उत्तर भारत में बारिश और बाढ़ से तबाही, पंजाब में 43 मौतें... हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद, हिमाचल-उत्तराखंड और J&K में भूस्खलन से भारी नुकसान

उत्तर भारत में भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने कई राज्यों को बुरी तरह प्रभावित किया है. पंजाब में 43 लोगों की मौत हुई और 1,948 गांव जलमग्न हो गए. वहीं, हिमाचल और उत्तराखंड में भी भारी तबाही मची है.

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पंजाब में बाढ़ के पानी से गुजरते स्थानीय लोग.(Photo: ITG) पंजाब में बाढ़ के पानी से गुजरते स्थानीय लोग.(Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

उत्तर भारत में भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने कई राज्यों को बुरी प्रभावित हैं. जम्मू, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में व्यापक तबाही मची हुई है, जिससे हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई है, ब्रिज-सड़कें बह गई हैं और जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों के लिए केंद्रीय टीमों का गठन किया है, जो नुकसान का आकलन कर रही हैं. साथ ही स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है.

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बाढ़ का सबसे भयावह रूप पंजाब में देखने को मिला है. राज्य सरकार के अनुसार, अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य के 23 जिलों में 1,948 गांव जलमग्न हो गए हैं और लगभग 3,84,322 लोग बाढ़ की चपेट में हैं, जिनमें से 21,929 को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया है.

आंकड़ों के अनुसार, 1,72,323.16 हेक्टेयर फसल क्षेत्र बुरी तरह से बर्बाद हो गया है. पंजाब की प्रमुख बासमती फसल को करीब 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जैसे जिलों में 50 प्रतिशत से अधिक कृषि क्षेत्र जलमग्न हो गया.

हिमाचल में बारिश और भूस्खलन से तबाही

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने भयंकर स्थिति पैदा हो गई है. शुक्रवार को कुल्लू के इन्नर अखाड़ा बाजार इलाके में हुए अचानक भूस्खनल की चेपट में तीन मकान आ गए, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य लोग जख्मी हो गए.

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इसके अलावा मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और सिरमौर समेत अन्य जिलों में 819 सड़कें प्रभावित हुए हैं. वहीं, एक सितंबर को चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर हुए भूस्खलन के बाद हाईवे को बंद कर दिया गया था.

उधर मौसम विभाग ने उना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर के लिए दो दिनों का रेड अलर्ट जारी किया, जिसमें भूस्खलन और बाढ़ की चेतावनी दी गई. वहीं, जून 20 से अब तक 1,852 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें 108 मौतें और 36 लापता शामिल हैं.

उत्तराखंड में भी तबाही

उत्तराखंड में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया है. अगस्त में बादल फटने और भूस्खलन से चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जिलों में तबाही मची. इस प्रकृतिक आपदा में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं.

जम्मू में 11 दिन से बंद हैं स्कूल

इसके अलावा जम्मू संभाग में 26 अगस्त से हो रही भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण स्कूल पिछले 11 दिनों से बंद हैं. स्कूल शिक्षा निदेशालय जम्मू ने संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश जारी किए हैं कि वे 10 सितंबर से ऑफलाइन कक्षाओं के फिर से शुरू होने की तैयारी सुनिश्चित करें. आदेश में कहा गया है कि सभी प्रमुखों और स्टाफ को सोमवार से ड्यूटी पर रिपोर्ट करना होगा तथा स्कूल भवनों का व्यापक सुरक्षा और सुरक्षा ऑडिट कराना होगा.

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प्रमुख शिक्षा अधिकारी दिन-प्रतिदिन की एक्टिविटी की निगरानी करेंगे और विस्तृत रिपोर्ट निदेशालय को सौंपेंगे. आदेश में कहा गया, 'सभी संबंधितों को निर्देश दिए जाते हैं कि वे इन निर्देशों का समय पर और पूर्ण रूप से पालन सुनिश्चित करें.' भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे कई दिनों तक बंद रहे, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ.

आपको बता दें कि गृह मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) गठित की है जो नुकसान का आकलन करेगी. सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ राहत कार्यों में लगी हैं.

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