लाल किले की प्राचीर से PM मोदी ने दिया अब तक सबसे बड़ा भाषण, तोड़ दिया साल 2024 का रिकॉर्ड

स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर लाल क़िले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर से लेकर देश की डेमोग्राफी तक को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने देश को आगाह किया कि भारत के डेमोग्राफी संतुलन को बदलने की एक 'सोची-समझी साजिश' चल रही है, जो नेशनल सिक्योरिटी के खतरा हो सकता है.

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लाल क़िले से PM मोदी ने देश को संबोधित किया (Photo: Screengrab) लाल क़िले से PM मोदी ने देश को संबोधित किया (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लाल क़िले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. पीएम मोदी की यह स्पीच अब तक की सबसे लंबी स्वतंत्रता दिवस स्पीच है, जो पूरे 103 मिनट की रही. पिछले साल प्रधानमंत्री ने 98 मिनट का भाषण दिया था. 

प्रधानमंत्री मोदी की स्पीच में 'भारत' 48 बार और 'युवा' 28 बार आया, जो राष्ट्र और युवाओं पर फोकस दिखाता है. 'आत्मनिर्भर' 26 बार, 'औरत' 23 बार, 'सुधार' और 'क्षमता' 20-20 बार बोले गए. 'सुरक्षा' 19 बार, 'खेल/खेलकूद' और 'तकनीकी' 16-16 बार आए. 'सुदर्शन चक्र', 'संविधान', 'मेक इन इंडिया' और 'किसान' 15-15 बार, जबकि 'गरीब', 'ऊर्जा' और 'सेना' 13-13 बार बोले गए.

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'स्वतंत्र भारत' 11 बार, 'आज़ादी' और 'सेमीकंडक्टर' 10-10 बार, 'श्री कृष्ण' 9 बार, 'आतंक', 'नाभिकीय' और 'नक्सली' 8-8 बार आए. 'दलित/आदिवासी', 'जनसांख्यिकीय', 'युद्ध', 'लकीर', 'अंतरिक्ष' और 'स्टार्टअप्स' 7-7 बार बोले गए. 'भाषा', 'उर्वरक' और '100 वर्ष' 6-6 बार आए.

'2047', 'महत्वपूर्ण खनिज', 'आरएसएस' और 'लखपति दीदी' 5-5 बार, जबकि 'स्वाभिमान', 'मुद्रा', 'आपदा', 'पानी', 'दिवाली', 'ज्योतिबा फुले', 'ऑपरेशन सिंदूर', 'आपातकाल', 'रोजगार योजना', 'घुसपैठियों' और 'नौकरियां' 4-4 बार बोले गए. 'श्यामा प्रसाद' 3 बार और 'शुभांशु शुक्ला' 1 बार आए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'हाई पावर डेमोग्राफी मिशन' शुरू करने का ऐलान किया और चेतावनी दी कि भारत के डेमोग्राफी संतुलन को बदलने की एक 'सोची-समझी साजिश' चल रही है, जो नेशनल सिक्योरिटी के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है.

पीएम मोदी ने कहा, "मैं देश को एक चिंता, एक चुनौती के प्रति सचेत करना चाहता हूं. एक सोची-समझी साजिश के तहत, देश की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है, एक नए संकट के बीज बोए जा रहे हैं. घुसपैठिए मेरे देश के युवाओं की आजीविका छीन रहे हैं. घुसपैठिए मेरे देश की बहनों और बेटियों को निशाना बना रहे हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ये घुसपैठिए भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह करके उनकी ज़मीन हड़प लेते हैं. देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा."

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नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि जब सीमावर्ती इलाकों की डेमोग्राफी में बदलाव होता है, तो यह नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा पैदा करता है. कोई भी देश इसे घुसपैठियों के हवाले नहीं कर सकता इसलिए, मैं कहना चाहता हूं कि हमने एक हाई-पावर डेमोग्राफी मिशन शुरू करने का फैसला किया है.

'सुदर्शन चक्र मिशन की लॉन्चिंग...'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "देश सुदर्शन चक्र मिशन लॉन्च करने जा रहा है. ये सुदर्शन चक्र पावरफुल वेपन सिस्टम होगा, जो दुश्मन के हमले को ध्वस्त तो करेगा ही लेकिन साथ ही कई गुना ज्यादा दुश्मन पर हिटबैक भी करेगा. हम सुदर्शन चक्र मिशन को अगले दस साल में प्रखरता से आगे बढ़ाएंगे. इसके तहत 2035 तक देश के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच से कवर किया जाएगा. इस सुरक्षा का कवच लगातार विस्तार होता जाएगा. देश का हर नागरिक सुरक्षित महूसस करे. इसके लिए मैं 2035 तक इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार देना चाहता हूं इसलिए श्रीकृष्ण से प्रेरणा पाकर हमने सुदर्शन चक्र की राह को चुना है."

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