'SIR पर तत्काल शुरू हो चर्चा', राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे की मांग, रिजिजू बोले- ये तरीका नहीं

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नियम 267 के तहत 'SIR' (संभवतः किसी गंभीर विषय)/ पर तत्काल चर्चा शुरू करने की मांग की. खड़गे ने कहा कि 12-13 लोगों की जान जा चुकी है. इस पर सत्ता पक्ष के नेता किरेन रिजिजू ने जवाब दिया और कहा कि टाइमलाइन की शर्त लाना सही तरीका नहीं है.

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SIR पर तत्काल हो चर्चा, राज्यसभा में बोले खड़गे. (photo: ITG) SIR पर तत्काल हो चर्चा, राज्यसभा में बोले खड़गे. (photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में SIR पर तत्काल चर्चा की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे 12-13 लोगों की जान जा चुकी है. ये अर्जेंट मैटर है. इस पर तत्काल चर्चा शुरू होनी चाहिए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति से सामने सदन की परंपरा का सवाल उठाते हुए कहा, 'हमने नियम 267 के तहत जो नोटिस दिया है, उसमें नोटिस देने वाले सदस्यों के नाम और नोटिस का सब्जेक्ट बताना चाहिए. ये परंपरा रही है. निचले सदन में भी ये परंपरा है. नोटिस देने वाले सदस्यों के नाम भी नहीं पढ़ते, सब्जेक्ट भी नहीं पढ़ते, यह अच्छा नहीं है.'

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये भी कहा कि आज आपका पहला कार्यदिवस है. आप बस नड्डा साहब की ओर देखते हैं. इधर भी देख लिया कीजिए. खड़गे की इस बात पर सभापति ने कहा कि हाउस ऑर्डर में रहे, तो सबको सुनें. जब हाउस ऑर्डर में ही नहीं है, तब कोई चेयरमैन कैसे किसी को सुन सकता है.

इस पर खड़गे ने कहा कि हाउस ऑर्डर में लाना आपका काम है, सरकार का काम है. विपक्ष का नहीं.

12-13 लोगों की जा चुकी है जान

विपक्ष के नेता ने एसआईआर पर तत्काल चर्चा की डिमांड करते हुए कहा कि 12-13 लोगों की जान जा चुकी है. ये अर्जेंट मैटर है. इस पर तत्काल चर्चा शुरू होनी चाहिए.

उनकी डिमांड पर नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि कल संसदीय कार्य मंत्री ने कहा था कि हम इस मुद्दे पर जल्दी आएंगे.

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हम विपक्षी दलों से कर रहे हैं चर्चा: रिजिजू

किरेन रिजिजू ने कहा कि कृपया टाइमलाइन कंडीशन मत लाइए. हम अलग-अलग विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स के साथ चर्चा कर रहे हैं. जल्दी ही इस पर फैसला होगा.

उन्होंने कहा कि समस्या तब है, जब आप टाइमलाइन कंडीशन लगाते हैं. आप चुनाव नहीं जीत पाते हैं, जनता आपको स्वीकार नहीं करती है और उसका गुस्सा आप लोग यहां निकालते हो. ये ठीक नहीं है. अभी बताओ का तरीका नहीं होता है.

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