पाकिस्तान तक बिहार चुनाव की चर्चा, नजम सेठी ने कांग्रेस पर कर दी ये टिप्पणी

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी ने बिहार विधानसभा चुनाव पर चर्चा करते हुए कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पहली बार 'इश्यू-बेस्ड' चुनाव लड़ा और जीता है. उन्होंने माना कि बीजेपी ने अर्थव्यवस्था, महंगाई और सुविधाओं पर बात की, जबकि कांग्रेस का 'लोकतंत्र बचाओ' का नारा फेल हो गया.

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नजम सेठी ने बिहार चुनाव के नतीजों पर बीजेपी की तारिफ. (photo: ITG) नजम सेठी ने बिहार चुनाव के नतीजों पर बीजेपी की तारिफ. (photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:53 AM IST

बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी-नीतीश कुमार गठबंधन (एनडीए) की जबरदस्त जीत ने न केवल भारत की राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान के मीडिया में भी तहलका मचा दिया है. पाकिस्तानी पत्रकार और विश्लेषक नजम सेठी ने बीजेपी की आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित चुनाव प्रचार कैंपेन की सराहना करते हुए कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाए हैं. सेठी के बयानों ने पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर बहस छेड़ दी है, जहां एंकर और पैनलिस्ट्स उनकी टिप्पणियों से हैरान हैं.

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दरअसल, हाल ही में संपन्न हुआ बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी-जेडीयू नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए ने 202 सीटें हासिल की है, जबकि कांग्रेस-आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन 35 सीटों पर सिमट गया है. इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और नीतीश कुमार के विकास एजेंडे से जोड़ा जा रहा है, लेकिन पाकिस्तान में ये चुनाव भारतीय लोकतंत्र का आईना बन गया है.

पुरुषों से ज्यादा महिलाओं का वोटर टर्नआउट

पाकिस्तानी पत्रकार नजम सेठी (जो 'द फ्राइडे टाइम्स' के संपादक और पूर्व पंजाब के अस्थायी मुख्यमंत्री रह चुके हैं) ने एक टीवी डिबेट में बिहार चुनाव का विश्लेषण किया. उन्होंने कहा, 'उन्होंने एक करोड़ महिलाओं को दस-दस हज़ार रुपये बांटे... तो वोट तो खरीद ही लिए ना उन्होंने. महिलाओं का वोटर टर्नआउट पुरुषों से ज़्यादा था.' सेठी ने बीजेपी की 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' का जिक्र किया, जिसमें सितंबर में 7.5 करोड़ महिलाओं को 10,000 रुपये की सीधी सहायता दी गई थी.

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सेठी ने आगे कहा कि बीजेपी ने पहली बार इश्यू बेस्ड इलेक्शन बनाया, इन्होंने महंगाई की बात की, पैसे बांटे, निचली जातियों के लिए सुविधाएं बनाईं और आर्थिक सुधारों पर जोर दिया. हिंदुत्व पर इस बार जोर नहीं दिया गया. मूल रूप से उन्होंने अर्थव्यवस्था पर काम किया. 

कांग्रेस की रणनीती फेल: नजम सेठी

सेठी ने कांग्रेस की रणनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'कांग्रेस ने लोकतंत्र और संविधान का एजेंडा लिया. कहा कि ये फासीवादी हैं, लोकतंत्र नहीं चाहते, चुनाव आयोग ने ये किया वो किया. लेकिन वही हुआ- लोकतंत्र का स्लोगन नहीं चला.'

उन्होंने इसे पाकिस्तान से जोड़ते हुए कहा, 'पाकिस्तान में भी लोकतंत्र का स्लोगन नहीं चल रहा... हमने देख ही लिया है कि क्या हुआ.' कांग्रेस के आरोपों (जैसे चुनावी धांधली और आयोग की पक्षपात) को स्वीकार करते हुए भी सेठी ने कहा, 'उनके इल्ज़ामों में वजन है, मगर लोकतंत्र का स्लोगन काम नहीं आया.'

PAK के राजनीतिक दलों को लेनी चाहिए सीख

उन्होंने बीजेपी के इस इश्यू बेस्ड चुनाव कैंपेन से पाकिस्तान के राजनीतिक दलों को सीख लेने की बात भी कही है. उन्होंने पाकिस्तान के 'बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम' का उदाहरण देते हुए सुझाव दिया कि पीपीपी को भी ऐसी योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए.उन्होंने कहा कि इनको भी चाहिए पीपल पार्टी वालों को बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम अपने हाथ में ले लें, प्रोविंशियल ले लें और वहां लंबे पैसे खर्च करें. मगर इसी उनको फर्क नहीं पड़ता ना. उनको तो वोट पंजाब में चाहिए. पंजाब में मरियम लेकर बैठी हैं, मरियम महिलाओं के लिए भी काम कर रही हैं और आगे भी करती रहेंगी.'

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सेठी के इन बयानों ने पाकिस्तानी टीवी पर हंगामा मचा दिया. पाकिस्तानी मीडिया में ये चर्चा तेज हो गई कि भारतीय विपक्ष को आर्थिक मुद्दों पर फोकस करना चाहिए, न कि सिर्फ संस्थागत हमलों पर.

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