आधार पर Great?

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को इंटरव्यू दिया. (Photo- ITG) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को इंटरव्यू दिया. (Photo- ITG)

अंजना ओम कश्यप / गीता मोहन

  • मॉस्को,
  • 04 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:13 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत आने से पहले आजतक को ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. रूस की राजधानी मॉस्को के क्रेमलिन में आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन को दिए वर्ल्ड एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पुतिन ने G8 से बाहर होने से जुड़े सवाल का खुलकर जवाब दिया. पुतिन का कहना था कि जी8 देश खुद को बड़ा क्यों मानते हैं, ये समझ नहीं आता है. मैंने जी8 में जाना छोड़ दिया है. दुनिया हमेशा बदलती रहती है.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बुधवार शाम भारत पहुंचे. यूक्रेन युद्ध के बाद उनका यह पहला भारत दौरा है, जिसे मौजूदा जियोपॉलिटिक्स हालात और भारत-रूस के बीच 25 साल की रणनीतिक साझेदारी के संदर्भ में बेहद अहम माना जा रहा है. पुतिन के साथ मंत्री और बड़ी प्रतिनिधिमंडल टीम भारत आई है. दिल्ली पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनकी अगुवाई की गई और दोनों नेता एक ही कार से लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, जहां साथ में डिनर किया जा रहा है. गुरुवार को दोनों नेता शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस दौरे में रक्षा सौदों समेत 25 बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर प्रस्तावित हैं.

पुतिन ने दिया 100 मिनट का सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

भारत आगमन से पहले पुतिन ने आजतक को दिए 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई मुद्दों पर स्पष्ट राय रखी. क्रिमिया पोर्ट के अधिग्रहण पर लगाए गए आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि क्रिमिया पर कब्जा नहीं किया गया, बल्कि वहां के लोगों की मदद की गई, जिनकी इच्छा सोवियत संघ के विघटन के बाद नजरअंदाज हो गई थी. पुतिन के अनुसार, सेवस्तोपोल नौसेना पोर्ट पर रूसी नौसेना की मौजूदगी पहले से थी और यह यूक्रेन के साथ समझौते का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि रूस हमेशा अपनी सुरक्षा और भलाई की रक्षा करता है और इसके विपरीत किसी भी धारणा को गलत बताया.

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'यूक्रेन विवाद से कोई संबंध नहीं'

G8 को लेकर भी पुतिन ने स्पष्ट राय रखी. उन्होंने बताया कि G8 की बैठकों में जाना उन्होंने काफी पहले बंद कर दिया था और इसका यूक्रेन विवाद से कोई संबंध नहीं है. पुतिन ने कहा कि G8 के सदस्य खुद को बड़ा क्यों मानते हैं, यह समझना मुश्किल है, जबकि भारत आज आर्थिक रूप से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यूके 10वें स्थान के आसपास है. पुतिन के अनुसार, यूक्रेन की अर्थव्यवस्था लगातार सिकुड़ रही है, जर्मनी में मंदी है, लेकिन फिर भी ये देश साथ मिलकर बैठकें करते हैं. उन्होंने गंभीर लहजे में कहा कि इस मंच पर अब उनकी कोई विशेष दिलचस्पी नहीं है और इस बारे में अमेरिका को भी जानकारी दे दी गई थी.

रूस और यूरोपीय संघ के मौजूदा संबंधों पर बात करते हुए पुतिन ने कहा कि स्थिति सामान्य नहीं है, ऐसे में G8 जैसी बैठकों में शामिल होने से कोई व्यावहारिक लाभ नहीं दिखता. उनका सवाल था कि यदि सदस्य देश संवाद की इच्छा ही न दिखाएं तो ऐसी बैठक में किसी तरह की सार्थक बातचीत कैसे संभव है.

'G8 की बैठकों में जाना क्यों बंद किया?'

पुतिन ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि उन्होंने अमेरिकी कारोबारी स्टीव विटकॉफ को उन कारणों के बारे में बताया था, जिनकी वजह से उन्होंने G8 की बैठकों में जाना बंद किया. 2012 में रूस के राष्ट्रपति चुनाव के बाद उन्होंने इस मंच से दूरी बनानी शुरू की थी. हालांकि वे कुछ समय के लिए फिर शामिल हुए, लेकिन उसके बाद पूरी तरह दूर हो गए. पुतिन ने बताया कि BRICS, SCO और G20 जैसे बड़े प्लेटफॉर्म आज कहीं ज्यादा सक्रिय और प्रासंगिक हैं और रूस इन सभी में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा ले रहा है.

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पुतिन के अनुसार, मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में भारत-रूस संबंध और भी अहम हो गए हैं. भारत के लगातार बढ़ते प्रभाव और रूस के साथ मजबूत दोस्ती को उन्होंने वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया. उनके भारत दौरे को इसी संदर्भ में ऐतिहासिक माना जा रहा है.

पुतिन का G8 पर पूरा बयान

पुतिन का कहना था कि मैंने स्टीव विटकॉफ को समझाया कि मैंने पहले G8 की बैठकों में जाना क्यों बंद किया. सच कहूं तो कोई प्रस्ताव ही नहीं आया. बल्कि जब ये विषय आया तो मुझे वह समय याद आया जब मैंने वहां जाना बंद किया था. वो 2012 का समय था, रूस में राष्ट्रपति चुनाव के बाद. फिर मैं एक बार कुछ समय के लिए गया और फिर उसके बाद नहीं गया. हां, यह एक प्लेटफ़ॉर्म है, ठीक है, इसे काम करने दीजिए. लेकिन आप जानते हैं, दूसरे बड़े संगठन भी सामने आ रहे हैं. जैसे BRICS, SCO और G20 अभी भी सक्रिय हैं और हम इन सभी प्लेटफ़ॉर्म्स में हिस्सा ले रहे हैं. हमें इसके खिलाफ कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन अब दूसरे पहलू को देखें, रूस और यूरोपीय संघ के बीच वर्तमान संबंधों की स्थिति क्या है? यह सामान्य नहीं है. तो सोचिए, अगर मैं G8 जाऊं तो मैं G8 के सदस्यों से कैसे बात करूं अगर वे मुझसे बात करना ही नहीं चाहते? वहां मैं क्या करूं? खैर, हम शायद इस पर बाद में बात करेंगे.

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पुतिन ने ब्रिटेन और जर्मनी की अर्थव्यवस्थाओं पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि यूरोप के ज्यादातर देश मंदी की कगार पर खड़े हैं और ऐसे में G7 की प्रासंगिकता पर सवाल उठते हैं. पुतिन ने कहा कि G7 का प्रभाव लगातार घट रहा है.

क्या है G8?

G8 यानी ग्रुप ऑफ एट- दुनिया की आठ सबसे विकसित और शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतरराष्ट्रीय समूह था. इसका उद्देश्य था- दुनिया के बड़े आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करना और सामूहिक फैसले लेना. G8 के सदस्य देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, कनाडा, जापान और रूस शामिल थे. हालांकि बाद में रूस की सदस्यता निलंबित कर दी गई. इसके बाद समूह फिर से G7 बन गया, जिसमें रूस शामिल नहीं है.

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