रूस के बाद अब यूक्रेन के दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी, जेलेंस्की ने दिया था न्योता, पोलैंड का भी करेंगे दौरा

तन्मय लाल ने बताया कि यह दौरा ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहला मौका होगा जब 30 से अधिक वर्षों में कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा, जब से भारत और यूक्रेन के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए हैं. इस यात्रा के दौरान हाल के उच्च स्तरीय संपर्कों को और मजबूत किया जाएगा.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ (फ़ाइल/पीटीआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ (फ़ाइल/पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा करेंगे. इस दौरे से पहले भारत ने सोमवार को कहा कि वह यूक्रेन में जारी संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में योगदान देने के लिए तैयार है.

यूक्रेन में जारी संघर्ष भी रहेगा चर्चाओं का हिस्सा
प्रधानमंत्री मोदी अपने इस दौरे के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात करेंगे और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया कि भारत हमेशा से ही यूक्रेन में संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति और संवाद का पक्षधर रहा है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में चल रहा संघर्ष भी इन चर्चाओं का हिस्सा होगा. एक सवाल के जवाब में लाल ने बताया कि भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ स्वतंत्र संबंध हैं. प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन दौरे से पहले पोलैंड भी जाएंगे.

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ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है दौरा
तन्मय लाल ने बताया कि यह दौरा ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहला मौका होगा जब 30 से अधिक वर्षों में कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा, जब से भारत और यूक्रेन के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए हैं. इस यात्रा के दौरान हाल के उच्च स्तरीय संपर्कों को और मजबूत किया जाएगा.

पोलैंड के दौरे पर भी जाएंगे पीएम मोदी
वहीं, पीएम मोदी पोलैंड का भी दौरा करेंगे. विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा कि पोलैंड में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 25,000 है, जिसमें करीब 5,000 छात्र शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पोलैंड की सरकार और वहां के लोगों ने 2022 में 'ऑपरेशन गंगा' के दौरान यूक्रेन से भारतीय छात्रों की निकासी में अमूल्य सहायता प्रदान की थी.

इस अभियान के तहत 4,000 से अधिक भारतीय छात्रों को पोलैंड के माध्यम से सुरक्षित निकाला गया था. तन्मय लाल ने बताया कि यह दौरा महत्वपूर्ण है क्योंकि 45 वर्षों में यह पहला अवसर है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री पोलैंड का दौरा कर रहा है. यह यात्रा उस समय हो रही है जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं.

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1940 में भारत ने पोलिश महिलाओं को दी थी शरण
लाल ने यह भी कहा कि भारत और पोलैंड के बीच का एक अनूठा संबंध 1940 के दशक के दौरान द्वितीय विश्व युद्ध के समय से जुड़ा हुआ है, जब 6,000 से अधिक पोलिश महिलाएं और बच्चे भारत के दो रियासतों - जामनगर और कोल्हापुर में शरण पाए थे.

 

 

 

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