Parliament Monsoon Session Live Updates: ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा आज भी जारी है. गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और कहा कि पहलगाम के गुनहगारों को सेना ने ऑपरेशन महादेव में ठोक दिया है. उन्होंने मारे गए आतंकियों के पाकिस्तानी होने के सबूत मिलने की जानकारी भी सदन में दी.
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी, जो देर रात 1 बजे तक चली. इस दौरान लोकसभा में उप नेता गौरव गोगोई ने भी अपनी बात रखी थी और सरकार पर तीखे हमले किए थे. पीएम मोदी लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर पर आज से राज्यसभा में भी चर्चा की शुरुआत हुई है. राज्यसभा में भी सत्ता पक्ष की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ही चर्चा की शुरुआत की.
इस बड़ी चर्चा से जुड़े तमाम बड़े अपडेट्स के लिए बने रहिए आजतक के इस लाइव पेज पर...
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा का जवाब दिया. इसके बाद बाद स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही 30 जुलाई को 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी. राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है. राज्यसभा में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने ऑपरेशन वाली रात दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत का मुद्दा उठाया और अबकी बार ट्रंप सरकार नारे को लेकर भी सत्तापक्ष को कठघरे में खड़ा किया.
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पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सत्र की शुरुआत में कहा था कि दलहित में हमारे मत मिलें ना मिलें, देशहित में हमारे मन जरूर मिलने चाहिए. पहलगाम की घटना ने देश को झकझोर दिया. इसके जवाब में हमने ऑपरेशन सिंदूर किया तो सेनाओं ने एक एक सिंदूर स्पिरिट पैदा किया. ये सिंदूर स्पिरिट हमने तब भी देखी, जब हमारे डेलिगेशन दुनिया को भारत की बात बताने गए थे. आपने बहुत प्रभावी तरीके से भारत की बात डंके की चोट पर दुनिया के सामने रखा. जो खुद को कांगेस का बड़ा नेता समझते हैं, उनके पेट में दर्द हो रहा है कि भारत का पक्ष दुनिया के सामने क्यों रखा. शायद कुछ नेताओं के सदन में बोलने पर भी बैन लगा दिया गया है. पीएम ने सदन में 'करो चर्चा और इतनी करो, कि दुश्मन दहशत से दहल उठे... रहे ध्यान बस इतना ही, मान सिंदूर और सेना का प्रश्नों में भी अटल रहे... हमला मां भारती पर हुआ अगर, तो प्रचंड प्रहार करना होगा, दुश्मन जहां भी बैठा हो... हमें भारत के लिए ही जीना होगा..' पंक्तियां भी पढ़ीं. पीएम ने कहा कि मेरा कांग्रेस से आग्रह है कि परिवार के दबाव में देश के विजय के क्षण पर सवाल उठाना बंद कर दो. हम पाकिस्तान को भारत के भविष्य से खेलने नहीं देंगे. इसलिए ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, जारी है. ये पाकिस्तान के लिए भी नोटिस है. वो जब तक भारत के खिलाफ आतंक का रास्ता रोकेगा नहीं, भारत एक्शन लेता रहेगा. भारत का भविष्य सुरक्षित और समृद्ध होगा, यही हमारा संकल्प है. इसी भाव के साथ सभी सदस्यों को सार्थक चर्चा के लिए धन्यवाद करता हूं. मैंने भारत का पक्ष रखा है, भारत के लोगों का पक्ष रखा है.
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पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 2014 से पहले देश में असुरक्षा का जो माहौल था, उसे याद भी करें ना तो लोग सिहर जाते हैं. नई पीढ़ी को पता नहीं है, हर भीड़ वाली जगह पर अनाउंसमेंट होता था कि कोई लावारिस चीज दिखे, छूना मत. पुलिस को सूचना देना. बम हो सकता है. 2014 तक यही हालात थे जैसे देश में जगह-जगह बम बिछे हों. कांग्रेस की कमजोर सरकारों के कारण देश को कितनी जानें गंवानी पड़ीं, हमें अपनों को खोना पड़ा. हमारी सरकार ने 11 साल में ये करके दिखाया है जो बहुत बड़ा सबूत है. 2004 से 2014 के मुकाबले आतंकी घटनाओं में बड़ी कमी आई है. देश जानना चाहता है कि कांग्रेस सरकारों की ऐसी कौन सी कमजोरी थी जो आतंक को फलने-फूलने दिया. इसका बड़ा कारण इनकी तुष्टिकरण की, वोटबैंक की राजनीति है. बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ, कांग्रेस की एक बड़ी नेता की आंख में आंसू थे और वोट के लिए इसे देश के कोने-कोने में पहुंचाया गया. 2001 में संसद पर हमला हुआ था, तब कांग्रेस के एक बड़े नेता ने अफजल गुरु को बेनिफिट ऑफ डाउट देने की मांग की थी. मुंबई हमले में एक जिंदा आतंकी पकड़ा गया, पाकिस्तानी मीडिया ने स्वीकार भी किया, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसे भगवा आतंक सिद्ध करने में जुटी थी. कांग्रेस दुनिया को हिंदू आतंकवाद की थ्योरी बेचने में लगी हुई थी. कांग्रेस के एक बड़े नेता ने अमेरिकी अधिकार से यहां तक कह दिया था. कि लश्कर ए तैयबा से भी बड़ा खतरा हिंदू संगठन हैं. तुष्टिकरण की राजनीति में कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में बाबा साहब के संविधान को कदम नहीं रखने दिया.
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कांग्रेस के लोग हमें डिप्लोमेसी का पाठ पढ़ा रहे हैं, उनको भी कुछ याद दिलाना चाहता हूं. 26-11 की घटना के बाद भी विदेशी दबाव में कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम नहीं रुका. हमले के कुछ दिन बाद ही कांगेस की सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत शुरू कर दी थी. एक भी डिप्लोमेट को बाहर निकालने की हिम्मत नहीं की. बड़े-बड़े हमले होते गए, लेकिन यूपीए सरकार ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देकर रखा था. कभी वापस नहीं लिया. देश मुंबई हमले का न्याय मांग रहा था, कांग्रेस पाकिस्तान से व्यापार करने में लगी थी. पाकिस्तान वहां से खून की होली खेलने वाले आतंकियों को भेजता रहा, कांग्रेस यहां अमन की आस के मुशायरे किया करती थी. हमने ये वन-वे ट्रैफिक बंद कर दिया. हमने पाकिस्तान का एमएफएन का दर्जा रद्द किया, वीजा बंद किया, अटारी वाघा बॉर्डर बंद कर दिया. भारत के हितों को गिरवी रख देना कांग्रेस की पुरानी आदत है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण सिंधु जल समझौता है. ये नेहरू जी ने किया और मामला जुड़ा था भारत से निकलने वाली नदियों का. वो नदियां हजारों साल से भारत का सांस्कृतिक विरासत, चैतन्य शक्ति रही हैं. सिंधु नदी जो भारत की पहचान रही है, लेकिन कांग्रेस ने सिंधु और झेलम पर विवाद के लिए पंचायत दिया विश्व बैंक को. सिंधु जल समझौता भारत की अस्मिता और भारत के स्वाभिमान के साथ किया गया बहुत बड़ा धोखा था. आज के देश के युवा ये सुनते होंगे तो आश्चर्य होता होगा. नेहरू जी ने किया क्या कि ये जो नदियां थीं, 80 फीसदी पानी पाकिस्तान को देने के लिए राजी हो गए थे. इतने बड़े भारत को 20 फीसदी पानी. कौन सी बुद्धिमानी थी. नेहरू जी ने ये भी समझौता कर लिया कि भारत इस बांध की सफाई नहीं करेगा. नेहरू जी ने भी इस गलती को माना और कहा कि मुझे लगा कि ये समझौता अन्य समस्याओं के समाधान का रास्ता खोलेगा, लेकिन सभी समस्याएं जस की तस हैं. इससे हमारी कृषि को नुकसान हुआ. देश को पीछे किया. कांग्रेस की बाद की सरकारों ने सिंधु समझौते की ओर देखा भी नहीं. नेहरू जी की गलती को सुधारा भी नहीं. अब भारत ने नेहरू जी की गलती को सुधारा है. देश का अहित करने वाला ये समझौता अब इस रूप में आगे नहीं चल सकता. भारत ने तय कर दिया है कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते.
मेक इन इंडिया, ये नारा नहीं था. हमने इसके लिए बजट और नए इनिशिएटिव लिए. क्लियर कट विजन के साथ तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं. एक दशक में डिफेंस बजट पहले से करीब तीन गुना हुआ है. डिफेंस प्रोडक्शन में 250 फीसदी वृद्धि हुई है. 11 साल में डिफेंस एक्सपोर्ट 30 गुना से भी ज्यादा बढ़ा है. डिफेंस एक्सपोर्ट दुनिया के सौ देशों तक हम पहुंचे हैं. कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जो इतिहास में बहुत बड़ा प्रभाव छोड़ती हैं,. ऑपरेशन सिंदूर ने भारत का झंडा गाड़ दिया है. भारत के हथियारों की डिमांड बढ़ती चली जा रही है. इससे भारत के नौजवानों को रोजगार मिलेगा, स्टार्टअप्स को बल मिलेगा. आज भी कुछ लोगों को दर्द हो रहा है, जैसे उनका खजाना लूट गया. ऐसे लोगों को पहचानना होगा. भारत का डिफेंस में आत्मनिर्भर होना, शस्त्रों की स्पर्धा के इस दौर में विश्व शांति के लिए भी जरूरी है. हम युद्ध नहीं, बुद्ध का देश हैं. समृद्धि और शांति का रास्ता शक्ति से ही गुजरता है. हमारा भारत छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराजा रणजीत सिंह, महाराणा प्रताप और महाराजा सुहेलदेव का देश है. कांग्रेस के पास राष्ट्रीय सुरक्षा का विजन न पहले था, आज तो सवाल ही नहीं. कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा पर समझौता किया है,. आज जो लोग पूछ रहे हैं पीओके को वापस क्यों नहीं लिया. वैसे ये सवाल मुझे ही पूछ सकते हैं, और किसको पूछेंगे. इसके पहले जवाब देना होगा कि किसकी सरकार ने पीओके को पाकिस्तान को कब्जा करने का अवसर दिया था. जवाब साफ है, जब भी नेहरू जी की चर्चा करता हूं, कांग्रेस और उसका पूरा इकोसिस्टम बिलबिला जाता है. हम एक शेर सुना करते थे- लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पाई. आजादी के बाद जो फैसले लिए गए, उनकी सजा आज तक देश भुगत रहा है. अक्साई चिन क्षेत्र को बंजर जमीन करार दिया गया. ये कहकर कि बंजर है, देश की 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन हमें खोनी पड़ी. जानता हूं, मेरी कुछ बातें चुभने वाली हैं. 1962 और 1963 के बीच कांग्रेस के कुछ नेता उरी, नीलम वैली और किशन गंगा को छोड़ देने का प्रस्ताव रख रहे थे. 1966 रण ऑफ कच्छ पर इन्हीं लोगों ने मध्यस्थता स्वीकार की. ये था उनका विजन. छायाबेट समेत कई वर्ग किलोमीटर जमीन पाकिस्तान को सौंप दिया. 1971 में पाकिस्तान के 93 हजार फौजी हमारे पास बंदी थे, हजारों किलोमीटर एरिया हमारे कब्जे में था. हम बहुत कुछ कर सकते थे. थोड़ी सी समझ होती तो पीओके वापस लेने का मौका था, जिसे छोड़ दिया गया था. कम से कम करतारपुर साहिब को तो ले सकते थे, वो भी नहीं कर पाए आप. 1974 में कच्चा थिबू द्वीप को श्रीलंका को गिफ्ट कर दिया गया. आजतक हमारे मछुआरे भाई-बहनों को दिक्कत आती है. क्या गुनाह था हमारे तमिलनाडु के मछुआरे भाई-बहनों का. कांग्रेस तो इस पक्ष में थी कि सियाचिन से सेना हटा दी जाए. 2014 से देश ने इनको मौका नहीं दिया, नहीं तो सियाचिन भी हमारे पास नहीं होता.
