प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नीति आयोग में देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के एक समूह से बातचीत की. इस चर्चा का केंद्र बिंदु ‘आत्मनिर्भरता और संरचनात्मक परिवर्तन: विकसित भारत का एजेंडा’ रहा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का सपना अब सिर्फ सरकार का नहीं, बल्कि आम लोगों की उम्मीद बन चुका है. उन्होंने बताया कि शिक्षा, खर्च करने की आदतों और विदेश जाने के रुझान में बदलाव यह दिखाता है कि लोगों की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं. इसके लिए मजबूत संस्थान और भविष्य को ध्यान में रखकर बुनियादी ढांचे की योजना जरूरी है.
'नीति और बजट बनाते समय 2047 के लक्ष्य को केंद्र में रखें'
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक तेज आर्थिक विकास बनाए रखने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में मिशन मोड में सुधार करने होंगे. नीति और बजट बनाते समय 2047 के लक्ष्य को केंद्र में रखना चाहिए. प्रधानमंत्री ने भारत की वैश्विक बाजारों से मजबूत भागीदारी और देश को दुनिया के लिए एक अहम कार्यबल केंद्र बनाने पर भी जोर दिया.
पीएम ने मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और AI पर की चर्चा
बैठक में अर्थशास्त्रियों ने उद्योग और सेवा क्षेत्रों में उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के सुझाव दिए. उन्होंने घरेलू बचत बढ़ाने, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और नई तकनीकों के इस्तेमाल पर बात की. इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार को भी भारत की तेज और समावेशी आर्थिक तरक्की के लिए अहम बताया गया.
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