रेलवे बोर्ड ने हाल ही में जम्मू तवी-साबरमती एक्सप्रेस में एक कोच अटेंडेंट द्वारा आर्मी जवान की चाकू मारकर हत्या करने की घटना के बाद 18 जोनों को सभी ऑन-बोर्ड कॉन्ट्रैक्चुअल स्टाफ (एसी कोच अटेंडेंट, OBHS स्टाफ, लिनेन वितरण कर्मी आदि) की तत्काल और व्यापक पुलिस वेरिफिकेशन पूरी करने का निर्देश दिया है.
CMM पोर्टल पर अपडेट होगा डेटा
बोर्ड ने स्पष्ट कहा कि ये प्रक्रिया कोचिंग मेंटेनेंस मैनेजमेंट (CMM) पोर्टल पर तुरंत अपडेट की जाए, ताकि सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन हो सके. ये घटना 4 नवंबर को जम्मू तवी-साबरमती एक्सप्रेस में उस समय घटी जब वह उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के बीकानेर डिवीजन से गुजर रही थी.
18 जोनों के महाप्रबंधकों को लिखा पत्र
रेलवे बोर्ड ने सभी 18 जोनों के महाप्रबंधकों को लिखे पत्र में कहा, 'हाल ही में एक ट्रेन में हुई घटना के मद्देनजर ये सुनिश्चित करना और भी जरूरी हो गया है कि सभी ट्रेन में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का व्यापक पुलिस सत्यापन पूरा किया जाए और उसे तुरंत सीएमएम (कोचिंग रखरखाव प्रबंधन) पोर्टल पर अपडेट किया जाए.'
इसमें कहा गया है, 'क्षेत्रीय रेलवे को स्थिति की जांच करनी चाहिए, लंबित मामलों की पहचान करनी चाहिए और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए सत्यापन प्रक्रिया को जल्द पूरा करना चाहिए.'
बोर्ड के अनुसार, यात्रियों को निरंतर सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे ऐसी सेवाओं की सुरक्षित और प्रभावी डिलीवरी के लिए पेशेवर एजेंसियों को नियुक्त करती है.
क्यों जरूरी है बैकग्राउंड चेक?
पत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि ट्रेन में यात्रा करने वाले संविदा कर्मचारियों, जैसे एसी कोच अटेंडेंट, ओबीएचएस (ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विसेज) स्टाफ आदि की उचित पृष्ठभूमि की जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे यात्रियों को सेवाएं प्रदान करते हैं. बोर्ड ने कहा, 'इस संबंध में, ओबीएचएस/लिनन वितरण कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन सुनिश्चित करने और उनकी सख्त निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सीएमएम पोर्टल पर डेटा अपलोड करने के लिए वक्त-वक्त पर निर्देश जारी किए गए हैं.'
2015 का सर्कुलर फिर से लागू
इसमें कहा गया है, 'क्षेत्रीय रेलवे को पुनः सलाह दी जाती है कि वे सभी ऑन-बोर्ड कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कार्य पूरा करें तथा सीएमएम पोर्टल पर डेटा अपडेट सुनिश्चित करें.'
पत्र में 2015 का एक परिपत्र संलग्न था जिसमें बोर्ड ने सभी रेलवे जोन को निर्देश दिया था कि वे एक संविदा बेडरोल अटेंडेंट द्वारा एक महिला के साथ कथित दुर्व्यवहार के मामले की रिपोर्ट के बाद पुलिस सत्यापन कराएं.
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