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पीएम मोदी ने कहा कि एक आंकड़ा बता रहा हूं, जिसे सुनकर पूरा देश गर्व से भर जाएगा. पाकिस्तान ने एक हजार ड्रोन्स और मिसाइलें भारत पर दागीं. इन सबको हमने हवा में ही चूर-चूर कर दिया. पाकिस्तान ने एक झूठ गढ़ा कि आदमपुर एयरबेस को तबाह कर दिया है. हमने अगले ही दिन आदमपुर पहुंचकर इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया. पाकिस्तान ये समझ गया कि अब झूठ ज्यादा देर नहीं चलने वाला. कांग्रेस ने देश में लंबे समय तक शासन किया है. उनको शासन-सत्ता का अनुभव है, चीजों को समझते हैं. कांग्रेस को देश के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री पर भरोसा नहीं है, अपनी व्यवस्थाओं पर भरोसा नहीं है. उनका भरोसा पाकिस्तान के रिमोट से बनता-बिगड़ता है. उनके नेता कहते हैं ऑपरेशन सिंदूर तमाशा था. इसे तमाशा कहते हो. कह ऑपरेशन महादेव में सुरक्षा बलों ने पहलगाम हमले के गुनहगार मारे गए. ठहाके लगाकर पूछा गया कि कल ही क्यों मारे गए. क्या इसके लिए सावन महीने का सोमवार चुना गया था क्या. क्या हाल है इनका. शास्त्रों में कहा गया है शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे, शास्त्र चर्चा प्रवर्तके. अर्थात राष्ट्र शस्त्र से सुरक्षित होते हैं, तभी वहां शास्त्र की ज्ञान की चर्चाएं जन्म लेती हैं. जब सीमा पर सेनाएं सशक्त होती हैं, तभी देश का विकास होता है. बीते एक दशक सेना के सशक्तिकरण का साक्षात प्रमाण है. ऐसे ही नहीं हुआ, आज भी आत्मनिर्भर शब्द का मजाक उड़ाया गया है. हर रक्षा सौदे में कांग्रेस मौके खोजती रहती थी. छोटे-छोटे हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भरता, ये इनका कार्यकाल रहा है. बुलेटप्रूफ जैकेट, नाइट विजन कैमरे तक नहीं होते थे. जीप से शुरू होता है और बोफोर्स, हर सौदे में घोटाला हुआ है. इतिहास गवाह है, एक जमाना था जब डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग में भारत की आवाज सुनाई देती थी. जब तलवार से युद्ध लड़े जाते थे, तब भी हमारी तलवारें सर्वश्रेष्ठ मानी जाती थीं. लेकिन आजादी के बाद रिसर्च-मैन्यूफैक्चरिंग के लिए रास्ते बंद कर दिए गए. इसी नीति पर हम चलते तो इस इक्कीसवीं सदी में भारत ऑपरेशन सिंदूर के लिए सोच भी नहीं सकते थे. भारत को सोचना पड़ता कि बारूद कहां से मिलेगा, समय पर मिलेगा- नहीं मिलेगा. बीते एक दशक में बहुत निर्णायक हथियार सेना को मिले और इस ऑपरेशन में निर्णायक भूमिका निभाई. एक दशक पहले भारत के लोगों ने संकल्प लिया कि हमारा देश आधुनिक राष्ट्र बने. रक्षा सुरक्षा हर क्षेत्र में रिफॉर्म्स किए गए. सेना में जो रिफॉर्म्स हुए हैं, पहली बार हुए हैं. सीडीएस की नियुक्ति हमने किया. हमारी तीनों सेनाओं का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने इस व्यवस्था को दिल से सहयोग किया है. दिल से अपनाया है. इस समय आर्मी हो, नेवी हो, एयरफोर्स हो, हमारी ताकत कई गुना बढ़ा दिया. सरकार की डिफेंस प्रोडक्शन कंपनियों में रिफॉर्म्स किए. आग लगाना, हड़ताल कराना... ये सब खेल आज भी बंद नहीं हुए हैं. वह भी आज बहुत प्रोडक्टिव हो गए हैं. आज भारत का प्राइवेट सेक्टर भी आगे आ रहा है. आज 27 से 30 साल के नौजवान स्टार्टअप्स का नेतृत्व कर रहे हैं. ड्रोन्स की जितनी एक्टिविटी हो रही है, 30-35 की औसत उम्र होगी. ये हमें ऑपरेशन सिंदूर में बहुत काम आए. अब देश रुकने वाला नहीं है.
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पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में फिर दोहराना चाहता हूं, ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है. अगर पाकिस्तान ने कोई दुस्साहस किया तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा. देश देख रहा है, भारत आत्मनिर्भर बनता जा रहा है. देश ये भी देख रहा है कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेज गति से बढ़ रहा है, लेकिन कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर होती जा रही है. 16 घंटे से जो चर्चा चल रही है, दुर्भाग्य से कांग्रेस को पाकिस्तान के मुद्दे इंपोर्ट करने पड़ रहे हैं. आज के दौर के में सूचना और नैरेटिव की बड़ी भूमिका है. नैरेटिव गढ़कर एआई का भरपूर उपयोग करके सेनाओं के मनोबल को कमजोर करने के खेल भी खेले जाते हैं. जनता में अविश्वास पैदा करने के भी भरपूर प्रयास होते हैं. दुर्भाग्य से कांग्रेस और उसके सहयोगी पाकिस्तान के ऐसे ही प्रपंच के प्रवक्ता बन चुके हैं. देश की सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की, सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक की तो तुरंत कांग्रेस वालों ने सेना से सबूत मांगे थे. लेकिन जब उन्होंने देश का मिजाज देखा, तो सुर बदलने लगे और कहने लगे कि हमने भी की थी. एक ने कहा तीन सर्जिकल स्ट्राइक की थी, दूसरे ने कहा छह, तीसरे ने कहा 15 सर्जिकल स्ट्राइक की थी. जितना बड़ा नेता, उतना बड़ी संख्या. बालाकोट में सेना ने एयर स्ट्राइक की, उसमें उन्होंने समझदारी दिखाई, लेकिन फोटो मांगने लगे. इतना ही नहीं, जब पायलट अभिनंदन पकड़े गए, पाकिस्तान में खुशी का माहौल स्वाभाविक था. लेकिन यहां पर भी कुछ लोग थे, जो कह रहे थे अब मोदी फंसा. अब अभिनंदन को मोदी लाकर दिखा दे, अब देखते हैं मोदी क्या करता है. डंके की चोट पर अभिनंदन वापस आए. हम अभिनंदन को ले आए, तब इनको लगा कि यार नसीब वाला आदमी है. ऑपरेशन सिंदूर के समय बीएसएफ जवान पाकिस्तान के हाथ लग गया, अब इनको लगा कि वाह बड़ा मुद्दा हाथ लग गया. सोशल मीडिया में इनके इको सिस्टम ने जाने क्या-क्या चला दिया. बीएसएफ का वह जवान भी आन-बान शान के साथ लौटा. आतंकी रो रहे हैं, आतंकियों के आका रो रहे हैं और उनको देखकर यहां भी कुछ लोग रो रहे हैं. सर्जिकल स्ट्राइक में एक खेल खेलने की कोशिश की, जमी नहीं. एयर स्ट्राइक हुई, दूसरा खेल खेलने की कोशिश की. ऑपरेशन सिंदूर पर कहने लगे कि रोक क्यों दिया. वाह से बयान बहादुरों, आपको विरोध का कोई न कोई बहाना चाहिए. पूरा देश आप पर हंस रहा है. सेना का विरोध, सेना के प्रति नकारात्मकता ये कांग्रेस का पुराना रवैया रहा है. देश ने अभी अभी करगिल विजय दिवस मनाया है, लेकिन देश जानता है कि उनके कार्यकाल में कांग्रेस ने करगिल की विजय को अपनाया नहीं है. न करगिल विजय दिवस मनाया है, न गौरव गान किया है. डोकलाम में जब सैनिक हमारा वीरता दिखा रहा था, तब कांग्रेस के नेता चुपके-चुपके किससे ब्रीफिंग ले रहे थे, सारी दुनिया जान गई.
