प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान पाकिस्तान को लेकर बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि जब भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की, तो पाकिस्तान ने युद्ध रोकने की गुहार लगाई और कहा, "बस करो, बहुत मारा है. अब और ज्यादा मार झेलने की ताकत नहीं है."
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) ने भारतीय डीजीएमओ से युद्धविराम की विनती की थी. पीएम ने कहा, “हमारे ऑपरेशन के कुछ ही मिनटों बाद हमारी सेना ने पाकिस्तानी सेना से कहा कि हमारा लक्ष्य यही था और हमने उसे पूरा कर लिया है. पाकिस्तान को समझ नहीं आया कि हम क्या कर रहे हैं. अगर उसने समझदारी दिखाई होती तो आतंकियों के साथ खड़ा नहीं होता. लेकिन उसने बेशर्मी से आतंकियों का साथ दिया.”
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में 100 फीसदी लक्ष्य हासिल किया, और यह पूरी तरह से हमारे शर्तों और समय पर किया गया ऑपरेशन था. उन्होंने कहा,
“पाकिस्तान को लगा था कि भारत कोई बड़ी कार्रवाई करेगा, इसलिए उन्होंने परमाणु हमले की धमकी देनी शुरू कर दी थी. लेकिन 6-7 मई की रात को हमने जैसा चाहा, वैसा ऑपरेशन किया और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया. केवल 22 मिनट में हमने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले का बदला ले लिया.”
ऑपरेशन सिंदूर से भारत का संदेश स्पष्ट
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर तीन अहम बातें संसद में रखीं. उन्होंने कहा कि भारत पर कोई भी आतंकी हमला हुआ तो जवाब भारत अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर और अपने समय पर देगा. अब कोई भी परमाणु धमकी नहीं चलेगी. जो सरकारें आतंकियों का साथ देती हैं, और जो आतंकी मास्टरमाइंड होते हैं ,भारत अब उन्हें अलग-अलग नहीं देखेगा.
राहुल गांधी के बयान पर पलटवार
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष खासकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से ठीक पहले राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय सेना को पूरी छूट नहीं दी गई. इस पर पीएम मोदी ने कहा, “हमारी सरकार ने सेना को पूरी आज़ादी दी थी, और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया. दुनिया भारत के साथ खड़ी थी, लेकिन दुख की बात है कि कांग्रेस हमारे सैनिकों के साहस के साथ नहीं खड़ी हुई.”
उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया ने भारत का समर्थन किया, किसी ने भी हमें रोका नहीं. लेकिन कांग्रेस ने शहीदों की शहादत में भी राजनीति ढूंढने की कोशिश की.”
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