किसानों के विरोध के बीच रविवार को राज्यसभा में पेश होंगे कृषि संबंधी बिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के किसानों को आश्वस्त किया है कि लोकसभा से पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयक उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे. पीएम ने कहा कि नए प्रावधान लागू होने से किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे.

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राज्यसभा में रखा जाएगा कृषि बिल (फाइल फोटो) राज्यसभा में रखा जाएगा कृषि बिल (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:21 AM IST
  • कृषि बिल के खिलाफ सड़क पर किसान
  • रविवार को राज्यसभा में रखे जाएंगे बिल
  • PM मोदी ने बताया किसानों का सुरक्षा कवच

संसद से लेकर सड़क तक किसानों से जुड़े दो विधेयकों पर कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है. हालांकि इसके बावजूद गुरुवार को दोनों बिल लोकसभा में पारित हो गए हैं. अब यह बिल रविवार को राज्यसभा में रखा जाएगा. सरकार को उम्मीद है कि वह इस कृषि बिल को राज्यसभा से भी पास करा लेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के किसानों को आश्वस्त किया है कि लोकसभा से पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयक उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे. पीएम ने कहा कि नए प्रावधान लागू होने से किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे.

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वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रही है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि किसान की आमदनी दोगुनी करने का जुमला छोड़कर अपनी बातों में फंसाया था; आज उस शासक ने किसानों के लिए काले अध्यादेश पारित करवाये हैं. किसानों के खिलाफ साजिश रचकर कृषि क्षेत्र को चंद पूंजीपति मित्रों को सौंपा जा रहा है.

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा, "यह सरकार आंखों के ऊपर काली पट्टी बांधकर राज्य सरकारों की अर्थव्यवस्था की स्थिति और किसानों की कमर तोड़ रही हैं, ताकि आने वाले चुनाव में उनके बड़े-बड़े उद्योगपति इनके इलेक्शन का पैसा दें."

वहीं कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अध्यादेश की आड़ में मोदी सरकार असल में ‘शांता कुमार कमेटी’ की रिपोर्ट लागू करना चाहती है, ताकि एफसीआई के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद ही न करनी पड़े और सालाना ₹80,000 से एक लाख करोड़ रुपये की बचत हो. 

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी कृषि संबंधी बिल को लेकर सरकार पर कई सारे सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे कानून से MSP के सिद्धांत और सार्वजनिक खरीद प्रणाली बर्बाद हो जाएगी.

पी चिदंबरम ने कई सारे ट्वीट किए हैं. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ''APMC प्रणाली वास्तव में किसान के लिए एक सुरक्षा जाल है लेकिन यह एक प्रतिबंधित बाजार है जो लाखों किसानों के लिए सुलभ नहीं है. हमें MSP और सरकारी खरीद के माध्यम से 'सेफ्टी नेट’ सिद्धांत को संरक्षित करते हुए कृषि उपज के लिए बाजार में विस्तार करने की जरूरत है.''

उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार का यह बिल MSP के सिद्धांत और सार्वजनिक खरीद प्रणाली को बर्बाद कर देगा.


 

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