बकरीद के त्योहार से पहले कुर्बानी पर सियासी तनातनी छिड़ गई है. कई धर्मगुरुओं और बीजेपी नेताओं ने बकरीद पर कुर्बानी का विरोध किया है तो कई नेताओं ने कुर्बानी के खिलाफ धमकी भरे अंदाज में बयान दिए हैं और इन्हीं बयानों ने बकरीद से पहले सियासी ताप बढ़ा दिया है. कई राज्यों में बकरीद से पहले तीखे बयानों का दौर चल पड़ा है. इसी बीच दिल्ली सरकार एडवाइजरी जारी कर गाय, बछड़े, ऊंट और अन्य प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी और सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी पर रोक लगा दी है.
कुर्बानी के त्योहार पर मजहबी तकरार तो बीते कुछ दिनों से लगातार जारी है, लेकिन बकरीद से पहले यूपी में बयानों का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ, जिसने विवाद को और ज्यादा गरमा दिया.
दरअसल, बकरीद से पहले यूपी में बड़े पशुओं की कुर्बानी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है... बीजेपी के एक और नेता संगीत सोम ने कहा है कि देश में एक कानून होना चाहिए, कुर्बानी गैरकानूनी है तो नहीं होनी चाहिए. हिंदुओं की बलि प्रथा पर रोक क्यों है. बलि प्रथा पर रोक है तो कुर्बानी क्यों होगी, कुर्बानी जैसी व्यवस्था बिल्कुल बंद होनी चाहिए.
'बहेगी खून की धारा...'
सबसे तल्ख बयान यूपी में दर्जा प्राप्त मंत्री राजेश्वर सिंह का आया है जो मंच से कुर्बानी का विरोध करते-करते... विवादित बयान दे गए. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में प्रतिबंधित पशु मुसलमानों को हम नहीं काटने देंगे और ये प्रतिबंधित पशु यदि कटे तो जिस तरह से पशु कटेंगे, उसी तरह से ... कटेंगे और खून की धारा कुशीनगर से बहेगी.
अखिलेश ने साधा निशाना
वहीं, राजेश्वर सिंह के बयान के बाद यूपी में सियासी सरगर्मी तेज हो गईं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी के मंत्री के इस्तीफे की मांग की. अखिलेश ने कहा कि ऐसे नेता और उनकी पार्टी की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए. ये विचारधारा आ कहां से रही है. कही तो ट्रेनिंग मिल रही होगी. इन लोगों को बुनियादी सवालों पर बहस नहीं करनी.
इसी बीच AIMIM के प्रवक्ता ने आसिम वकार ने कहा कि जहां हजारों पशु रोज काटे जाते हैं और अल दुआ बीफ एक्सपोर्ट करता है. 35 मुल्कों में उसका मांस जाता है. मोदी जी से उसका लाइसेंस कैंसिल कराएं.
यूपी पुलिस के DGP ने जारी गाइडलाइन
वहीं, बकरीद से पहले जिस तरह से नेताओं की बयानबाजी चल रही है और कुर्बानी को लेकर चेतावनी-धमकियों वाली सियासत हो रही है...उसे लेकर पुलिस-प्रशासन सतर्क है.
इसी बीच यूपी पुलिस के डीजीपी ने सख्त गाइडलाइन जारी की है. एडीजी, आईजी और एसपी को निर्देश है कि सभी जिलों में संवेदनशील इलाकों पर पुलिस, पीएसी और होमगार्ड की पर्याप्त तैनाती की जाए. दंगा निरोधी उपकरणों से लैस क्विक रिस्पॉन्स टीम तैयार रखी जाए, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले और भड़काऊ पोस्ट पर सख्त चौकसी रखी जाए.
इसके साथ ही धार्मिक स्थलों के आसपास प्रभावी गश्त बढ़ाई जाए. साथ ही प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पर पाबंदी सख्ती से लागू की जाए.
