संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो गया. सोमवार का दिन संसद से सड़क तक सियासी साबित हुआ. एक तरफ जहां कांग्रेस ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग को लेकर सड़क पर उतर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला तो वहीं सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने संसद में मोर्चा खोल दिया. हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कुछ मिनटों तक ही चल सकी और इसे अगले दिन सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा.
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों की कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में बैठक हुई. बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने अडानी मुद्दे पर सरकार को संसद में घेरने की रणनीति पर चर्चा की लेकिन जब संसद की कार्यवाही शुरू हुई, नजारा उल्टा नजर आया. संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी ने लंदन में लोकतंत्र को लेकर बयान को लेकर राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
बीजेपी की ओर से लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोर्चा संभाला और राहुल गांधी के बयान को भारतीय लोकतंत्र की गरिमा पर कुठाराघात करने की कोशिश बताया. उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी के बयान की पूरा सदन निंदा करे. राहुल गांधी को सदन से माफी मांगने के भी निर्देश दिए जाएं. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी राहुल गांधी के बयान की निंदा की और इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने ये भी कहा कि जब मनमोहन सिंह की सरकार के समय ऑर्डिनेंस फाड़ा गया, तब लोकतंत्र खतरे में नहीं पड़ा?
कार्यवाही शुरू होते ही उठा राहुल गांधी के बयान का मुद्दा
राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होते ही सदन के नेता पीयूष गोयल ने राहुल गांधी की ओर से लंदन में की गई टिप्पणी का मुद्दा उठाया और माफी मांगने की मांग की. संसद के दोनों सदनों में बीजेपी सांसदों ने राहुल गांधी माफी मांगो के नारे लगाए और हंगामा किया. इसके बाद विपक्षी सांसद भी अडानी मामले की जेपीसी जांच की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
सत्तापक्ष-विपक्ष के सांसदों ने की नारेबाजी, किया हंगामा
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे दोबारा शुरू हुई तो भी हंगामा जारी रहा. लोकसभा में पीठासीन राजेंद्र अग्रवाल ने सूचीबद्ध मामलों को लेकर कार्यवाही शुरू की. इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से राहुल गांधी माफी मांगो और पप्पू को सद्बुद्धि दे नारे लगाए जाने लगे. विपक्षी सांसद भी मोदी-अडानी भाई-भाई और वी वांट जेपीसी के नारे लगाते हुए वेल में आ गए. दोनों तरफ से लगातार नारेबाजी और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 14 मार्च को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
खड़गे ने राहुल को लेकर टिप्पणी पर जताई आपत्ति
राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही हुआ. राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पीयूष गोयल ने फिर से राहुल गांधी के बयान का मुद्दा उठा दिया. इस पर विपक्ष के नेता ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए उनकी बातों को सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने की मांग की. मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी को लेकर टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जो दूसरे सदन का नेता है, आप इस तरह नाम नहीं ले सकते. मल्लिकार्जुन खड़गे ने नियमों का हवाला दिया और सभापति से इसे सदन की कार्यवाही से बाहर करने की मांग की.
दिग्विजय सिंह बोले- ऐसा पहली बार देख रहा
इस दौरान बीजेपी के सांसद नारेबाजी करते रहे. विपक्ष के सदस्यों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बीजेपी सांसदों के रवैये पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि 45 साल के विधायी जीवन में ऐसा पहली बार देख रहा हूं कि सत्तापक्ष सदन नहीं चलने दे रहा. उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही चले, ये सुनिश्चित करना सत्ताधारी पार्टी की जिम्मेदारी होती है. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी बार-बार सदस्यों से अपनी सीट पर चले जाने की अपील की लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही अगले दिन सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
अडानी मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरी कांग्रेस
कांग्रेस ने अडानी मुद्दे को लेकर देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया था. कांग्रेस की ओर से पहले ही देश के सभी राज्यों में राजभवन का घेराव करने की घोषणा कर दी गई थी. निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम समेत सभी राज्यों में सड़कों पर उतर आए और राजभवन मार्च किया.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजधानी भोपाल में राजभवन का घेराव किया. वहीं असम में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोक हुई. पंजाब सरकार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजभवन मार्च की अनुमति नहीं दी. सोमवार को संसद से सड़क तक सियासी पारा चढ़ा नजर आया.
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