देश के कई राज्यों में बारिश ने बढ़ाई मुसीबत, दिल्ली में यमुना फिर उफान पर, गुजरात-महाराष्ट्र में 'जल सैलाब'

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश के कई हिस्सों में बारिश मुसीबत बनी हुई है. कर्नाटक और केरल के कुछ जिलों में भारी बारिश को देखते हुए स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा राजधानी दिल्ली में यमुना का बढ़ा हुआ जलस्तर भी मुसीबत बन रहा है. ऐहतियात के तौर पर दिल्ली में पुराने लोहा पुल को बंद कर दिया गया है.

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बारिश को लेकर अलर्ट जारी (फाइल फोटो) बारिश को लेकर अलर्ट जारी (फाइल फोटो)

पंकज जैन / शिबिमोल / सगाय राज / सौरभ वक्तानिया

  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 7:05 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश और यमुना का बढ़ा हुआ जलस्तर चिंता का विषय बना हुआ है. दिल्ली में लोहे का पुराना पुल बंद कर दिया गया है. यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के बीच एक बार फिर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी खतरा मंडराने लगा है. पिछली बार यमुना में बाढ़ का पानी वजीराबाद, चंद्रावाल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भर जाने की वजह से बंद करना पड़ा था और दिल्ली के कई इलाकों को पानी सप्लाई की दिक्कत झेलनी पड़ी थी. लेकिन एक बार फिर से बाढ़ के खतरे की दस्तक है और सबक लेते हुए दिल्ली सरकार ने सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की दीवारों को ऊंचा किया है. 

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रविवार को दिल्ली के बाढ़ एवं सिंचाई विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया. पिछली बार यमुना का पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के भीतर आ जाने की वजह से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़ा था. सौरभ भारद्वाज ने बताया कि एक बार फिर से यमुना का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है और इस वक्त यमुना का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर है जो कि खतरे के निशान से ऊपर है. जानकारियां मिल रही हैं कि हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा क्षमता के साथ पानी छोड़ा जा रहा है.

इस बार नहीं बंद होंगे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट!

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछली बार यह स्तर 208 मीटर के ऊपर तक गया था, जिसके कारण वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, ओखला ट्रीटमेंट प्लांट और चंद्रावल ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़ा था. जिसके कारण दिल्ली में उत्पादित होने वाले पानी का लगभग 25% उत्पादन बाधित हुआ था. पिछली बार की परेशानियों को देखते हुए इस बार दिल्ली सरकार ने काफी तैयारियां की हैं. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के आसपास की सभी दीवारों को ऊंचा कर दिया गया है, ताकि इस बार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अंदर पानी ना जा सके. इस बार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के आसपास की दीवारों को इतना ऊंचा कर दिया गया है कि यदि यमुना का जलस्तर 209 मीटर तक भी हो जाए, जो कि संभव नहीं है, बावजूद इसके पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अंदर नहीं घुस पाएगा और इस बार वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों को बंद करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

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मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस समय सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं. यमुना में जलस्तर बढ़ने के कारण पीछे से पानी के साथ पेड़, पौधे और कुछ गंदगी जो बह कर आ रही है, कई बार वह मोटर में आकर फंस जाती है. ऐसे में जो गोताखोर हैं वह लगातार उसकी सफाई के काम में लगे हुए हैं. लेकिन अभी तक इस प्रकार की कोई परेशानी नहीं देखने में आई है, जिसकी वजह से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़े और आशा है कि आगे भी ऐसी कोई परेशानी नहीं आएगी. फिलहाल सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ चल रहे हैं.

तेजी से बढ़ रहा यमुना का जलस्तर

बताते चलें कि दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. रविवार रात 8:00 बजे यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर और 37 सेंटीमीटर दर्ज हुआ है. दिल्ली सरकार का कहना है कि जिन जगहों से पानी यमुना से बाहर निकलकर पहले दिल्ली की सड़कों पर आ गया था, उन सभी जगहों की पूरी तरह से निगरानी की जा रही है और उन जगहों पर इस तरह की व्यवस्था की गई है. जैसे कि दीवार बनाकर या अन्य व्यवस्थाएं करके, ताकि इस बार वह पानी बाहर निकल कर दिल्ली की सड़कों पर न आ सके. इस काम को करने के लिए सरकार ने 60 अलग-अलग टीमों का गठन किया है, जो कि दिल्ली के ऐसे ही स्थानों पर मुस्तैदी के साथ निगरानी रखे हुए हैं, जहां से पिछली बार पानी बाहर निकल कर दिल्ली की सड़कों पर आ गया था.