बकरीद के त्योहार से पहले पुलिस-प्रशासन की पूरी तैयारी है, लेकिन तमाम नेताओं के बयानों से चलते तनाव बना हुआ है, जिसे लेकर विरोधियों का सरकार पर हमला हो रहा है. कुर्बानी पर तकरार और सियासी वार-पलटवार के बीच...प्रशासन तैयार है. हालांकि, उकसाउ बयानों के चलते यूपी में सियासी तल्खी का पारा भी हाई है.
दिल्ली सरकार ने जारी की गाइडलाइन
बकरीद से पहले राजधानी दिल्ली में बयान की बहार है. ईद से पहले दिल्ली सरकार ने सख्त गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि खुले में या प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी की जाती है तो ऐसी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. एडवाइजरी में गाय, बछड़े, ऊंट और अन्य प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. इसके अलावा सार्वजनिक स्थलों जैसे सड़क, गली या किसी खुली जगह पर कुर्बानी करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है.
महाराष्ट्र में भी सियासत तेज
वहीं, महाराष्ट्र में भी बकरीद पर सियासत बढ़ गई है. कल्याण के दुर्गाडी मंदिर पर बकरीद के दिन शिवसेना मंदिर पर खुला रखकर पूजा पाठ करे की मांग की है. इसी मांग को लेकर पिछले दिनों ठाकरे की शिवसेना के उपनेता विजय साल्वी और शिवसेना विधायक विश्वनाथ भोईर पुलिस के पास पहुंचे थे.
दरअसल, शांति भंग होने के डर से पुलिस बकरीद के दिन कल्याण के दुर्गाडी किले के मंदिर को बंद कर देती है और नमाज कुर्बानी तक दुर्गाडी किले में प्रवेश करने, सुबह की आरती और घंटे घड़ियाल बजाने पर प्रतिबंध लगाती रही है. लेकिन इस बार शिवसेना मंदिर को खुला रखने की मांग कर रही है. हालांकि, कल्याण में बकरीद पर घंटा बजाओ अभियान बालासाहेब ठाकरे ने ही शुरू कराया था. जिसे उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेता चालू रखना चाहते हैं.
उधर बीजेपी के नेता नीतेश राणे इस दलील के साथ पशुओं की कुर्बानी का विरोध कर रहे हैं कि हिंदू पर्व त्योहार जब इको फ्रेंडली हो सकते हैं तो बकरीद क्यों नहीं.
आदित्य ठाकरे का कहना है कि सरकार का काम ये सब देखना नहीं है .. सरकार का काम है लोगों की समस्याओं को दूर रखना .. त्योहारों में घुसना सरकार का काम नहीं है .. सरकार का काम है पहलगाम के आतंकियों को पकड़ना है.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नीतेश राणे का कहना है कि वर्चुअल बकरीद मनाने मे गलत क्या है? हम अगर पशु प्रेमी है, जानवर की जान बचानी है तो अलग-अलग तरिके है... जब हिंदु त्योहार से पहले हमें कुछ लोग सलाह देते है वो सरकार के माध्यम से नहीं आते.
महाराष्ट्र सरकार ने घटाया परीक्षण शुल्क
ये और बात है कि एक तरफ बीजेपी नेता और मंत्री नीतेश राणे एक तरफ बकरीद पर कुर्बानी का विरोध कर रहे हैं दूसरी तरफ महाराष्ट्र की सरकार और पशुपालन मंत्री पंकजा मुंडे ने पशुओं के वध से पहले लगने वाला परीक्षण शुल्क 200 रुपये से घटाकर 100 रुपये कर दिया है.
मध्यप्रदेश में भी गाइडलाइन जारी
मध्यप्रदेश बकरीद पर खुले में कुर्बानी को लेकर उठे विवाद के बीच अब मध्य प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड ने कुर्बानी को लेकर एडवाइजरी जारी की है...जिसमें कहा है, कुर्बानी की जगह को चारों तरफ से दीवार- टीनशेड से बंद रखें. चयनित स्थानों पर ही कुर्बानी करें, प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी किसी भी सूरत में न करें, कुर्बानी का कोई वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल न करें, ईद की नमाज केवल ईदगाह के अन्दर और मस्जिद परिसर में ही पढ़ें.
आजतक ब्यूरो