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पीएम मोदी ने कहा कि 10 मई को सीजफायर का फैसला हुआ. उसे लेकर यहां भांति-भांति की बातें कही गईं. ये वही प्रोपेगैंडा है, जिसे पाकिस्तान की ओर से फैलाया गया. कुछ लोग सेना की बात पर भरोसा करने की जगह उसे आगे बढ़ाने में लगे रहे. जब सर्जिकल स्ट्राइक शुरू हुआ था, तब कुछ लक्ष्य निर्धारित किए गए थे. इसे एक रात में हासिल कर लिया गया. बालाकोट में जब एयरस्ट्राइक किया गया, तब भी हमारा लक्ष्य तय था. ऑपरेशन सिंदूर में भी हमारा लक्ष्य तय था, हमने आतंकियों के नाभि पर हमला कर दिया. जहां पहलगाम के आतंकियों का रिक्रूटमेंट हुआ, ट्रेनिंग मिली, फंडिंग मिलती थी. उस जगह पर हमने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक तरीके से आतंकियों की नाभि पर प्रहार किया. इस बार भी हमारी सेना ने शत-प्रतिशत लक्ष्यों को हासिल कर देश के सामर्थ्य का परिचय कराया. जानबूझकर कुछ लोग भूल सकते हैं, देश नहीं भूलेगा. पहले दिन से क्लियर था कि हमारा लक्ष्य है आतंकी, आतंकियों के आका, उनके अड्डे. उनको हम ध्वस्त करना चाहते थे, हमने हमारा काम कर दिया. छह-सात मई को ऑपरेशन हमारा संतोषजनक होने के तुरंत बाद कल जो राजनाथ जी ने कहा था, डंके की चोट पर दोबारा दोहराता हूं, हमने पाकिस्तान के डीजीएम को फोन कर यह जानकारी दी थी. पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ का फोन आया कि अब और मार खाने की ताकत नहीं है. बहुत मारा. प्लीज, हमला रोक दीजिए. इसके बाद सीजफायर हुआ. पहले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि हमारा एक्शन नॉन एस्केलेटरी है. ये हमने कहकर के किया है. दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा. उसी दौरान नौ तारीख की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझसे बात करने का प्रयास किया. वे घंटेभर कोशिश कर रहे थे, लेकिन मेरी सेना के साथ मीटिंग चल रही थी. बाद में मैंने उनको कॉलबैक किया. तब उन्होंने मुझे बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. मेरा जो जवाब था, जिनको समझ नहीं आता, उनको नहीं आएगा. अगर पाकिस्तान का ये इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा. अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो हम बड़ा हमला करके जवाब देंगे. मैंने कहा था कि हम गोली का जवाब गोले से देंगे.
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पीएम मोदी ने कहा कि जैसा तय किया था, हमने वैसी कार्रवाई की. ये टेक्नोलॉजिकल वॉरफेयर का युग है. हमारी मेड इन इंडिया मिसाइलों और टेक्नोलॉजी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अहम भूमिका निभाई. हमारी तीनों फौज ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए. यह न्यू नॉर्मल है कि अगर भारत पर आतंकी हमला हुआ, तो भारत आएगा और मारकर जाएगा. अब आतंक के आकाओं को हमले के बाद नींद नहीं आती. अगर भारत पर हमला हुआ, तो हम अपनी शर्तों पर अपने तरीके से जवाब देकर रहेंगे. कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगी. हम आतंकियों और उनकी सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखेंगे. यहां विदेश नीति और समर्थन को लेकर भी काफी बातें कही गईं. दुनिया में किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से रोका नहीं है. यूएन के 193 में सिर्फ तीन देशों ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया था. क्वॉड, ब्रिक्स, कोई भी देश हो, दुनियाभर से भारत को समर्थन मिला. विदेश नीति पर स्पष्टता से कह रहा हूं, दुनिया का समर्थन तो मिला, लेकिन दुर्भाग्य है कि मेरे देश के वीरों के पराक्रम को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला. 22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद तीन-चार दिन में ही ये उछल रहे थे. इन्हें भारत की सेनाओं पर भरोसा नहीं है. ऐसा करके हेडलाइंस तो ले सकते हैं, लेकिन देशवासियों के दिलों में जगह नहीं बना सकते.
पीएम मोदी ने पहलगाम हमले को जघन्य बताते हुए कहा कि यह देश में दंगे फैलाने की आतंकी साजिश थी. निर्दोष नागरिकों को धर्म पूछकर मारा गया. देशवासियों ने इस साजिश को नाकाम कर दिया. 22 अप्रैल को मैं विदेश था. जब वापस आया, लौटते ही बैठक बुलाई और आतंक के आकाओं को करारा जवाब देने के लिए कहा. आतंकियों और उनके आकाओं को कल्पना के भी परे सजा देने, आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का संकल्प व्यक्त किया. हमें सेना की क्षमता और सामर्थ्य पर पूरा भरोसा था. हमने सेना को खुली छूट दी. आतंकियों के आकाओं को भी अंदाजा लग गया था कि भारत कार्रवाई करेगा. उधर से न्यूक्लियर हमले की धमकियों के बयान आने शुरू भी हो गए थे. हमें गर्व है कि 6 और 7 मई की रात हमने जैसा तय किया था, वैसा जवाब आतंकियों को दिया. हमने मारा और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया. ऐसा करारा जवाब दिया, कि आतंक के आकाओं की आज भी नींद उड़ी हुई है. 22 अप्रैल का बदला हमने 22 मिनट में ले लिया. हमने वहां घुसकर भी मारा, जहां पहले कभी नहीं गए थे. आतंकी अड्डों को धुआं-धुआं कर दिया. पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकियों को हमने झूठा साबित कर दिया. भारत ने सिद्ध कर दिया कि ये अब नहीं चलेगा और ना ही भारत इन धमकियों के आगे झुकेगा. हमने पाकिस्तान के सीने पर ऐसा दर्द दिया है, कि आज भी उसके कई एयरपोर्ट आईसीयू में पड़े हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि सत्र की शुरुआत में ही मीडिया के लोगों से कहा था कि ये सत्र भारत के गौरव गान का है. ये सत्र भारत के विजयोत्सव का है. जब मैं विजयोत्सव कहता हूं, तो यह विजयोत्सव है आतंकियों के ठिकानों को मिट्टी में मिलाने का. सदन में भारत का पक्ष रखने खड़ा हुआ हूं और जिनको भारत का पक्ष नहीं दिखता है, उनको आईना दिखाने भी खड़ा हुआ हूं. देश के 140 करोड़ लोगों के स्वर में स्वर मिलाने के लिए खड़ा हुआ हूं.
बीजेपी सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल ने कहा कि राहुल गांधी पूछ रहे थे कि पाकिस्तान के डीजीएमओ को फोन क्यों किया. बेहतर होता कि ये अपने पिता राजीव गांधी से पूछते. उन्होंने ही पाकिस्तान से समझोता किया था कि सेना बॉर्डर की ओर कूच करेगी, तब भी इसकी जानकारी डीजीएमओ को दी जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा पहुंच गए हैं. पीएम मोदी लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर जारी चर्चा का जवाब देंगे.
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी कह रहे थे कि देश अब नरेंद्र मोदी का नेतृत्व अफोर्ड नहीं करेगा. मैं कहना चाहता हूं कि देश उनको अफोर्ड नहीं करेगा. भारत में नरेंद्र मोदी हीरो हैं, पाकिस्तान की मीडिया में राहुल गांधी हीरो हैं. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कहा गया खून की दलाली, क्या वह खून की दलाली था. कांग्रेस के एक नेता ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा सिंदूर का सौदा. पाकिस्तान के डीजीएमओ ने इसे अपने वीडियो में शामिल किया. रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और विदेश मंत्री ने सबकुछ बता दिया है. यह भी एक गृह मंत्री का वक्तव्य है. सुशील शिंदे जी का है, उन्होंने कहा है कि मैं विजय भाई से एडवाइज लेता था. उन्होंने एकबार मुझे कहा था कि सुशील तू इधर-उधर मत भटक. तू लाल चौक पर भाषण कर, डल झील में सैर कर. मगर मैं कैसे बताता कि मेरी... संबित पात्रा ने कहा कि इनके गृह मंत्री को कश्मीर जाने में डर लगता था और ये दोनों भाई-बहन वहां जाकर बर्फ से खेलकर आए हैं. संबित पात्रा ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविता सुनाई और कहा कि हम आपस में बात करें, उससे बेहतर है कि पाकिस्तान को जवाब दें.
राहुल गांधी ने कहा कि सीडीएस अनिल चौहान ने गलती मानी. पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड आसिम मुनीर है. वह ट्रंप के साथ लंच कर रहा था.ट्रंप ने कहा कि मैं वॉर में नहीं जाने के लिए धन्यवाद कहना चाहता था. यह न्यू नॉर्मल है. एक और न्यू नॉर्मल है कि कोई भी आतंकी घटना एक्ट ऑफ वॉर मानी जाएगी. मतलब आपने पूरी की पूरी पावर आतंकियों को दे दी कि भैया आपको युद्ध चाहिए न, एक अटैक कर दो युद्ध हो जाएगा. भारतीय विदेश नीति के लिए बड़ी चुनौती चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ है. मेरी बात समझ गए होते तो जहाज नहीं गिरते. यह समझ रहे थे कि ये लड़ाई पाकिस्तान से है. जल्दी समझ आ गया कि यह लड़ाई पाकिस्तान और चीन के साथ है. चीन क्रिटिकल जानकारियां पाकिस्तान को दे रहा था. मुझ पर विश्वास नहीं है, जनरल राहुल सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान को चीन से लाइव बैटल फील्ड फीड मिल रही थी. राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री कल कह रहे थे कि टू फ्रंट वॉर अब पुराना कॉन्सेप्ट हो गया है. चीनी सहायता से पाकिस्तानी एयरफोर्स का ट्रांसफॉर्म हो रहा है. चीन और पाकिस्तान की सेना एक है. पाकिस्तान के अधिकारी चीन में ट्रेनिंग ले रहे हैं. यह इस समय खतरनाक है. यह देश के लिए खतरनाक है. सेना का इस्तेमाल आजादी के साथ राष्ट्रहित में होना चाहिए. प्रधानमंत्री सेना का इस्तेमाल अपनी इमेज के लिए कर रहे हैं. भारत का लक्ष्य चीन-पाकिस्तान को अलग करना होना चाहिए. एक देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की, यह विदेश नीति का फेल्योर है. यह लोगों का माइंडसेट बताता है. रक्षा मंत्री एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया.
राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार ने गलती की है. हमारी किसी से लड़ाई हुई है और हम उससे कहें कि भैया अब ठीक है, हम लड़ाई नहीं चाहते. हमने आपको एक थप्पड़ मारा है, दूसरा थप्पड़ नहीं मारेंगे. गलती सेना की नहीं, सरकार की थी. ट्रंप ने 29 बार कहा है कि हमने युद्ध रुकवाया. अगर दम है तो प्रधानमंत्री यहां सदन में यह बोल दें कि वह असत्य बोल रहे हैं. इंदिरा गांधी के 50 परसेंट भी करेज होगा उनमें, तो यहां बोल देंगे. अगर सचमुच में दम है तो पीएम को यहां कह देना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहा है. एक नई चीज चली है, नया शब्द चला है- न्यू नॉर्मल. विदेश मंत्री ने यहां इस्तेमाल किया. भाषण में उन्होंने कहा कि सभी इस्लामिक देशों ने निंदा की है, लेकिन यह नहीं बताया कि पहलगाम के बाद एक भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की. हर देश ने आतंकवाद की निंदा की.
राहुल गांधी ने कहा कि कल सैम मानेकशॉ को कोट किया गया. इंदिरा जी से सैम मॉनेकशॉ ने कहा कि हम अभी ऑपरेशन नहीं कर सकते. हमें छह महीने का समय चाहिए, गर्मियों में करेंगे. इंदिरा जी ने पूरा समय दिया था. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1.35 पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है. यह एस्केलेटरी नहीं थी. अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए. आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया. यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए.
