नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को हथियारों और गोलाबारूद की संगठित तस्करी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए देश के तीन राज्यों में एकसाथ छापेमारी की और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. यह कार्रवाई भारत में अवैध हथियारों और असलहों के बढ़ते नेटवर्क को रोकने की दिशा में बेहद अहम मानी जा रही है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक NIA की 22 टीमों ने बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 22 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे. इन जगहों में बिहार के नालंदा, शेखपुरा और पटना, यूपी के औरैया और हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले शामिल हैं.
इस दौरान भारी मात्रा में अवैध हथियार और अलग-अलग बोर के जिंदा कारतूस बरामद किए गए. साथ ही एक करोड़ रुपये से अधिक नकदी, फर्जी और संदिग्ध पहचान पत्र, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
NIA की जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क हरियाणा से अवैध गोला-बारूद की सप्लाई कराता था, जिसे यूपी होते हुए बिहार समेत देश के अन्य इलाकों तक पहुंचाया जाता था. यह पूरा नेटवर्क एक संगठित साजिश के तहत लंबे समय से सक्रिय था और तस्करी के जरिये बड़ा मुनाफा कमा रहा था.
एजेंसी ने इस कार्रवाई के दौरान जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान पटना से शशि प्रकाश, शेखपुरा से रवि रंजन सिंह तथा कुरुक्षेत्र से विजय कालरा और कुश कालरा के रूप में हुई है. यह चारों आरोपी इस अवैध हथियार नेटवर्क में मुख्य भूमिका निभा रहे थे.
इस मामले की शुरुआत जुलाई 2023 में बिहार से हुई थी, जब स्थानीय पुलिस ने हथियारों की तस्करी में शामिल चार लोगों राजेंद्र प्रसाद, कुमार अभिजीत, शत्रुघ्न शर्मा और विशाल कुमार को पकड़ा था. उनके पास से भी बड़ी मात्रा में हथियार और गोलियां बरामद हुई थीं.
गिरफ्तारी और बरामदगी के बाद केंद्र सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे NIA को सौंप दिया. अगस्त 2023 से NIA इस नेटवर्क की गहराई तक जांच कर रही है. एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि इस अवैध हथियार कड़ी में और कौन-कौन शामिल है तथा क्या इस नेटवर्क के तार किसी बड़े आतंकी मॉड्यूल से भी जुड़े हैं.
aajtak.in