प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. यह चार्जशीट ब्रिटेन के डिफेंस डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर की गई है.
इस केस में विदेशी संपत्तियों और अवैध वित्तीय लेन-देन के पुराने आरोपों की फिर से जांच शुरू हो गई है. ये चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश की गई है, जो प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज की गई है.
अधिकारियों के अनुसार, इस साल जुलाई में रॉबर्ट वाड्रा का बयान मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 50 के तहत दर्ज किया गया था. ईडी ने उन पर आरोप लगाया है कि वे संजय भंडारी से जुड़ी विदेशी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन से संबंधित हैं. भंडारी पहले से ही विदेश में अघोषित संपत्तियां रखने के आरोपों का सामना कर रहे हैं.
ईडी की जांच की शुरुआत 2016 में संजय भंडारी पर हुई आयकर विभाग की छापेमारी से हुई थी. इन छापों में कथित तौर पर कुछ ईमेल और दस्तावेज बरामद हुए थे, जो भंडारी के रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगियों से संबंध दर्शाते हैं. इन सामग्रियों में लंदन की एक संपत्ति के रिन्यूअल का भी जिक्र था, जिसे भंडारी की मालिकाना हक वाली माना जाता है.
जांचकर्ताओं का दावा है कि यह संपत्ति वाड्रा के निर्देशों के अनुसार और उनके जुड़े हुए बिचौलियों के माध्यम से रेनोवेट कराई गई थी. बता दें कि पिछले कई वर्षों में ईडी ने हरियाणा में रॉबर्ट वाड्रा, संजय भंडारी और दोनों से जुड़े लोगों द्वारा की गई जमीन सौदों की भी जांच की है.
एजेंसी ने इससे पहले भारत में कई संपत्तियों को कुर्क किया था, जिन्हें रॉबर्ट वाड्रा या उनके जुड़े हुए निकायों से संबंधित बताया गया था. ईडी का दावा है कि ये संपत्तियां भंडारी के विदेशी लेन-देन से उत्पन्न अपराध की आय का प्रतिनिधित्व करती हैं.
बता दें कि वाड्रा लगातार इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं. उन्होंने इस जांच को राजनीति से प्रेरित बताया है. उनका कहना है कि लंदन में उनकी कोई संपत्ति नहीं है और उन्होंने इस मामले में बरामद दस्तावेजों की ईडी की व्याख्या पर भी सवाल उठाया है.
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