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहलगाम हमले को क्रूर बताते हुए कहा कि जो हुआ, वह गलत हुआ. सभी ने इसकी निंदा की. हम चट्टान की तरह चुनी हुई सरकार के साथ खड़े रहे. हम पहलगाम हमले के बाद नरवाल साहब के घर गए, उनका पुत्र नेवी में था. यूपी में भी पीड़ित परिवार से मिलने गए. कश्मीर में भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की. हम राजनीतिक काम से लोगों से मिलते रहते हैं. जब हाथ मिलाते हो तब पता चल जाता है कि ये टाइगर है. टाइगर को आजादी देनी पड़ती है. से ना को पूरी आजादी देनी होती है. राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. सेना के उपयोग के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है. 1971 में तब की प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह नहीं की. एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया.
अपना दल (एस) की प्रमुख और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जो आतंकी दशकों से पाकिस्तान में बैठकर साजिशें रच रहे थे, उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि भारत इतनी कड़ी कार्रवाई कर सकता है. विपक्ष के मित्र बार-बार यह कह रहे हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने ये कहा, वो कहा. इन्हें अपने प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं है. अमेरिका के राष्ट्रपति कल को कहेंगे कि सूरज पश्चिम से उगता है, तो विपक्ष के मित्र ये भी मान जाएंगे. अमेरिका की धमकी के बावजूद मोदी सरकार ने एस-400 खरीदा. ये सरकार किसी के दबाव में आने वाली नहीं है. विपक्ष कह रहा है कि विदेश नीति फेल हो गई. ये भाषा किसकी है, ये पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं. पाकिस्तान बार-बार बोल रहा है कि भारत की विदेश नीति फेल हो गई. पूछना चाहती हूं कि ये रिश्ता क्या कहलाता है. कांग्रेस के तीन नेता ऑल पार्टी डेलिगेशन में विदेश गए थे, इन्होंने तीनों की लानत-मलानत कर दी. एक नेता मौन हो गए, दूसरे कहते हैं कि भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं. ये हालत हो गई है कांग्रेस की.
आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि रक्षा मंत्री जी ने कहा कि पाकिस्तान मेमना है, उससे क्या लड़ेंगे. चलो ठीक है, मान लिया. अमेरिका के राष्ट्रपति ने कई बार कहा कि लड़ाई हमने रुकवाई. अमेरिका को कौन सा जानवर बताएंगे? रक्षा मंत्री ने एक घंटे के भाषण में एक बार भी अमेरिका या ट्रंप का नाम तक नहीं लिया. जेएमएम के सांसद विजय कुमार हंसदा ने कहा कि दूसरे देश का नेता हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कैसे कर सकता है. ये घटनाएं जो हुई हैं, इनको पहले से ही रोकने के लिए तैयारियों पर पैसा खर्च करना होगा. इलेक्शन और भाषण में आप लोगों ने महारत हासिल कर ली है, लेकिन देश चलाने में आपको अभी भी जरूरत है एक्सपर्टाइज की.
सपा सांसद डिंपल यादव ने पहलगाम हमले को सुरक्षा चूक बताते हुए कहा कि बीजेपी सरकार के कहने पर ही टूरिस्ट वहां जा रहे थे. हमले के बाद सरकार ने इससे पल्ला झाड़ लिया. टूर ऑपरेटर्स को जिम्मेदार बता दिया गया. यह गैरजिम्मेदाराना बयान है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यूएन की काउंटर टेररिज्म काउंसिल का चेयरमैन बना दिया गया. यह बताता है कि सरकार की विदेश नीति पूरी तरह फेल रही है. पाकिस्तान का और अमेरिका का जो रिश्ता है, उसमें भारत कहां खड़ा है? अगर सीडीएस ने यह बात कही कि हमारे लड़ाकू विमान गिरे हैं, तो यह बताने में सरकार को क्या दिक्कत है बताने में. ये लड़ाकू विमान क्यों गिरे, सरकार को यह भी बताना पड़ेगा. सरकार यह बात जानती ही नहीं थी कि दूसरा देश चीन, पाकिस्तान का पूरा समर्थन कर रहा था.
इंजीनियर राशिद ने कहा कि तिहाड़ जेल से आया हूं. पहलगाम में जो भी हुआ, वह इंसानियत का कत्ल है. हम कश्मीरियों से ज्यादा इसका दर्द कौन समझ सकता है. हमने 1989 से जितनी तबाही देखी है, लाशें उठाते-उठाते थक गए हैं. आप आतंक कैसे खत्म करोगे, कैसे लड़ोंगे आतंक से, इसके लिए कश्मीरियों के दिल जितने होंगे. आपको केवल कश्मीर की जमीन चाहिए, कश्मीर के लोग चाहिए.देश आपको मिला 1947 में और आप देश को एकजुट नहीं रख सके. हमें क्यों मार रहे हो, मेरे पिता का जन्म आजादी के 15 साल बाद हुआ. कश्मीर मसले का हल आपके पास नहीं है, कश्मीर की हर कम्युनिटी के पास है. मैं डेढ़ लाख रुपया देकर यहां आया हूं, आप मेरे लिए नहीं बोल पाए तो जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए क्या बोलोगे. जिन्ना से बड़ा अलगाववादी नेता नहीं हुआ, लेकिन वह भी तीन-तीन बार विधायक रहा. आपको हिंदू राष्ट्र बनाने की जल्दी है, शौक से बनाओ. लेकिन हमारे कश्मीर की डेमोग्राफी को टच मत करो. मुझे बाहर की दुनिया का कुछ पता नहीं, जेल में अखबार पढ़कर पता था कि जब यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में जब तालिबान की आलोचना करने की बात आई, तब यही हमारी सरकार जो यूपी में कहते थे कि तालिबानी शासन न लाया जाए. सरकार ने सात डेलिगेशन विदेश भेजे, पूछना चाहता हूं कि उसमें कश्मीर के कितने सांसद थे.
नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष के नेता ने लंबा वक्तव्य दिया है, जिसमें अलग-अलग मंत्रालयों से संबंधित बातें कही हैं जिनका जवाब दिया जाएगा. हमारे बड़े वरिष्ठ नेता हैं, लंबा अनुभव है, लेकिन शब्दों का उपयोग हुआ, वह उनके स्तर से नीचे के थे. प्रधानमंत्री पर टिप्पणी की है, उनकी तकलीफ समझ सकता हूं. 11 साल से उनको वहां बैठाए रखा है. वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं. पार्टी और देश के लिए गौरव का विषय है. लेकिन आप पार्टी से इतने जुड़ गए हैं कि देश गौड़ हो जाता है और मेंटल बैलेंस खोकर इस तरीके से, इस पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा कर दिया. जेपी नड्डा ने कहा कि मैं अपने शब्द वापस लेता हूं. उन्होंने कहा कि मानसिक असंतुलन नहीं, भावावेश कर दीजिए. उन्हें एक्सपंज करने की कृपा करें, यही मैं कहूंगा. नड्डा की बात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खड़गे ने कहा कि उनके मंत्री मेंटल बैलेंस खोकर बोलते हैं. उन्होंने (जेपी नड्डा) मुझे मेंटल कहा है, तो मैं इसे छोड़ने वाला नहीं हूं. इसके बाद जेपी नड्डा ने कहा कि अगर आपकी भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए आपसे माफी भी मांगता हूं. लेकिन आप भावावेश में इतने बह गए कि प्रधानमंत्री की गरिमा का भी आपको ध्यान नहीं रहा.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विफलताओं के लिए कांग्रेस को दोष देना बंद करो. पीएम मोदी संसद में नहीं बोलना चाहते. देश ने आपको प्रधानमंत्री बनाया है. लोकतांत्रिक सिस्टम में भगवान बनाकर पूजा मत करो. एक व्यक्ति को भगवान मत बनाओ. ये देश के हित में नहीं है. हम एक दूसरे को कुचलने का प्रयास करेंगे, तो देश नहीं बनेगा. सरकार के हर कदम में साथ देने की बात हमने कही थी. तब आप क्या कर रहे थे, आपको भी गिरेबान में झांककर देखना चाहिए. खड़गे ने एक पोस्टर दिखाया, जिसे आसन ने एक्सपंज कर दिया. खड़गे ने कहा कि 55 साल से मैं विधायक-सांसद कुछ ना कुछ हूं, लेकिन हमको ये सजा मिला है. मैं गद्दार हूं, हम गद्दार हैं. मैं कहूंगा कि गद्दार आप लोग हैं, आपने देश के साथ गद्दारी की. ब्रिटिशर्स के साथ मिलकर काम किया, आजादी के आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया. दूरदर्शन पर 8 मई का प्रोग्राम है, कितना पॉइजन आपने भरा है. उन्होंने आसन से कहा कि आप हां में हां नहीं मिलाएंगे तो आपकी गति भी मेरे जैसे ही होगी.
