महाराष्ट्र में हुए सियासी उठपटक को लेकर मनसे प्रमुख राजठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस पूरे घटनाक्रम की निंदा की. हालांकि उन्होंने रविवार को हुए इस सत्ता पलट के वाकये के लिए शरद पवार को ही जिम्मेदार ठहराया और उन पर निशाना साधा. इसके साथ ही एक सवाल के जवाब में राज ठाकरे ने इस पूरे घटनाक्रम के पीछे शरद पवार का ही हाथ होने की आशंका जता दी है.
पूरे महाराष्ट्र लोग निराशः राज ठाकरे
पुणे में एक सम्मेलन के दौरान महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थिति को लेकर राज ठाकरे ने कहा कि, पिछले दो दिनों में महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में जो कुछ भी हुआ वह बेहद बुरा है. आप पूरे महाराष्ट्र में किसी भी घर में जाएं, लोग निराश हैं, गुस्से में हैं. इस विकास और पार्टी विभाजन के बारे में अपशब्द कहे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि, यह यह मतदाताओं का अपमान है. मैंने अपने भाषणों में कई बार ऐसे कुत्सित कदमों का उल्लेख किया है, ऐसा कई बार हो चुका है.
शरद पवार पर साधा निशाना
सत्ता में आने के लिए पार्टियों में कूदने की यह प्रवृत्ति सबसे पहले 1978 में शरद पवार ने ही शुरू की थी, और अंत में इसने शरद पवार पर ही पलटवार किया है. उन्हें अपना ही किया हुआ वापस मिला है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि यह शरद पवार का खेल है कि अजित पवार ने बीजेपी से हाथ मिलाया है. इस पर राज ठाकरे ने कहा, मुझे लगता है कि प्रफुल्ल पटेल, वल्से पाटिल और छगन भुजबल ये तीन ऐसे कट्टर समर्थक हैं जो अजित पवार के साथ नहीं जाएंगे, इसलिए मुझे इन तीनों पर संदेह है. इनकी अजित पवार के साथ जाकर मंत्री पद स्वीकार करने की संभावना नहीं थी. कुछ दिन पहले अजित पवार ने सभी होर्डिंग्स पर शरद पवार की फोटो लगाने का निर्देश दिया था, इसकी जरूरत नहीं थी.
सुप्रिया सुले को लेकर कही थी ये बात
बता दें कि एक दिन पहले भी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने ऐसी ही टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि, छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल जैसे लोग सरकार में शामिल हो रहे हैं, ये सामान्य बात नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें हैरानी नहीं होगी अगर अगले कुछ दिनों में सुप्रिया सुले केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री बन जाएं.
शरद पवार पर भी की थी टिप्पणी
वहीं इस घटनाक्रम में एनसीपी चीफ शरद पवार के रोल पर भी राज ठाकरे ने अहम टिप्पणी की थी. राज ठाकरे ने कहा था कि पवार साहेब भले ही कह रहे हों कि उनका इस उथल-पुथल से कुछ लेना देना नहीं है, लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूं कि दिलीप वल्से पाटिल, प्रफुल्ल पटेल और छगन भुगबल जैसे नेता वैसे नहीं जाएंगे जबतक कि इन्हें जाने को नहीं कहा जाए. मुझे आश्चर्य नहीं होगा कि भविष्य में शरद पवार की बेटी केंद्र में मंत्री बन जाएं.
पंकज खेळकर