पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ बुधवार को जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए. राजनीतिक दलों के साथ-साथ धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने कहा कि इस तरह के कृत्य इस्लाम के खिलाफ हैं. प्रदर्शनकारियों ने आतंकवादियों का सामना करने के लिए एकजुटता का आह्वान किया. इस दौरान पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए गए, पुतले और झंडे जलाए गए. देश के कई इलाकों में पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए लोगों ने कैंडल मार्च निकाला.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) ने जंतर-मंतर पर मोमबत्ती जलाकर जुलूस निकाला, जबकि कांग्रेस की युवा शाखा ने रायसीना रोड स्थित अपने कार्यालय पर कैंडल मार्च निकाला. राष्ट्रीय राजधानी में कई व्यापारी संघों ने भी हमले की निंदा की और अपनी बांहों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने 25 अप्रैल को 'दिल्ली बंद' का ऐलान किया और कैंडल मार्च निकाला.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सभी प्रमुख छात्र संगठनों- एबीवीपी, एनएसयूआई और वामपंथी एआईएसएफ ने हमले की निंदा करने के लिए कैंपस के अंदर एक संयुक्त कैंडल मार्च निकाला.
पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने और इंसाफ की मांग करने के लिए मुस्लिम छात्र संघ (MSF) के सदस्य जंतर-मंतर पर मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी.
श्रीनगर में घंटाघर विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बन गया, क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी सहित तमाम सियासी दलों ने अपने कार्यालय से मार्च निकाला, जिसका समापन लाल चौक के ऐतिहासिक चौराहे पर हुआ.
श्रीनगर शहर के निवासी हाजी बशीर अहमद डार ने PTI से बात करते हुए कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिए, न कश्मीर के नाम पर और न ही इस्लाम के नाम पर. इस्लामी शिक्षाओं में मानव जीवन को इस हद तक महत्व दिया गया है कि एक निर्दोष की जान लेना पूरी मानवता की हत्या करने के समान है."
मुस्लिम संगठनों का हल्लाबोल
जम्मू-कश्मीर में कई मुस्लिम संगठनों ने संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से राजौरी, पुंछ, डोडा, किश्तवाड़, बनिहाल और उधमपुर में विरोध मार्च निकाला. प्रोटेस्ट कर रहे एजाज खान ने कहा, "हम इस हमले की निंदा करते हैं. यह गैर-इस्लामी है. इस्लाम बेगुनाहों की हत्या की इजाजत नहीं देता, हम चाहते हैं कि सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे."
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाली मुताहिदा मजलिस उलेमा (MMU), कई धार्मिक निकायों का एक समूह बुधवार को 'बंद' में शामिल हुआ.
पाकिस्तान के खिलाफ उठी आवाज
जम्मू क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए, जहां प्रतिभागियों ने पाकिस्तान के पुतले जलाए. इसके साथ ही आतंकवादियों और जम्मू-कश्मीर में उनके समर्थकों को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग करते हुए नारे लगाए गए.
बीजेपी और कांग्रेस की पंजाब इकाइयों ने चंडीगढ़ में अलग-अलग विरोध प्रदर्शन किए. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के पंजाब मामलों के प्रभारी विजय रूपाणी ने पार्टी के प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि यह आतंकवादी हमला न केवल निर्दोष लोगों की हत्या है, बल्कि कश्मीर में शांति, व्यापार और पर्यटन पर भी सीधा हमला है.
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए, जिसके इशारे पर निर्दोष भारतीय नागरिकों की हत्या की गई है.
पंजाब के लुधियाना में ऐतिहासिक जामा मस्जिद के बाहर शहर के मुसलमानों ने आतंकवाद का पुतला फूंका. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और इसे कायरतापूर्ण और शर्मनाक कृत्य बताया. फगवाड़ा में बड़ी तादाद में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज और पाकिस्तान सरकार का पुतला जलाया.
होशियारपुर में सीनियर बीजेपी नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना ने कहा कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, "आज की दुनिया में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है. पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या न केवल भारत पर बल्कि मानवता पर हमला है."
हिमाचल प्रदेश में विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कुल्लू में आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इसी तरह के विरोध प्रदर्शन राज्य की राजधानी शिमला, बिलासपुर जिले के घुमारवीं और मंडी समेत पूरे राज्य में हुए. शिमला में डीसी ऑफिस के बाहर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. मंडी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बैनर तले छात्रों ने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए.
लखनऊ से हैदराबाद तक आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
उत्तर प्रदेश में अखिल भारत हिंदू महासभा और एआईएमआईएम सहित कई संगठनों ने विरोध मार्च निकाला. अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता बीके शर्मा 'हनुमान' ने कहा, "हम उरी और बालाकोट से भी बड़ा जवाब चाहते हैं. धैर्य की भी एक सीमा होती है."
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के कार्यकर्ताओं ने शहर अध्यक्ष मनमोहन गामा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पुतला फूंका.
लखनऊ में, लोगों ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए घंटाघर से रूमी गेट तक मोमबत्ती मार्च निकाला.
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और कई अन्य बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद में विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. हाथों में राष्ट्रीय ध्वज थामे और काली पट्टी बांधे प्रदर्शनकारियों ने यहां हुसैन सागर झील के पास अंबेडकर प्रतिमा पर पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए. बीआरएस नेता के. कविता ने भी मोमबत्ती मार्च में हिस्सा लिया.
महाराष्ट्र में जलाए गए पाकिस्तान के झंडे
महाराष्ट्र में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई में विरोध प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तानी झंडे के प्रिंटआउट जलाए. शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं ने नागपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीरों वाली तख्तियों के सामने प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करते हुए चूड़ियां तोड़ी. उन्होंने "पाकिस्तान मुर्दाबाद" जैसे नारे लगाए. नासिक में, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के सदस्यों ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज और उसके प्रधानमंत्री की तस्वीरों पर चप्पलों से हमला किया.
राज्य मनसे महासचिव दिनकर पाटिल ने कहा, "सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए. सरकार को भी इस बात पर आत्मचिंतन करना चाहिए कि यह हमला कैसे हुआ."
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने मुंबई में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा, "इस कठिन समय में सभी भारतीयों को एकजुट होकर इस हमले की निंदा करनी चाहिए."
भोपाल में कांग्रेस-बीजेपी का प्रोटेस्ट
भोपाल में बीजेपी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से जुड़े लोगों समेत मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान और आतंकवाद का पुतला जलाया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मोमबत्ती मार्च में हिस्सा लिया.
आंध्र प्रदेश में पवन कल्याण के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ जनसेना पार्टी ने कहा कि तीन दिनों तक हर शाम पूरे राज्य में मोमबत्ती जुलूस निकाला जाएगा. पार्टी ने कहा कि शुक्रवार को पूरे राज्य में आतंकवाद के विरोध में ह्यूमन चेन बनाई जाएगी, पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त की जाएगी और शांति के लिए जनसेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि की जाएगी.
रांची (झारखंड), भुवनेश्वर (ओडिशा) और बेंगलुरु (कर्नाटक) जैसे कई अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बंगीय हिंदू महामंच के समर्थकों ने भी विरोध प्रदर्शन किया. पटना में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने मोमबत्ती मार्च निकाला, जबकि सीपीआई (ML) के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया. त्रिपुरा के अगरतला में भी इसी तरह का गुस्सा दिखा.
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने पश्चिम बंगाल में एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने मुंह पर काली पट्टी बांधी हुई थी.
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