खड़गे ने सीडीएस के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अनिल चौहान ने खुद ये माना है कि पहले दो दिनों में हमसे टैक्टिकल मिस्टेक्स हुईं. आपके लोग बाहर बोलते हैं, आप नहीं बोलते. इस पर आपकी क्या राय है. 30 जून 2025 को मिलिट्री अटैचे ने मलेशिया में कहा कि हमें कुछ एयरक्राफ्ट का नुकसान हुआ है. सरकार जल्दी निर्णय नहीं ले रही है, जिसकी वजह से ये हुआ. आपके रक्षा अधिकारी ही कह रहे हैं कि आप निर्णय ही नहीं ले रहे थे, जिससे ये सब हुआ है. एक अधिकारी ने कहा कि भारत पाकिस्तान से नहीं, चीन से ही लड़ रहा था. अहमदाबाद में झूले में थे न वो साथ, आप ही का एक अधिकारी कह रहा है. ये वही चीन है, जिसे मोदी जी ने गलवान के बाद क्लीनचिट दी थी. पीएम ने कहा था कि न तो कोई घुसा था, ना ही कोई घुस आया है. पीएम से पूछना चाहूंगा कि रक्षा अधिकारियों के बयान पर उनका कहना क्या है. रक्षा मंत्री का कहना क्या है. हकीकत ये है कि हम सांसदों को अंधेरे में रखा गया, सभी जानकारी मीडिया के जरिये मिल रही थी और आज भी वैसे ही मिल रही है. किसी भी जानकारी को संसद के सामने पहले रखना चाहिए, खासकर संवेदनशील मामलों में. देश बड़ा है. इसको लेकर, सबसे राय-मशविरा लेकर आगे बढ
मल्लिकार्जुन खड़गे ने रक्षा मंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि ये झंझट में नहीं पड़ते. इस पर राजनाथ सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विदेश मंत्री ने दूसरे सदन में यह स्पष्ट किया है कि पीएम और राष्ट्रपति ट्रंप की कोई बातचीत नहीं हुई है. किसी के दबाव में यह सीजफायर नहीं हुआ है. पाकिस्तान के डीजीएमओ आए थे और तब इसे स्थगित किया गया. खड़गे ने कहा कि अभी गृह मंत्री आएंगे बोलने, हम प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहे हैं. कुछ उनके लिए भी छोड़िए. हमारी पॉलिसी है कि हम थर्ड पार्टी को एंटरटेन नहीं करेंगे. मोदी जी को क्या हुआ, इतना चर्चा हो रहा है. यहां नहीं, वहां नहीं, क्या आकाश में बैठे हैं क्या. किन शर्तों पर सीजफायर हुआ और फ्रंटफुट पर होने के बावजूद क्यों स्वीकार किया. क्या अमेरिका ने सीजफायर कराया और हां तो क्या ये भारत की मध्यस्थता के खिलाफ नीति के विपरीत नहीं है. क्या ये परमाणु ब्लैकमेलिंग के कारण सीजफायर हुआ. प्रधानमंत्री आकर बोलें, बाहर तो बहुत बोलते हैं. विदेश मंत्री तो चले गए, रक्षा मंत्री हैं. पहलगाम हमले के बाद जो कुछ हुआ, मोदी जी की विदेश नीति गले पड़ जाना, हाथ मिलाना, फोटो खिंचवाना ही है. इसकी पोल खुल गई है. नमस्
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह का नाम लिए बिना कहा कि इनके एक मंत्री ने कहा कि जिन्होंने हमारी बहन-बेटियों को सिंदूर उजाड़ा था, उन्हीं की बहन कर्नल सोफिया कुरैशी को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करा दी. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका खंडन किया. नड्डा साहब क्या इसका खंडन करेंगे. उन्होंने कहा कि विदेश सचिव पर निजी हमले किए गए. मेजर नरवाल की विधवा को ट्रोल किया गया. देशभक्ति पर बड़ी बातें करने में मोदी का जोर नहीं, देशभक्ति का ठेका सिर्फ इन्होंने लिया है. लोग झूठी बातों को गंभीरता से नहीं लेंगे. किसी को दोष देकर खुद को बचाना चाह रहे हैं. पहलगाम के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया. सेना ने जोरदार अटैक किया. हम फ्रंटफुट पर थे, पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे. ऐसा आपका कहना है. अचानक युद्ध विराम की घोषणा हुई. सवाल है कि घोषणा किसने की, कहां से हुई. इसकी घोषणा हमारे प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री ने नहीं की. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन से इसकी घोषणा की और दावा किया कि मैंने युद्ध रुकवाया. लेकिन ये मानने के लिए तैयार नहीं हैं. राष्ट्रपति ट्रंप 29 बार ये बात दोहरा चुके हैं, ? खड़गे की इस बात पर हंगामा हो गया. आसन से उपसभापति ने वॉर्न करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री पर कोई टिप्पणी नहीं. खड़गे ने कहा कि मोदी जी गाहलियों का हिसाब रखते हैं, लेकिन भारत के खिलाफ ट्रंप की बात पर मोदी जी क्यों चुप्पी साधे हैं. ट्रंप ने कहा कि पांच जेट्स गिराए गए. आपका दोस्त बोल रहा है, जिसके प्रचार के लिए जाते हो., विदेश में जाकर किसी का प्रचार कोई करता है. आजतक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया. इसको आप बता सकते हैं. मोदी जी से देश जानना चाहता है कि वो साफ-साफ कहें कि हमारा एक भी जेट नहीं गिरा.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार और प्रधानमंत्री को लेकर सवाल उठाए और कहा कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति यही निष्ठा है? जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम की घटना को इंटेलिजेंस फेल्योर बताया और कहा कि हम इसकी जिम्मेदारी लेते हैं. इंटेलिजेंस तो गृह मंत्री के अंदर आता है. इसकी जिम्मेदारी उनको लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए. क्या एलजी ने यह बयान गृह मंत्री को बचाने के लिए कहा या गृह मंत्री ने उनसे यह कहने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में पांच बार पहलगाम में हमला हुआ, बीजेपी सरकार ने सबक नहीं लिया. अभी बताया गया कि तीन आतंकी कल मारे गए. ये मास्टरमाइंड के बारे में कल कहा था, आज इसके बारे में कहा है. अरे ये भी तो बताओ कि बाकी जो बचे हैं, उनको कब ढूंढ निकालोगे. खड़गे ने कहा कि गृह मंत्री जी कह रहे थे, कांग्रेस ने ये किया, कांग्रेस ने वो किया. अरे एक ही गोली पर कब तक जिंदा रहोगे. आपने क्या किया, ये बताओ. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि हमने सीडब्ल्यूसी की बैठक में प्रस्ताव पारित किया, जय हिंद यात्रा निकाली सेना के सम्मान में. हमने कहा कि ये राजनीति करने का समय नहीं है. एकजुटता के लिए सरकार के साथ खड़े थे. लेकिन मोदी जी विपक्ष के खिलाफ चुनावी भाषण करते फिरते हैं. चार दिन में पाकिस्तान की फायरिंग से
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम तो पाकिस्तान की निंदा पहले भी करते रहे हैं, लेकिन आप बिना बुलाए वहां जाकर गले लगा लेते हैं. आप खुद ही ऐसी चीजें करते हो, और दूसरों को पाठ पढ़ाते हो. आप अगर सीरियस हो तो दूसरों पर टीका करने की जरूरत नहीं है. हमारा इतिहास बड़ा लंबा है. आपने सिर्फ झूठ के कारखाने बनाए हैं, पब्लिक सेक्टर नहीं. आप उनकी ही कहानियां बताएंगे, जो हमने बनाया था. नेहरू जी को गालियां देते वक्त तालियां बजाते हैं. यही लोग जब बच्चे थे, 14 नवंबर को कहते थे, चाचा नेहरू आए. सच बताइए, सच सुनिए, तभी कुछ निकलेगा. उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी पूछा था लिखित में कि क्या आपको पहले से पता था कि कुछ होने वाला है, क्योंकि आप वहां जाने वाले थे और दौरा रद्द कर दिया था. सरकार को सच सुनने का साहस दिखाना चाहिए. इस पर नेता सदन जेपी नड्डा ने आपत्ति की और इसे एक्सपंज करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत है तो सरकार खारिज कर दे. हमने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन कहा गया कि समय आने पर जवाब देंगे. कहा जा रहा है कि हमने देर से किया, अच्छा किया. अरे आपके पास पत्र पढ़ने की, लिखने की फुर्सत नहीं है. इतना घमंड अच्छा नहीं है. मोदी साहब सर्वदलीय मीटिंग में भी नहीं थे. पीएम उस समय समय कहां थे, वह बिहार चुनाव में प्रचार कर रहे थे. मोदी साहब को इस सदन में या उस सदन में बैठना चाहिए था. सुनना चाहिए था. सुनने की क्षमता जब नहीं है, तुम कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं हो. क्या यही तुम्हारी देशभक्ति है.
शिवसेना (शिंदे) के सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने कहा कि पोटा कानून हमारी सरकार लेकर आई, लेकिन उसे रद्द करने का काम कांग्रेस ने किया. उन्होंने कहा कि इकबाल मूसा यूबीटी प्रत्याशी के प्रचार में आया था. इस पर भी अरविंद सावंत को बताना होगा. कुछ लोग कह रहे हैं कि यूएस के सामने घुटने टेक दिए. भोपाल गैस कांड के आरोपी एंडरसन को भगाने का काम इनकी सरकार ने किया, वह भी सरकारी विमान में बैठाकर. बोफोर्स घोटाले में आरोपी क्वात्रोचि को भगाने का काम भी इन्होंने किया. इनके ही नेता ने भगवा आतंकवाद कहा और इनके ही नेता आज पाकिस्तान को क्लीनचिट देने का काम कर रहा है. इनके ही नेता मणिशंकर अय्यर ने याकूब मेनन की मर्सी पिटीशन पर साइन करने का काम किया. इनके ही नेता ने कहा कि हमें पाकिस्तान का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि वह न्यूक्लियर पावर है. इनकी ही सरकार में यासीन मलिक को गेस्ट बनाकर प्रधानमंत्री के बगल में बैठाने का काम किया. दोस्ती के नाम पर अक्साई चिन चीन को भेंट कर दिया. दोस्ती के नाम पर एक द्वीप म्यांमार को दे दिया, आपने कश्मीर के द्विपक्षीय मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बना दिया. आज पूछते हो कि पीओके कब लोगे, पीओके देने का पाप भी आपने किया
प्रियंका गांधी ने सत्ता को कांटों का ताज बताते हुए कहा कि नेतृत्व बस श्रेय लेने से नहीं होता. मेरी मां के आंसू तब गिरे थे, जब आतंकियों ने मेरे पिता को मार दिया था जब वो महज 46 साल की थीं. और आज मैं 26 परिवारों के दर्द की बात इस सदन में कर पा रही हूं तो उसके पीछे वही दर्द है जो मैंने सहा है. ऑपरेशन सिंदूर अगर आतंकवाद को खत्म करने के लिए था, तो इसे गहरा धक्का लगा जब पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी समिति का अध्यक्ष बना दिया गया. .ये किसकी विफलता है. उन्होंने कहा कि आज यहां जितने भी लोग बैठे हैं, सबके पास सुरक्षा है. पहलगाम के बैसरन वैली में जो 26 लोग मारे गए, उनमें से 25 भारतीय थे. आप कितने भी ऑपरेशन कर लें, इस सच के पीछे छिप नहीं सकते कि उनको आपने कोई सुरक्षा नहीं दी. प्रियंका गांधी ने पहलगाम में मारे गए एक-एक व्यक्ति के नाम भी सदन में पढ़े. इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से किसी सदस्य ने कुछ कहा, इस पर कहा कि सुबह भी शिव मंत्र पढ़कर आई हूं, सुन लीजिए.
