पानी पर जुबानी जंग! CM मान बोले- हमारे हकों पर BJP का एक और 'डाका', बर्दाश्त नहीं करेंगे

भगवंत मान ने दावा किया कि हरियाणा की पीने की ज़रूरतों के लिए 1700 क्यूसेक पानी पर्याप्त है, लेकिन पंजाब 6 अप्रैल से रोज़ाना 4000 क्यूसेक पानी छोड़ रहा है.

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पंजाब के CM भगवंत मान (फाइल फोटो) पंजाब के CM भगवंत मान (फाइल फोटो)

अमन भारद्वाज

  • चंडीगढ़/दिल्ली,
  • 01 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बीच पानी का विवाद दिल्ली के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के आरोपों से और गहरा गया है. वर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली में AAP की हार के बाद पंजाब सरकार ने राजनीतिक रूप से प्रेरित होकर दोनों राज्यों को पानी की आपूर्ति रोक दी है. वर्मा ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे 'गंदी राजनीति' बताया और पंजाब को चेतावनी दी कि वह ऐसा करना बंद करे.

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इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा को आवंटित पानी का केवल 60 फीसदी ही देने के लिए पंजाब की आलोचना की और इसे राज्य की पेयजल जरूरतों के लिए अपर्याप्त बताया. सैनी ने इस बात पर जोर दिया कि मुद्दा पीने के पानी का है, न कि सतलज-यमुना लिंक (SYL) नहर का और पंजाब द्वारा ज्यादा पानी देने से इनकार करने की निंदा की.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी सरकार के रुख का बचाव करते हुए दावा किया कि बीजेपी राजनीतिक फायदे के लिए मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है. 

CM भगवंत मान ने CM सैनी को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा CM नायब सैनी को पत्र लिखकर कहा है कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है. बीजेपी पंजाबियों के खिलाफ षडयंत्र कर रही है और ज़बरदस्ती पंजाब के पानी पर डाका डालना चाहती है, मैं किसी हालत में पंजाब के लोगों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा.

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भगवंत मान ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "पंजाब और पंजाबियों के हक के पानी को BBMB के ज़रिए हरियाणा को देने के फैसले का पूरा पंजाब कड़ा विरोध करता है. केंद्र और हरियाणा की बीजेपी सरकार पंजाब के खिलाफ एकजुट हो गई है. हमारे हक़ों पर बीजेपी का एक और डाका हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. बीजेपी विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहे. बीजेपी कभी भी पंजाब और पंजाबियों की अपनी नहीं हो सकती.

वहीं, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "BJP ने एक बार फिर पंजाब के किसानों के साथ धोखा किया है. BBMB के ज़रिए 8500 क्यूसिक पानी पंजाब से छीनने का फ़ैसला पंजाब के लोगों के हक़ पर डाका है. ये वही पानी है, जो पंजाब के खेतों, पंजाब के किसानों का हक़ है. कांग्रेस चुप है, BJP लूट में शामिल है."

सिसोदिया ने आगे कहा कि पंजाब के लोग अपने हक़ पर डाका डालने वालों को कभी माफ़ नहीं करेंगे. मान सरकार ने साफ़ कहा है- पंजाब का पानी, सिर्फ़ पंजाब के लिए रहेगा, एक बूंद भी नहीं देंगे.

यह भी पढ़ें: पंजाब-हरियाणा में पानी पर तकरार, CM सैनी ने किया पलटवार

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'...वरना पंजाब से भी जाओगे'

दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "पंजाब सरकार हरियाणा और दिल्ली का पानी रोककर गंदी राजनीति पर उतर आई है. दिल्ली में हारने के बाद अब दिल्ली में जल संकट पैदा करना चाहते हैं. हम दिल्ली में साफ़ और हर घर में पानी देने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और अब पंजाब सरकार दिल्ली की जनता से ऐसे बदला लेना चाहती है. बंद करो ये गंदी राजनीति वरना पंजाब से भी जाओगे.

'1700 क्यूसेक पानी पर्याप्त...'

भगवंत मान ने दावा किया कि हरियाणा की पीने की ज़रूरतों के लिए 1700 क्यूसेक पानी पर्याप्त है, लेकिन पंजाब 6 अप्रैल से रोज़ाना 4000 क्यूसेक पानी छोड़ रहा है. उन्होंने संकेत दिया कि हरियाणा इसे सिंचाई के लिए मोड़ सकता है: 'रोज़ाना 8500 क्यूसेक की यह मांग बताती है कि यह सिर्फ़ पीने के लिए नहीं है.' 

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सीएम सैनी को लिखे पत्र में बीजेपी पर हरियाणा और केंद्र सरकार के ज़रिए चल रहे जल विवाद में डाका डालने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने बीबीएमबी की अवैध बैठकों का आरोप लगाया और चेतावनी दी: 'हम किसी भी हालत में पंजाब के हक का पानी नहीं छीनने देंगे.'

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