रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में डिनर का आयोजन किया जा रहा है. पुतिन इस डिनर में शिरकत करने के लिए थोड़ी देर में राष्ट्रपति भवन पहुंचेंगे. कांग्रेस सांसद शशि थरूर को डिनर के लिए न्योता भेजा गया है जबकि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को न्योता नहीं भेजा गया है. इस पर अब प्रतिक्रिया सामने आई है.
राष्ट्रपति भवन के सूत्रों के मुताबिक, राज्य समारोहों में आमंत्रण किसी भी पदाधिकारी का अधिकार नहीं होता. ऐसे आमंत्रण देते समय यह भी ध्यान में रखा जाता है कि अतीत में संबंधित व्यक्ति ने राज्य समारोहों में उपस्थिति दर्ज की थी या नहीं. पहले देखा गया है कि विपक्ष के नेता (LoP) गणतंत्र दिवस, मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह जैसे महत्वपूर्ण राज्य समारोहों में उपस्थित नहीं हुए थे. जब भारत के राष्ट्रपति किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित करते हैं, तो उस आमंत्रण का सम्मान करना अपेक्षित होता है. फिर भी, किसी को आमंत्रित करना या न करना पूरी तरह राष्ट्रपति भवन का विशेषाधिकार है.
भारत और रूस के बीच 19 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं. इन समझौतों का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाना है. ये समझौते भारत-रूस के बीच शिपबिल्डिंग, भारतीय नाविकों को बर्फीले समुद्री इलाकों में जहाज चलाने की ट्रेनिंग, नई शिपिंग लेन पर निवेश और सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा पर समझौतों पर साइन किए गए.
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस को सबसे करीबी सहयोगियों में से एक बताते हुए कहा कि भारत और रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह अटल है. वहीं, पुतिन ने कहा कि उनकी टीम सिर्फ तेल और गैस पर बात करने या सौदे करने के लिए भारत नहीं आई है. वे भारत के साथ हर क्षेत्र में रिश्ते और व्यापार बढ़ाना चाहते हैं.
इससे पहले पुतिन ने कहा कि उनका देश भारत को बिना किसी रुकावट के लगातार तेल की सप्लाई करता रहेगा. यह ऐलान ऐसे समय पर किया गया है, जब अमेरिका, भारत पर लगातार रूस से तेल नहीं खरीदने का दबाव बनाए हुए है. अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के आरोप में भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ भी लगा रखा है. ट्रंप का कहना था कि रूसी तेल और हथियार खरीदकर भारत यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को फायदा पहुंचा रहा है.
प्रणय उपाध्याय