प्रियंका गांधी ने कहा कि क्या सेना प्रमुख, क्या इंटेलीजेंस प्रमुख ने इस्तीफा दिया. क्या गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. इस्तीफा छोड़िए, जिम्मेदारी तक नहीं ली. इतिहास की बात आप करिए, मैं वर्तमान की बात करूंगा. 11 साल से सत्ता में आप हो. कल मैं देख रही थी, जब गौरव गोगोई ने जिम्मेदारी की बात कही, राजनाथ सिंह सिर हिला रहे थे, लेकिन गृह मंत्री हंस रहे थे. इन्होंने कल कहा कि मुंबई हमले के बाद मनमोहन सरकार ने कुछ नहीं किया. जब घटना चल रही थी, तभी तीन आतंकियों को मार दिया गया था और एक बचा था जिसे पकड़ा गया और बाद में फांसी दी गई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. राजनाथ जी उरी-पुलवामा के समय गृह मंत्री थे, आज वह रक्षा मंत्री हैं. अमित शाह के समय मणिपुर जल रहा है, दिल्ली दंगे हुए, पहलगाम हुआ और आज भी वह गृह मंत्री हैं. क्यों. देश जानना चाहता है. पहलगाम हमला हुआ, सब एकजुट होकर खड़े हो गए. दोबारा होगा तो दोबारा भी खड़े हो जाएंगे. देश पर हमला होगा तो हम सब सरकार के साथ खड़े हो जाएंगे,. ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी, लेकिन श्रेय प्रधानमंत्री जी चाहते हैं. सही भी है, श्रेय ल
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सेना के शौर्य को सलाम किया और कहा कि आजादी अहिंसा के आंदोलन से मिली, लेकिन 1948 में पाकिस्तान की ओर से हुई पहली घुसपैठ से अब तक हमारी अखंडता को अक्षुण्ण रखने में सेना का बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने तमाम पहलू गिना दिए, इतिहास का पाठ भी पढ़ा दिया, लेकिन एक बात रह गई. पहलगाम में हमला कैसे हुआ, क्यों हुआ? ये सवाल अब भी खटक रहा है. प्रियंका गांधी ने शुभम द्विवेदी की पत्नी को भी कोट किया और कहा कि लोग सरकार के भरोसे पहलगाम गए थे, सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया. हमले की जिम्मेदारी किसकी है. क्या नागरिकों की सुरक्षा रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है, क्या ये गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने टीआरएफ की स्थापना, इसकी गतिविधियों और इसे आतंकी संगठन कहे जाने का जिक्र कर सवाल उठाए और कहा कि सरकार की कोई ऐसी एजेंसी नहीं है, जिसे भनक लगे कि ऐसे भयानक हमले की योजना बन रही है. ये एजेंसियों की विफलता है कि नहीं है. ये बड़ी विफलता है.
अखिलेश यादव ने सरकार के अग्निवीर योजना को वापस लेने की उम्मीद जताई और कहा कि चीन ने भारतीय वाहन निर्माताओं के लिए दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति रोक दी है. बुलेट ट्रेन के लिए सुरंग खोदने वाली मशीनों में उपयोग होने वाले पुर्जे भी रोक दिए हैं. हम जहां आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, किस पर निर्भर होते जा रहे हैं, यह सोचने की बात है. चीन से भी हमें सावधान रहना पड़ेगा. हमने कई मौकों पर यह कहा है कि हमें पाकिस्तान से नहीं, चीन से खतरा है. वह समय समय पर हमारी जमीन छीन रहा है, हमारा बाजार भी छीन रहा है. सरकार को ऐसा फैसला लेना चाहिए जिससे व्यापार कम होता चला जाए. नहीं तो हम आत्मनिर्भर नहीं हो पाएंगे. क्या व्यापार और राजनीति का संबंध ऐसा हो सकता है कि दोनों एक-दूसरे का लाभ उठाएं. हमें पाकिस्तान से खतरा है, तो चीन राक्षस है, जो हमसे हमारी जमीन और बाजार छीन रहा है. क्या चीन के इंफ्रास्ट्रक्चर से बेहतर हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर है? सरकार इसका जरूर जवाब दे. जीडीपी का तीन फीसदी बजट डिफेंस का होना चाहिए. टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए हमें वर्षों क्यों इंतजार करना पड़ता है. सरकार समय-समय पर डिफेंस एक्सपो के नाम पर दुनिया से इन्वेस्टमेंट के लिए कहती है. कितना इन्वेस्टमेंट आया है. हमारे देश की रक्षा के लिए अपने लोग क्यों तैयार नहीं हो रहे हैं. जहां पर सेना ने बहुत बहादुरी और पराक्रम, वीरता और अदम्य शौर्य का परिचय दिया, उसके लिए उनको बधाई देता हूं. अभी जो सुन रहा था, आतंकी मारे गए हैं. इसके पक्ष में हम सब लोग हैं. राजनीतिक लाभ कौन उठा रहा है. ये पूछ रहे हैं कि महादेव ऑपरेशन पर ये बधाई क्यों नहीं दे रहे हैं. पूछना चाह रहा हूं कि सारे राजनीतिक दल आपके साथ थे. एनकाउंटर कल ही क्यों हुआ. जब इतना ही टेक्नोलॉजी और इन सब चीजों को जानते हैं, समझते हैं, तो पुलवामा में जो गाड़ी आरडीएक्स लेकर आई, वो गाड़ी आजतक क्यों नहीं पकड़ी गई. आखिर हिम्मत क्यों नहीं दिखा पा रही है सरकार. सैटेलाइट इमेज से ये पता चल जाएगा कि वह गाड़ी किस रास्ते से आई. डेलिगेशन भेजने की बात आई, तो यह निर्णय राजनीतिक दल करेंगे, आप नहीं. यह लोग कहते थे कि छह महीने में पीओके ले लेंगे, अक्साई
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को कम से कम संसद में यह जानकारी देनी चाहिए कि हमारा क्षेत्रफल क्या है. जिस तरह का लाभ लेना चाहते हैं बीजेपी के लोग, जिस तरीके से बीजेपी के ऑफिशियल हैंडल से कार्टून पोस्ट किया गया. वह बीजेपी की मानसिकता दर्शाता है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का होना ही सरकार की सबसे बड़ी विफलता है. ऑपरेशन सिंदूर पर हम और आप यहां बैठकर चर्चा कर रहे हैं, यही सरकार की विफलता है. आजादी के अमृतकाल का ढिंढोरा पीटा जा रहा है और विदेशी ताकतों की ओर से कहा जा रहा है कि युद्ध हमने रुकवाया. देश की सार्वभौमिकता क्षीण हुई है. ऑपरेशन सिंदूर का जिस तरह से ढोल पीटा गया, वह भी निंदनीय है. सरकार जवाब दे कि पाकिस्तान के पीछे कौन सा देश खड़ा है. हमें चीन से उतना ही खतरा है, जितना आतंकवाद से. सरकार की नीतियां, फैसले ऐसे हैं जो सीमाओं का अतिक्रमण करने वाले की व्यापारिक गतिविधियों में मदद करने वाले हैं. बात देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की होनी चाहिए. आर्थिक मामलों में सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है. कुल मिलाकर सरकार को अपनी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों के लिए असर लाने की जरूरत है. किरेन रिजिजू ने कहा कि अखिलेश जी ने जो कहा, उसको करेक्ट करना चाहता हूं. चीन जिस जगह पर कब्जा किए हुए है, वह जगह 1959 में लिया. 1962 में थोड़ा और लिया. इसके बाद कई सरकारें आईं, अरुणाचल में चीन एक इंच भी अंदर नहीं घुसा है.
अखिलेश यादव ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि विपक्ष के लोगों को बधाई मिल रही है, सत्ता पक्ष के लोगों को कोई बधाई नहीं दे रहा है. मैं दुनिया को मनाने में लगा हूं, मेरा घर मुझसे रूठा जा रहा है. ये लाइनें बीजेपी के लिए कह रहा हूं. उन्होंने कहा कि हमारी फौज दुनिया की सबसे साहसी फौज में से एक है. सेना के शौर्य पर हमें गर्व है. उन्होंने कहा कि जब ऑपरेशन चल रहा था, तब कुछ चैनल तो यहां तक कहने लगे थे कि कराची हमारा हो गया. एक चैनल ने तो यहां तक कह दिया कि हमने उनको पकड़ भी लिया. वैसे तो सरकार के सभी इंजन टकराते दिखते हैं, लेकिन इस विषय पर सभी एक थे. किसी ने कहा कि छह महीने का समय मिल जाए, तो पीओके हमारा. लेकिन इनकी मित्रता बहुत है. इन्होंने अपने मित्र से ही कहा कि आप ही सीजफायर का ऐलान कर दीजिए, हमारा कोई काम नहीं है. क्या वजह थी कि सीजफायर का ऐलान किया गया, किस दबाव में सीजफायर हुआ. सरकार जनभावना का लाभ उठाती है. सरकार को यह जरूर बताना चाहिए कि वह क्या क्या कदम उठा रही है, जिससे ऐसी घटना दोबारा नहीं हो. पुलवामा में भी इंटेलिजेंस फेल्योर की बात आई थी, जिम्मेदारी किसकी है ये किसी को नहीं पता. खुफिया तंत्र क्यों नाकाम हो रहा.
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि बीजेपी ने पहली बार विपक्ष में विश्वास किया और देश का प्रतिनिधित्व करने विदेश गए डेलिगेशन में शामिल किया. हम इसके लिए सरकार का धन्यवाद देते हैं, लेकिन इसकी नौबत क्यों आई. क्योंकि शांति भंग हो गई थी. गृह मंत्री अभी बोल रहे थे, ब्लेम गेम खेल रहे हैं. आप तीसरी बार सत्ता में हैं और दूसरों को ब्लेम कर रहे हैं. गृह मंत्री कल कह रहे थे कि आप अभी 20 साल वहीं रहेंगे. जनता सर्वोपरि है. हम यहां हैं, क्योंकि एसआईआर जैसी चीजें हैं. आप कहते हो कि आप विश्वगुरु हो. कनिमोझी ने मोदी सरकार में हुए आतंकी हमले गिनाते हुए कहा कि आपके पास इसका कोई जवाब नहीं है. आप हर बार कहते हो कि ऐसा फिर नहीं होगा. विश्वगुरु किसी को कुछ नहीं सिखाते. इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
अमित शाह ने टाइगर मेमन से लेकर तमाम आतंकियों के नाम गिनाए, जो कांग्रेस की सरकारों के समय देश से भागे थे. उन्होंने कहा कि मेरा जवाब तो सेना ने दे दिया. अब राहुल गांधी जवाब दें. हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं. देश की जनता के सामने 2004 से 2014 और 2015 से 2025 का हिसाब किताब रखता हूं. 2004 से 14 में अखंड सोनिया मनमोहन की सरकार थी और 2015 से 2025 तक अखंड मोदी सरकार थी. कश्मीर में मनमोहन सरकार के 10 साल के मुकाबले मोदी सरकार में आतंकी घटनाओं में 70 फीसदी कमी आई. आंकड़ों से भाग नहीं सकते. कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से आतंकी इको सिस्टम नष्ट हो गया है.
अमित शाह ने कश्मीर में सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदम गिनाए और कहा कि बुरहान वानी और अन्य आतंकियों के जनाजे में 10-10 हजार लोग निकलते थे. अब जो आतंकी जहां मारा जाता है, उसे वहीं दफना दिया जाता है. जनाजा निकालने की इजाजत किसी आतंकी को नहीं है. उन्होंने आतंकी समर्थकों को नौकरी से निकाले जाने से लेकर बार काउंसिल तक, आतंक समर्थकों को चुनचुनकर निकाले जाने के कदम भी गिनाए और कहा कि नतीजे भी आए हैं. 2024 में पथराव की घटनाएं जीरो हो गईं. ऑर्गेनाइज्ड हड़ताल तीन साल से जीरो है. नागरिकों की मृत्यु तीन साल से जीरो है.
