कैसे डिलीट हुए वोट, किसने भरा फॉर्म, CID ने क्या मांगा... 6 पॉइंट्स में समझें राहुल गांधी ने आज क्या-क्या बोला

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में वोट डिलीट और फर्जी वोट जोड़ने का खेल सॉफ्टवेयर के जरिए सेंट्रलाइज्ड तरीके से किया जा रहा है. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को निशाने पर रखते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने सीआईडी की मांगों को नजरअंदाज किया.

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राहुल गांधी ने कई सबूत और गवाह पेश किए, जिनमें बताया गया कि यह ऑपरेशन खासतौर पर कांग्रेस के मजबूत बूथों को टारगेट कर किया गया. (Photo: ITG) राहुल गांधी ने कई सबूत और गवाह पेश किए, जिनमें बताया गया कि यह ऑपरेशन खासतौर पर कांग्रेस के मजबूत बूथों को टारगेट कर किया गया. (Photo: ITG)

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर बड़ा हमला बोला. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार खासतौर पर उनके निशाने पर रहे. राहुल गांधी ने कर्नाटक और महाराष्ट्र का उदाहरण देकर समझाया और दावा किया कि देशभर में वोट डिलीट और फर्जी वोट ऐड करने का खेल सेंट्रलाइज्ड तरीके से, बड़े पैमाने पर और सॉफ्टवेयर के जरिए किया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने कई सबूत और वोटर्स को गवाह के रूप में पेश किया.

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कैसे डिलीट हो रहे वोट?

राहुल गांधी ने आरोप लगाया, 'हम क्यों कह रहे हैं कि यह काम सेंट्रलाइज्ड तरीके से हो रहा है. यह किसी व्यक्ति के जरिए नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर के जरिए किया जा रहा है. सीरियल नंबरों को देखिए... एक सॉफ्टवेयर बूथ पर पहला नाम उठाकर उसका इस्तेमाल वोट डिलीट करने के लिए कर रहा है. किसी ने एक ऑटोमेटेड प्रोग्राम चलाया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बूथ पर पहला मतदाता ही आवेदक दिखे. उसी व्यक्ति ने राज्य से बाहर के मोबाइल फोन लिए और उनका इस्तेमाल करके आवेदन दाखिल किया. हमें पूरा यकीन है कि यह काम सेंट्रलाइज्ड तरीके से और बड़े पैमाने पर किया गया है. यह किसी कार्यकर्ता स्तर पर नहीं किया गया, बल्कि पूरे सिस्टम के स्तर पर किया गया है.'

असली आवेदक कौन थे?

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राहुल गांधी ने कहा कि जिन लोगों के नाम पर आवेदन दाखिल किए गए, उन्होंने कभी ऐसा कोई आवेदन किया ही नहीं. उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक के आलंद में 6,018 वोट डिलीट किए गए, लेकिन असली मतदाताओं को इसकी जानकारी तक नहीं थी.

'CID ने मांगी जानकारी लेकिन आयोग चुप'

राहुल गांधी ने कहा, 'कर्नाटक सीआईडी ने इस मामले की जांच करते हुए चुनाव आयोग को 18 महीनों में 18 बार पत्र लिखकर तीन जानकारियां मांगी– डेस्टिनेशन IP, डिवाइस पोर्ट और OTP ट्रेल्स. लेकिन चुनाव आयोग ने कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई.' राहुल ने आरोप लगाया कि यह सब इसलिए छिपाया जा रहा है क्योंकि इससे साफ हो जाएगा कि ऑपरेशन कहां से चल रहा है.

'डिलीट ही नहीं, फर्जी वोट जोड़ने का भी खेल'

राहुल ने कहा, 'कर्नाटक के आलंद में जहां वोट डिलीट किए गए, वहीं महाराष्ट्र के राजुरा में फर्जी वोट जोड़े गए.' उन्होंने कहा कि कर्नाटक में गोडाबाई, सूर्यकांत और नागराज जैसे असली लोगों के नाम पर वोट डिलीट कर दिए गए और दूसरी तरफ रैंडम नामों से नए वोट ऐड कर दिए गए.

कांग्रेस बूथों को टारगेट किया गया

राहुल के मुताबिक, यह ऑपरेशन खासतौर पर उन बूथों पर किया गया जहां कांग्रेस मजबूत रही है. उदाहरण के तौर पर, 2018 में आलंद के 10 में से 8 बूथ कांग्रेस ने जीते थे और इन्हीं बूथों को निशाना बनाया गया. उन्होंने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा, 'उन्हें उन लोगों की रक्षा करना बंद करना चाहिए जो भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद कर रहे हैं. हमने 100% बुलेटप्रूफ सबूत दे दिए हैं. चुनाव आयोग को इन फोन नंबरों और OTPs का डेटा जारी करना होगा.'

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'कई राज्यों में चल रहा है यह खेल'

राहुल ने दावा किया कि यह काम सिर्फ कर्नाटक या महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, बल्कि हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों में यही सिस्टम इस्तेमाल हुआ है. हमारे पास इसके ठोस सबूत हैं कि यह सब सेंट्रलाइज्ड स्तर पर और बड़े पैमाने पर हुआ है.

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