'RSS की 100 वर्ष की यात्रा पर देश गर्व करता है...', लाल किले की प्राचीर से बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन जिस संगठन की पहचान रही है ऐसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक प्रकार से दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है.

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PM मोदी ने कहा कि सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन RSS की पहचान रही है. (Photo: ITG) PM मोदी ने कहा कि सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन RSS की पहचान रही है. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:26 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से आरएसएस की सेवा भावना की तारीफ की है. पीएम मोदी ने कहा, "आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ था- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. 100 साल तक राष्ट्र की सेवा एक बहुत ही गौरवपूर्ण स्वर्णिम पृष्ठ है."

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पीएम मोदी ने कहा कि व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का संकल्प लेकर संघ ने 100 साल तक मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लिया और हजारों स्वयंसेवकों ने मातृभूमि के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया.

पीएम मोदी ने कहा कि सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन जिस संगठन की पहचान रही है ऐसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक प्रकार से दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है. उन्होंने कहा कि 100 साल का उसका समर्पण का इतिहास है.

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पीएम मोदी ने कहा,"मैं आज लाल किले की प्राचीर से 100 साल की इस राष्ट्र सेवा की यात्रा में योगदान करने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक स्मरण करता हूं. और देश गर्व करता है  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इस 100 साल की भव्य समर्पित यात्रा को. ये हमेशा प्रेरणा देता रहेगा."

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बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी. इसका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना, राष्ट्रीय चेतना जागृत करना और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना था.

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हेडगेवार ने इसे एक स्वयंसेवी संगठन के रूप में शुरू किया, जो शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास पर जोर देता है. RSS ने शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया और धीरे-धीरे इसका प्रभाव पूरे भारत में फैला.
 

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