अमित शाह ने कहा कि एक समय में हूर्रियत के नेताओं को यहां वीआईपी ट्रीटमेंट मिलती थी. ये आते थे, रेड कार्पेट बिछाया जाता था, सारे कंपोनेंट हमने बैन कर दिए हैं. हम कोई हूर्रियत से बात नहीं करना चाहते. हूर्रियत से बात नहीं करेंगे, हम अगर बात करेंगे तो घाटी के युवाओं से बात करेंगे. 2019 के बाद हमने टीआरएफ, जम्मू कश्मीर गजनवी फोर्स, जमात-ए-इलामी, मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर, जम्मू कश्मीर नेशनल फ्रंट, जम्मू कश्मीर पीपुल्स फ्रंट और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया समेत कई संगठन हमने बैन कर दिए. पाकिस्तान तो कई बार गए हो गोगोई आप, सीमा पर गए हो. हमारे जवानों की कठिनाई तो देखो आप. नदी-नालों के बीच में चौकी करते हैं. कोई घुस गया तो बचेगा नहीं. इनको सीमा की भौगोलिक कठिनाइयां मालूम नहीं. ये तो ऐसे कह रहे हैं घुस गए, घुस गए. आपके समय में तो घुसने की जरूरत ही नहीं थी. आप बुलाते थे, वो आते थे. जैसे आप पाकिस्तान जाते हो, वैसे वो यहां आते हैं.
अमित शाह ने कहा कि मैं समझ रहा हूं कि पोटा रद्द करने वालों को मोदी जी की एंटी टेरर नीति पसंद नहीं आएगी. ये मोदी सरकार है और हमारी टेररिज्म विरोधी नीति है और हम विजयी होंगे. उन्होंने अंत में ऑपरेशन महादेव में शामिल जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना, सीआरपीएफ के जवानों को हाथ जोड़कर नमन करता हूं. इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने अपना संबोधन खत्म किया.
अमित शाह ने कहा कि 2005 से 2011 के बीच में आतंकियों ने 27 जघन्य हमले हुए और हजार के करीब लोग मारे गए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि सदन में खड़े होकर देश की जनता को ये बताएं. उन्होंने कुछ नहीं किया. यहां कहते हैं कि आपके समय में भी घटनाएं हुईं, उनको अंतर समझाता हूं. कश्मीर में हमारे अब आतंकी नहीं बनते, उन्हें पाकिस्तान से आतंकी भेजना पड़ता है. सलमान खुर्शीद को एकबार सोनिया गांधी के घर से रोते निकलते देखा. बाटला हाउस की घटना पर सोनिया जी रो पड़ीं. रोना था तो शहीद मोहन सिंह के लिए रोते. आतंकियों के लिए इनको रोना आता है. इनको आतंक को लेकर कुछ भी पूछने का कोई अधिकार नहीं है. विपक्ष के हंगामे पर अमित शाह ने कहा कि मान्यवर अभी 25 प्रतिशत बाकी है.
अमित शाह ने कहा कि कल इन लोगों का ऐसा था कि बैसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए. उन्होंने कहा कि ये (विपक्ष) पूछ रहा था कि बैसरन के आतंकी कहां गए, तो मैं बताता हूं कि हमारी सेना ने उन्हें ठोक दिया.
अमित शाह ने सुरक्षा परिषद की सदस्यता के अमेरिकी प्रस्ताव को नेहरू ने यह कहकर ठुकरा दिया कि हम इसे स्वीकार नहीं सकते. इससे चीन जैसे महान देश को बुरा लगेगा. राजीव गांधी फाउंडेशन ने क्या एमओयू किया था, चीन के साथ, ये तो बताओ भाई. जब डोकलाम में हमारे सैनिक चीन के सामने आंख में आंख डालकर बैठे थे, तब राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ मीटिंग कर रहे थे. तीन-तीन पीढ़ी तक चीन प्रेम गांधी परिवार का उतर नहीं रहा. पाकिस्तान कांग्रेस का ब्लंडर है.
पार्टिशन स्वीकार नहीं करते, पाकिस्तान कभी नहीं होता. ये टेररिज्म की बात करते हैं. 20 साल की स्थिति से अवगत कराना चाहता हूं. अटल जी की सरकार ने 2002 में टेररिज्म समाप्त करने के लिए पोटा कानून लेकर आई. इसे समाप्त किसने किया, कांग्रेस ने. हमारे पास राज्यसभा में बहुमत नहीं था. पोटा कानून संयुक्त सत्र बुलाकर पारित कराना पड़ा. पोटा कानून को रोककर किसको बचाना चाहते थे आप. वोट बैंक के लिए पोटा रोककर आपने आतंकियों को बचाने का काम किया. 2004 में आते ही मनमोहन सिंह सरकार ने पहली कैबिनेट में पोटा कानून को रद्द कर दिया. इसके बाद क्या हुआ. 2004 के दिसंबर में पोटा रद्द हुआ, 2005 में रामलला के कैंप पर हमला हुआ. अमित शाह ने मुंबई लोकल ट्रेन से डोडा, लखनऊ, वाराणसी, रामपुर सीआरपीएफ कैंप, आर्मी कै काफिले से लेकर पुणे की जर्मन बेकरी तक, आतंकी हमले गिनाए और मृतकों की संख्या भी बताई.
अमित शाह ने सरदार पटेल के विरोध के बावजूद पंडित नेहरू के यूएन चले जाने, सिंधु समझौते का भी जिक्र किया और कहा कि इंदिरा जी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए. यह बहुत बड़ी विजयी थी और हम सब भी इस पर गर्व करेंगे लेकिन युद्ध की चकाचौंध में हुआ क्या. शिमला में समझौता हुआ, पीओके मांगना ही भूल गए. अगर उस वक्त पीओके मांग लेते, तो ना रहता बांस न बजती बांसुरी. पीओके तो मांगना ही भूल गए, 15 हजार वर्ग किलोमीटर की जीती जमीन भी दे दी.
गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के 195 अधिकारियों पर युद्ध अपराध का मुकदमा चलना था, भुट्टो उन्हें इंदिरा जी के सामने से छुड़ाकर ले गया. जनरल मानेकशॉ ने कहा कि भुट्टो ने भारत के नेतृत्व को मूर्ख बनाया. ये हमको सिखा रहे हैं कि ये नहीं किया, वो नहीं किया. अरे भाई आप तो पाकिस्तान को क्लीनचिट दे रहे हो, आपको अधिकार ही नहीं है पूछने का. कनिमोझी जी कह रही हैं कि हमने नहीं दिया है. जिनके साथ आप बैठे हो, उनका अपराध तो आपके सिर पर आएगा न. किसी को कोई अधिकार नहीं है आतंकवाद पर बोलने का. उन्होंने कहा कि 1971 के बाद हमने पीओके मांगना छोड़ दिया था. 62 के युद्ध में क्या हुआ, अभी कल कुछ कांग्रेस के सदस्य चीन का सवाल पूछ रहे थे.
अमित शाह ने कहा, "मैं आज पूछना चाहता हूं, 62 के युद्ध में क्या हुआ. 30 हजार वर्ग किलोमीटर अक्साई चिन का हिस्सा चीन को दे दिया गया. उस पर सदन में नेहरू जी ने कहा कि वहां घास का एक तिनका नहीं उगता, उस जगह का क्या करेंगे. उनका सिर मेरे जैसा था. एक सदस्य ने कहा कि आपके सिर पर भी एक भी बाल नहीं है, उसे चीन भेज दें क्या."
अमित शाह ने कहा कि बहुत नजदीक से की गई गोलाबारी में हमारे कुछ गुरुद्वारे और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा. उन्होंने कहा कि हमारे कुछ नागरिक भी हताहत हुए. उन्होंने अगले दिन भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के छह रडार सिस्टम ध्वस्त किए जाने की जानकारी दी और ध्वस्त किए गए एयरबेस के नाम भी गिनाए. अमित शाह ने कहा कि उनके रिहायशी इलाकों पर हमले के बावजूद हमने ऐसा नहीं किया. हमने उनकी हमला करने की क्षमता को पंगू कर दिया. पाकिस्तान के पास शरण में आने के अलावा कोई चारा ही नहीं था. इसलिए 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ को फोन किया और शाम पांच बजे हमने संघर्ष विराम किया. युद्ध करना या न करना सोच कर करना पड़ता है.
गृह मंत्री अमित शाह ने मोहम्मद यूसुफ अजहर, मोहम्मद जमील समेत इस ऑपरेशन में मारे गए. उन्होंने आतंकियों के नाम भी सदन में गिनाए और कहा कि कल ये (विपक्षी सांसद) मुझसे पूछ रहे थे कि पहलगाम के दोषी कहां गए. ये 10 जो नाम पढ़े हैं, उनमें से आठ चिदंबरम एंड कंपनी के जमाने में आतंकी घटनाएं घटाते थे. इन्हें हमारी सेना ने चुन-चुनकर मारा है. उन्होंने कहा कि राजनाथ जी बोले हैं, वो ऑथेंटिक शब्द हैं. इसको मैं बढ़ा नहीं सकता. कम से कम सौ आतंकी मारे गए.
अमित शाह ने बताया कि 7 मई को 1 बजकर 26 मिनट पर हमारा काम समाप्त हो गया था. हमारे डीजीएमओ ने उनके डीजीएमओ को बता दिया कि हमने इन आतंकी ठिकानों पर हमला किया है. मनमोहन सिंह की तरह ऐसा नहीं हो सकता कि वो हम पर हमला करें और हम चुपचाप बैठे रहें. हमने आतंकी ठिकानों पर जो हमला किया, उसे पाकिस्तान ने अपने ऊपर हमला मान लिया. उससे ये गलती हो गई.
गृह मंत्री ने बताया कि दूसरे दिन इनकी श्रद्धांजलि का कार्यक्रम हुआ और सेना के आला अफसर वहां उपस्थित हुए और कंधा दिया. सिंदूर ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में एक्सपोज कर दिया कि पाकिस्तान का आतंक स्टेट स्पांसर टेररिज्म है. आठ मई को पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया लेकिन कोई मिसाइल ठिकाने पर नहीं पहुंची.
