भ्रष्टाचार पर नीतीश के इन मंत्रियों को देना पड़ा इस्तीफा, क्या अगले शिकार होंगे कार्तिकेय सिंह?

इससे पहले भी नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल उन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा, जिन उन पर गंभीर आरोप लगे और विवादों में फंस गए. और जब तक ऐसे मंत्री आरोप मुक्त नहीं हुए, तब तक उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. एक बार फिर लोगों की निगाहें नीतीश की जीरो टॉलरेंस पर टिकी हैं.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि वे करप्शन पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम करते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि वे करप्शन पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम करते हैं.

सुजीत झा

  • पटना,
  • 18 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

बिहार की सियासत में नीतीश कुमार को एक खासियत के तौर पर देखा जाता है- उनकी भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति. अब सियासी जानकार मानते हैं कि नीतीश के इसी नीति का शिकार होने वाले हैं- कार्तिकेय सिंह. याद कीजिए कार्तिकेय के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश ने कहा था कि उनके बारे में कुछ मालूम नहीं. लेकिन जब बीजेपी हमलावर हुई और मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक महागठबंधन सरकार की किरकिरी होने लगी तो नीतीश कुमार ने गुरुवार को बयान दिया कि इस पूरे मामले को देखा जा रहा है.

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बता दें कि इससे पहले भी नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल उन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा, जिन उन पर गंभीर आरोप लगे और विवादों में फंस गए. और जब तक ऐसे मंत्री आरोप मुक्त नहीं हुए, तब तक उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. एक बार फिर लोगों की निगाहें नीतीश की जीरो टॉलरेंस पर टिकी हैं. 

दो दिन पहले कानून मंत्री बने कार्तिकेय सिंह

दरअसल, दो दिन पहले मंत्रिमंडल में शामिल हुए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर सरकार चोतरफा घिरी हुई है. उन पर हत्या की नीयत से अपहरण करने का आरोप है. संगीन धाराओं में FIR दर्ज है. कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. जिस दिन कार्तिकेय सिंह को कानून के सामने सरेंडर करना चाहिए था, उसी दिन यानी 16 अगस्त को वह मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

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खुद को बेकसूर बता रहे कार्तिकेय

इस मामले के सामने आने के बाद विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर है. मंत्री कार्तिकेय सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग कर रहा है. हालांकि कार्तिकेय सिंह ने खुद को बेकसूर बताया है. बीजेपी ने नीतीश कुमार को पूरी तरह घेर कर रखा है.

इन नेताओं को देना पड़ा मंत्री पद से इस्तीफा

सियासी गलियारों में नीतीश के पिछले रिकॉर्ड को लेकर चर्चा तेज है. कहीं कार्तिकेय सिंह को नैतिकता के नाम पर इस्तीफा देने की बात ना कह दी जाए? इससे पहले आरएन सिंह जब परिवहन मंत्री थे, तब उन पर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरोप लगा था. ऐसे में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. जब वे आरोप मुक्त हुए तब फिर से मंत्री बने थे. 

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी जब मंत्री बने थे, तब BED घोटाला के एक मामले ने तूल पकड़ लिया था. ऐसे में मांझी को इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में आरोप मुक्त हुए तब फिर से मंत्री बने थे. नीतीश कुमार के एक और मंत्री अवधेश कुशवाहा भी एक स्टिंग मामले में फंस गए थे. तब उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को भी इस्तीफा देना पड़ा था.

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