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नोएडा और गाजियाबाद में हिंडन नदी ने बिगाड़े हालात

यमुना के बाढ़ का पानी अभी ठीक से कम भी नहीं हुआ कि एक और नदी हिंडन में बाढ़ आने से नोएडा और गाजियाबाद के कुछ इलाकों मे पानी आ गया. आनन फानन में किसी तरह फायर की टीम ने कुछ घरों को खाली करवाया है. माना जा रहा है कि जलस्तर और बढ़ सकता है, जिसको लेकर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है.

गौरतलब है कि दिल्ली के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी बारिश की वजह से स्थिति खतरनाक बनी हुई है. उत्तराखंड पुलिस ने जानकारी दी कि भारी बारिश के बाद सीतापुर के पास एक अस्थायी पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण फंसे पर्यटकों की सूचना मिलने पर, उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ तुरंत नदी क्षेत्र में पहुंची और रस्सी की मदद से 100 से ज्यादा पर्यटकों को सुरक्षित बचाया गया. 

केरल में स्कूलों की छुट्टी

वहीं केरल में बारिश के मद्देनजर कन्नूर, कोझिकोड और वायनाड जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थानों में कल छुट्टी घोषित कर दी गई है. कन्नूर, कोझिकोड, वायनाड, कासरगोड, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम जिलों में कल के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि, कन्नूर यूनिवर्सिटी की पीएससी परीक्षा में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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उत्तराखंड में इस तरह के स्कूलों में छुट्टी घोषित

वहीं उत्तराखंड के विभिन्न मैदानी और पहाड़ी जिलों में बारिश के अलर्ट के बीच डीजी स्कूल शिक्षा बंशीधर तिवारी ने जिलों के डीएम और मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा है. डीजी स्कूल शिक्षा तिवारी ने लिखा है कि कृपया मानसून अलर्ट के दौरान संबंधित जिलों में स्कूलों की भौगोलिक और संरचनात्मक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए एहतियाती उपाय सुनिश्चित करें. जिन स्कूल क्षेत्रों में छात्र बरसाती नाले या नालों से गुजरते हैं, वहां भारी बारिश होने पर छुट्टी घोषित कर दें. 

साथ ही कहा गया है कि विपरीत परिस्थितियों में भी ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा सकती हैं. अधिकारी ने कहा कि स्कूल प्रशासन सुनिश्चित करे कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में स्कूलों के पास माता-पिता की कॉन्टैक्ट डिटेल हो. नोटिस में अधिकारी बंशीधर तिवारी ने स्कूल प्रमुखों से विद्युत सुरक्षा और जर्जर स्कूल भवनों की जांच करके छात्र सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है.

कर्नाटक में सड़कों पर जाम की स्थिति

कर्नाटक में बागमानडाला के पास भारी बारिश के कारण कावेरी का पानी बढ़ने से सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में  भारी बारिश के चलते स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. इसके अलावा महाराष्ट्र में आईएमडी ने कल के लिए पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है. 

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गुजरात में ऑरेंज अलर्ट

वहीं आपको बता दें कि गुजरात के जूनागढ़ में बाढ़ का पानी घटा है. जूनागढ़ में 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसके अलावा आईएमडी ने गुजरात के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है. गुजरात के जूनागढ़ जिले में मूसलाधार बारिश के एक दिन बाद रविवार को बाढ़ का पानी कम हो गया, अब ध्यान सामान्य स्थिति बहाल करने पर है. अधिकारियों ने कहा, जिले में लगभग 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर कर दिया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को गुजरात के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी करते हुए कहा कि राज्य में 24 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश होने की उम्मीद है.

इन जिलों में भारी बारिश की संभावना

इसके अलावा अगले 24 घंटों में देवभूमि द्वारका, राजकोट, भावनगर और वलसाड जिलों में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश के साथ कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की भी भविष्यवाणी की गई है. अधिकारियों ने कहा कि जूनागढ़ शहर में रविवार सुबह 6 बजे समाप्त 24 घंटे की अवधि में 241 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे कई हिस्सों में जलभराव हो गया, क्षतिग्रस्त कारें एक-दूसरे पर ढेर हो गईं और मवेशियों के शव अचानक बाढ़ में बह गए. उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण शनिवार को गुजरात में दो राष्ट्रीय राजमार्ग, 10 राज्य राजमार्ग और 300 ग्रामीण सड़कें बंद कर दी गईं और जहां पानी कम हुआ, वहां यातायात फिर से शुरू हो गया.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति के संबंध में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से बात की. जूनागढ़ के कलेक्टर अनिल राणावासिया ने कहा, 'बारिश रुकने के बाद शहर से पानी कम हो गया है. लगभग 200 लोगों को बचाया गया और 750 लोगों को शहर के निचले इलाकों से ट्रांसफर किया गया. वहीं अन्य 2,220 लोगों को शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर किया गया.' उन्होंने कहा कि बिजली बहाल करने का प्रयास लगभग पूरा हो चुका है और शिविरों में रहने वाले लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं.

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