अमित शाह ने कहा कि इसमें किसी को चुनावी भाषण दिखाई देता है, तो उसकी समझ पर सवालिया निशान लगता है. यह चुनावी भाषण नहीं, देश की 140 करोड़ जनता की भावनाएं हैं. जैसे चश्मे होते हैं, वैसा ही दिखाई देता है. 30 अप्रैल को सीसीएस की बैठक में सेनाओं को पूर्ण ऑपरेशनल फ्रीडम देने का काम मोदी जी ने किया. 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चला और नौ आतंकी ठिकाने पूरी तरह ध्वस्त कर दिए गए. इससे संयमित हमला नहीं हो सकता. हमने नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए, लेकिन एक भी सिविलियन नहीं मरा. केवल आतंकी मारे गए. उन्होंने एक-एक कैंप के नाम भी सदन में लिए और कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में हमने पीओके पर ही हमला किया. एक तरह से भारत की भूमि पर ही हमला किया. इस बार सौ किलोमीटर अंदर घुसकर हमला किया.
अमित शाह ने कहा कि 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए. मैं उसी दिन श्रीनगर के लिए निकल गया. पीएम मोदी ने 23 और 24 अप्रैल को सीसीएस की मीटिंग की. इसमें सिंधु जल संधि को स्थगित करने का काम किया, जो कांग्रेस का ब्लंडर था. उन्होंने सीसीएस में लिए गए फैसले गिनाए और कहा कि सीसीएस ने यह संकल्प लिया कि आतंकी जहां भी छिपे हैं, उनको और उन्हें ट्रेनिंग देने वालों को उचित जवाब दिया जाएगा. गोगोई जी मोदीजी के बिहार जाने की बात कह रहे थे, मोदी जी जिस दिन बिहार गए, उस दिन पहलगाम में कुछ नहीं था, सिर्फ राहुल गांधी थे. चुनावी भाषण करने की बात पर मुझे आपत्ति है. देश के प्रधानमंत्री का कर्तव्य होता है कि जनता पर जघन्य हमला होता है, तो उसे जवाब देना. अमित शाह ने पीएम मोदी के बिहार में दिए गए भाषण के कुछ अंश पढ़कर भी सुनाए.
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम के बयान की भी सदन में आलोचना की. उन्होंने आतंकियों को बचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रूफ है, जो मैं सदन के सामने रखूंगा. उन्होंने बताया की मारे गए तीन आतंकियों में दो के वोटर नंबर भी हमारे पास हैं. वे पाकिस्तानी आतंकी थे. आतंकियों के पॉकेट से जो चॉकलेट मिले वो भी पाकिस्तान में बनाई गई थी. अमित शाह ने कहा कि आज कांग्रेस से आए पूर्व गृह मंत्री सबूत मांग रहे हैं. इस बीच सदन में हंगामा मच गया. गृह मंत्री ने विपक्ष से कहा कि धैर्य रखें, अभी शुरू हुआ है. उन्होंने कहा, "मैं घटनाक्रम की पूरी जानकारी दूंगा."
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि आतंकियों की पुष्टि हो गई है. आतंकियों की मदद करने वाले दो आरोपियों ने भी उनकी पहचान कर ली है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को सुबह 4 बजे आतंकियों की पुष्टि हुई है. इन आतंकियों को पनाह देने वाले दो मददगार को भी पकड़ लिया गया है. गृह मंत्री ने बताया कि इन्हीं आतंकियों ने पहलगाम में हमले को अंजाम दिया था.
गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टिप्पणी की, जिससे सदन में हंगामा मच गया. अमित शाह ने उन्हें बैठ जाने को कहा. अखिलेश यादव का कहना था, "आपकी पाकिस्तान से बात हुई." गृह मंत्री ने उनसे कहा कि बैठ जाइए, बात सुन लीजिए.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने ऑपरेशन को अंजाम दिया. आतंकियों के पास से तीन राइफलें बरामद की गईं. आतंकी सुलेमान, जिबरान और अफजाल को ढेर किया गया. आतंकियों के पास से वो राइफलें भी बरामद की गईं जिससे पहलगाम में हमला किया गया था. उन्होंने बताया कि आतंकियों के पास से एम9 अमेरिकन राइफल्स और दो एके-47 बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि आतंकियों के पास से जो कारतूस बरामद किए गए, उनकी पुष्टि वैज्ञानिकों से कराई गई.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 22 मई को आईबी के पास ह्युमन इंटेल आई. दाछीगाम क्षेत्र के अंदर आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली. इस जानकारी को पुख्ता करने के लिए मई से 22 जुलाई तक लगातार कोशिशें की गईं. ऊंचाई पर सिग्नल हासिल करने के लिए सेना के जवान घूमते रहे. 22 जुलाई को सेंसर के माध्यम से आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई. पुलिस, सेना के जवानों ने आतंकियों को घेरने का काम किया.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिन आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों को मारा था, वो तीनों आतंकी मारे गए. उन्होंने कहा, "जिन्होंने बैसरन घाटी में हमारे 26 लोगों को मारा था, वो तीनों आतंकी मारे गए."
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सैन्यबलों को कार्रवाई की पूरी छूट दी गई थी. सेना ने आतंकी ठिकानों को चूर-चूर किया.
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलने वाले वक्ताओं की लिस्ट जारी की गई है. सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शाम 5 बजे अपनी बात रखेंगे. इनके अलावा कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी 1.30 बजे और केसी वेणुगोपाल 2.30 बजे बोलेंगे.
लोकसभा में डिबेट में ये वक्ता भी होंगे शामिल...
संजय जयसवाल - बीजेपी
कनिमोझी - डीएमके
ए राजा - डीएमके
वीरेंद्र सिंह - एसपी
रिकी एंड्रयू सिनग्कोन - वीपीपी
जयन्त बसुमतारी - यूपीपीएल
के सुब्बरायण - सीपीआई
हरीश बालयोगी - टीडीपी
सयोनी घोष - एआईटीसी
श्रीकांत शिंदे - एसएस
मोहम्मद बशीर - आईयूएमएल
कौशलेंद्र कुमार - जदयू
अब्दुल रशीद शेख - निर्दलीय
हरसिमरत कौर बादल - एसएडी
एक्स पोस्ट की चर्चाओं कांग्रेस से मतभेद के बीच संसद के बाहर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से बातचीत करते देखे गए.
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में कांग्रेस ने स्पीकर की लिस्ट जारी की है. लिस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में LoP मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद पी. चिदंबरम, अखिलेश प्रसाद सिंह और शक्ति सिंह गोहिल के नाम शामिल हैं. (इनपुट- मौसमी सिंह)
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के पोस्ट और पाकिस्तान के साथ खेले जाने वाले क्रिकेट मैच पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, "स्पोर्ट्स लीनियर नहीं होता, यह जटिल होता है. यह कोई द्विपक्षीय मैच नहीं है लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि हम टूर्नामेंट में वॉकओवर नहीं दे सकते." मनीष तिवारी के एक्स पोस्ट पर उन्होंने कहा, "मनीष मेरे प्रिय मित्र हैं, मुझे यकीन है कि वह जो कर रहे हैं, समझदारी से कर रहे हैं. मैंने उनका ट्वीट नहीं देखा है."
संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर आज दूसरे दिन भी बहस जारी है. आज कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे बड़े नेता अपनी बात रखेंगे. सदन में पक्ष रखने के लिए कांग्रेस ने वक्ताओं की लिस्ट जारी की थी, जिसमें सांसद मनीष तिवारी को शामिल नहीं किया गया. इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसकी खूब चर्चा हो रही है. उन्होंने एक एक्स पोस्ट में लिखा, "है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं..." उनके इस पोस्ट को कांग्रेस के विरोध के रूप में देखा जा रहा है.
यहां पढ़ें पूरा मामला: ऑपरेशन सिंदूर पर शशि थरूर के बाद मनीष तिवारी के भी कांग्रेस से जुदा सुर, बोले- भारत की बात सुनाता हूं...
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि मनीष तिवारी को निराश नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी को लिमिटेड टाइम मिलता है. इसलिए सबको मौका नहीं मिल पाता. जिसको मौका मिला है बोलने का वो खुश हैं. जिसके नहीं मिला वो नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मनीष तिवारी तो सीनियर नेता हैं. (इनपुट- ऐश्वर्या पालीवाल)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज दोपहर करीब 2 बजे 'ऑपरेशन सिंदूर' पर राज्यसभा में संबोधन देंगे. बीते दिन उन्होंने लोकसभा में इस मुद्दे पर बहस की शुरुआत की थी. (इनपुट- मंजीत नेगी)
बीजेपी नेता राम कदम ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार के रुख का बचाव किया और कांग्रेस की आलोचना की जिसे उन्होंने सैन्य अभियान के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया बताया. उन्होंने कहा, "संपूर्ण विपक्ष को संसद सत्र में चर्चा करने और सवाल उठाने का अधिकार है. वे सरकार को सकारात्मक सुझाव दे सकते हैं. क्या ऑपरेशन सिंदूर कांग्रेस को तमाशा लगता है? जिन आतंकियों ने हमारी माताओं और बहनों से सिंदूर छीना, हमारी सेना ने उनके घर में घुसकर उन्हें मार गिराया. यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चल रही एक मजबूत सरकार है."
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोलने की इच्छा जताते हुए स्पीकर लिस्ट में अपना नाम शामिल करने के लिए नेता विपक्ष कार्यालय को मेल भेजा था. उन्होंने बाकायदा अपनी मंशा जाहिर की थी, लेकिन इसके बावजूद उनका नाम लोकसभा में बोलने वालों की सूची में शामिल नहीं किया गया.
गृह मंत्री अमित शाह भी आज ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में हिस्सा लेंगे. आज वह सदन को 12 बजे संबोधित करेंगे.
गृहमंत्री संसद को जम्मू-कश्मीर में कार्यरत भारत सरकार की इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी ग्रिड के संचालन और उसकी भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे. जहां एक ओर वे सेना के अदम्य पराक्रम और रणनीतिक सफलताओं का उल्लेख करेंगे, वहीं दूसरी ओर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सीमावर्ती इलाकों में रह रहे नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की प्रक्रिया और प्रयासों की भी जानकारी साझा करेंगे.
सूत्रों के अनुसार, हाल के वर्षों में यह भारत सरकार द्वारा नागरिकों की सुरक्षा को लेकर की गई सबसे व्यापक और संगठित कार्रवाई थी. इनके अलावा, गृहमंत्री यह भी बताएंगे कि इस ऑपरेशन के दौरान मारे गए और घायल नागरिकों को केंद्र सरकार की ओर से क्या सहायता और मुआवज़ा प्रदान किया गया.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में किसी तरह का मतभेद नहीं है. सदन में बोलने वालों की संख्या सीमित होती है और जो नेता बोलेंगे, वे पार्टी की साझा राय ही रखेंगे. कई वरिष्ठ नेता इस बार सूची में नहीं आ पाए, जिनमें मनीष तिवारी भी शामिल हैं. यह केवल समय और मौका मिलने की बात है, मतभेद की नहीं.