बाढ़ग्रस्त पंजाब के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग, विधानसभा में प्रस्ताव पेश

पंजाब के 23 जिलों में भीषण बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई थी. बाढ़ ने पिछले 37 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. राज्य की आम आदमी पार्टी ने अब सरकार के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है.

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पंजाब विधानसभा में विशेष आर्थिक पैकेज को लेकर प्रस्ताव पेश (Photo: PTI) पंजाब विधानसभा में विशेष आर्थिक पैकेज को लेकर प्रस्ताव पेश (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

पंजाब में बाढ़ को लेकर विधानसभा के विशेष सत्र का आज आयोजन हो रहा है. इस दौरान सिंचाई मंत्री बरिंदर गोयल ने बाढ़ को लेकर प्रस्ताव पेश किया. लेकिन साथ ही केंद्र सरकार पर पंजाब को लेकर उदासीन रुख अख्तियार करने का आरोप भी लगाया.

जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने प्रस्ताव पेश करते हुए राज्य के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की मांग की. इस प्रस्ताव को पेश करते हुए गोयल ने कहा कि पंजाब में बाढ़ की वजह से बेतहाशा नुकसान हुआ. इससे 34 लाख लोग प्रभावित हुए. इससे राज्य में बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी नुकसान पहुंचा. इस वजह से मैं प्रस्ताव पेश कर रहा हूं.

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पंजाब के मुख्यमंत्री ने बाढ़ से नुकसान के बाद केंद्र सरकार से 20,000 करोड़ रुपये के विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की. लेकिन पीएम मोदी की ओर से घोषित 1600 करोड़ रुपये तक नहीं मिलने की बात भी कही. मंत्री ने कहा कि इसे लेकर मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से बैठक करने के लिए समय भी मांगा लेकिन बार-बार आग्रह करने के बावजूद अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय से इस पर कोई जवाब नहीं मिला है.

उन्होंने कहा कि इस वजह से हम प्रस्ताव लाकर पंजाब की मदद नहीं करने की निंदा कर रहे हैं. हम इसकी भी निंदा करते हैं कि किस तरह से पंजाब के मुख्यमंत्री से बैठक करने के लिए समय मांगा लेकिन बार-बार आग्रह करने के बावजूद मीटिंग के लिए कोई समय नहीं दिया गया. इससे पंजाब के लोगों का अपमान हुआ है.

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प्रस्ताव में कहा गया कि हम निंदा करते हैं कि प्रधानमंत्री ने पंजाब के लिए जिस 16000 करोड़ रुपये की धनराशि का ऐलान किया था. वह भी हमें नहीं दिया गया. इस वजह से हम पंजाब के लिए 20000 करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की मांग करते हैं और 1600 करोड़ रुपये भी पंजाब को जल्द से जल्द जारी करने की मांग करते हैं. इस प्रस्ताव को पीएम कार्यालय, गृह मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों को भी भेजा जाएगा.

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