महिलाओं को ढाल बना रहे उग्रवादी! सेना ने वीडियो जारी कर की ये अपील

सेना की ओर से जारी किए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी उनका रास्ता रोक रहे हैं.यह वीडियो शनिवार को हुई घटना के जवाब में जारी किया गया है, जहां महिलाों की भीड़ की अगुवाई में 1200 से 1500 लोगों की भीड़ ने सेना का रास्ता रोक लिया था. इस वजह से सेना को अपना एक ऑपरेशन रोकना पड़ा था. 

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मणिपुर में बीते दो महीने हिंसा जारी है (फाइल फोटो) मणिपुर में बीते दो महीने हिंसा जारी है (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2023,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

मणिपुर में बीते दो महीने से हिंसा का दौर जारी है. राज्य में इंटरनेट सेवा पर बैन 30 जून तक बढ़ा दिया गया है. कई जगहों पर महिलाओं की भीड़ के सुरक्षाबलों को घेरने की खबरें सामने आईं. इस बीच सेना ने मणिपुर को बचाने की अपील की है.

सेना का कहना है कि मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर रास्ता रोक रही हैं सुरक्षाबलों के काम में हस्तक्षेप कर रही हैं. कामकाज में इस तरह की दखल जान एवं माल की सुरक्षा में जुटे सुरक्षाबलों के लिए सही नहीं है. भारतीय सेना सभी से अपील करती है कि शांति बहाल करने में हमारे प्रयासों का समर्थन करें. मणिपुर को बचाने में हमारी मदद करें.

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सेना ने एक वीडियो भी जारी किया है कि किस तरह मणिपुर में महिलाओं की ओर से पैदा की जा रुकावटों के बावजूद वे काम कर रहे हैं.

सेना का दावा है कि इन महिलाओं का सात हथियारबंद दंगाई दे रहे हैं. सेना का कहना है कि उनका ऑपरेशन रोकना गैरकानूनी ही नहीं है बल्कि शांति एवं व्यवस्था बहाल करने के उनके प्रयासों के लिए हानिकारक भी है.

Women activists in #Manipur are deliberately blocking routes and interfering in Operations of Security Forces. Such unwarranted interference is detrimental to the timely response by Security Forces during critical situations to save lives and property.
🔴 Indian Army appeals to… pic.twitter.com/Md9nw6h7Fx

— SpearCorps.IndianArmy (@Spearcorps) June 26, 2023

सेना की ओर से जारी किए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी उनका रास्ता रोक रहे हैं.यह वीडियो शनिवार को हुई घटना के जवाब में जारी किया गया है, जहां महिलाों की भीड़ की अगुवाई में 1200 से 1500 लोगों की भीड़ ने सेना का रास्ता रोक लिया था. इस वजह से सेना को अपना एक ऑपरेशन रोकना पड़ा था. 

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बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर लगभग दो महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. ऐसे में गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात की. इससे पहले मणिपुर की स्थिति को लेकर शाह ने 18 पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक की थी. इस बीच सोमवार को गृहमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर के हालातों से वाकिफ कराया. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार आधीरात को अमेरिका और मिस्र के पांच दिवसीय दौरे से भारत लौटे थे. स्वदेश लौटने के बाद प्रधानमंत्री ने मणिपुर के हालात का जायजा लेने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. 

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा के बदलती प्रकृति को लेकर चिंता जताई है. वह इम्फाल के घाटी इलाकों में फैले असंतोष को लेकर चिंतित है. 

बीरेन सिंह ने कहा कि अमित शाह ने केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह और राज्य मंत्री सुसींद्रो मेतेई के घर पर हमले, आगजनी, सरकारी संपत्तियों को नष्ट करने और सुरक्षाबलों का रास्ता रोकने जैसे मुद्दे उठाए. सिंह ने कहा कि उन्होंने राज्य में शांति बहाल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर केंद्र को रिपोर्ट सौंपी है. 

मणिपुर पर चुप हैं पीएम मोदी

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वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राज्य में हिंसा भड़कने के 55 दिन बाद भी पीएम मोदी ने एक शब्द नहीं कहा. यहां तक कि उनकी मन की बात कार्यक्रम में भी मणिपुर का जिक्र तक नहीं किया गया. 

विपक्ष उठा रहा है सवाल

बता दें कि, 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से ही विपक्ष लगातार प्रदेश की स्थिति को लेकर सवाल उठा रहा है. विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार और बीजेपी को निशाना बना रही हैं. कांग्रेस समेत 10 पार्टियों काफी समय से मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक की मांग कर रही थीं. इन पार्टियों ने विदेश दौरे से पहले पीएम मोदी से भी मिलने के वक्त मांगा था. इसके बाद सभी पार्टियों ने मिलकर मणिपुर पर ज्ञापन जारी किया था. इस सबके बीच गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई. बैठक में गृहमंत्री ने विपक्षी दलों की बात सुनी और मणिपुर के हालात जल्द सामान्य होने के भरोसा दिलाया.

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की मांग

मणिपुर में भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली में बुलाई गई गृह मंत्री की सर्वदलीय बैठक में शनिवार को घंटों मंथन हुआ था. सरकार की ओर से विपक्षी पार्टियों को मौजूदा हालात की जानकारी दी गई. साथ ही बताया गया कि हिंसा पर विराम लगाने के लिए सरकार की ओर से क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं. इस बीच सर्वदलीय बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के नेताओं के ओर से अगले हफ्ते मणिपुर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की मांग की गई. वहीं सूत्रों की मानें तो बैठक में समाजवादी पार्टी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.

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बैठक में शामिल हुए थे 18 राजनीतिक दल

बैठक में बीजेपी समेत 18 राजनीतिक दल और पूर्वोत्तर के चार सांसद और उत्तर-पूर्व के दो मुख्यमंत्री शामिल हुए थे. सूत्रों के मुताबिक बैठक में सपा और आरजेडी ने मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की. वहीं DMK ने महिला आयोग की स्थापना का मुद्दा उठाया. साथ ही कांग्रेस ने सुझाव दिया कि लोगों को अलग-थलग करने के लिए बल का प्रयोग न किया जाए. बैठक के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में अमित शाह ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने संवेदनशीलता के साथ और अराजनीतिक तरीके से मणिपुर में शांति बहाली के लिए अपने सुझाव दिए और भारत सरकार खुले मन से इन सुझावों पर विचार करेगी.

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