इजरायल और ईरान के बीच चल रहे सैन्य टकराव के बीच भारत ने अपने नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' चलाया है. इसके तहत ईरान से अब तक 656 भारतीय छात्र-छात्राओं और नागरिकों को लेकर तीन अलग अलग फ्लाइट्स नई दिल्ली पहुंच चुकी हैं. पहले बैच में 110 छात्र-छात्राओं को एयरलिफ्ट किया गया, जिनमें 90 स्टूडेंट्स कश्मीर के थे. दूसरे बैच में 290 और तीसरे बैच में 256 भारतीय नागरिकों को ईरान से निकालकर नई दिल्ली लाया गया है.
इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए छात्रों और तीर्थयात्रियों ने भावुक होकर भारत सरकार के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया. ऑपरेशन सिंधु के तहत जैसे ही भारतीय नागरिक दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे, उन्होंने ‘भारत माता की जय’ और ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए. नोएडा निवासी तजकिया फातिमा ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी की बहुत आभारी हूं. अब अपने देश वापस आकर मुझे शांति महसूस हो रही है... अपने वतन वापस आना बहुत खुशी की बात है. वहां युद्ध की स्थिति है. हमें यकीन नहीं था कि हम वहां से कैसे निकलेंगे, लेकिन भारत सरकार ने पूरी प्रक्रिया को बहुत ही सहज बना दिया. मैं भारत सरकार की बहुत आभारी हूं.'
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ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से निकाली गई भारतीय नागरिक अलमास रिजवी ने कहा, 'हमें एक अच्छे होटल में रहने की जगह दी गई और समय पर दोपहर, रात का खाना, सब कुछ दिया गया. अपने देश में वापस आकर अच्छा लग रहा है. भारतीय दूतावास ने हमारी बहुत मदद की. भारत सरकार ने हमारी अच्छी देखभाल की और हमें यह एहसास भी नहीं होने दिया कि हम युद्ध जैसी स्थिति में रह रहे हैं.' एक अन्य भारतीय नागरिक एलिया बतूल ने कहा, 'मैं यह बताने में असमर्थ हूं कि मैं अभी क्या महसूस कर रही हूं. मेरा परिवार बहुत चिंतित था. ईरान में हम सहज थे, हमें 5-सितारा होटल मुहैया कराया गया था और हमें सुरक्षा प्रदान की गई थी. लेकिन यहां आने के बाद, हम सहज महसूस कर रहे हैं. भारत सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद.'
ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से निकाली गई भारतीय नागरिक दानिया ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं. हम डरे हुए थे. तेहरान में स्थिति बहुत भयावह थी. मैं भारतीय दूतावास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं, जिनकी बदौलत हम यहां सुरक्षित पहुंच पाए.' मौलाना मोहम्मद सईद ने भारतीयों की सुरक्षित निकासी की प्रशंसा की और कहा, 'हम खुश और आभारी हैं कि हम सुरक्षित और स्वस्थ घर लौट पाए. ईरान में स्थिति अच्छी नहीं है और हम सभी जानते हैं. भारतीय दूतावास और हमारे राजदूत ने निकासी प्रक्रिया को बहुत सुचारू और सुरक्षित बनाया.'
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के मीर मोहम्मद मुशर्रफ ने भी भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, 'मैं पुलवामा, कश्मीर से हूं... ऑपरेशन सिंधु अद्भुत और वास्तव में मददगार है. सेवाएं बहुत अच्छी थीं. हमने अपने दूतावास से संपर्क किया. हम तेहरान में फंस गए थे, यह नहीं जानते थे कि क्या करना है. हमारे मकान मालिक भी चले गए और हम पीछे रह गए. यह केवल हमारा दूतावास था जिसने हमें यहां तक पहुंचने में मदद की. बहुत-बहुत धन्यवाद, भारत सरकार.' इजरायल द्वारा 13 जून को राजधानी तेहरान सहित देश भर में कई ठिकानों पर हवाई हमले किए जाने के बाद ईरान ने अगले आदेश तक अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था.
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