22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में पाकिस्तान के आतंकियों ने तांडव मचाया था और मासूम 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी. इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. बीते दो महीने से सुरक्षाबल घाटी का चप्पा-चप्पा इन आतंकियों की तलाश में छान रहे थे.
आज (सोमवार) को ऑपरेशन महादेव के दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को ढेर किया है. ख़ास बात है कि इसमें सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा को भी मार गिराया गया.
कौन था हाशिम मूसा?
सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर और पहलगाम हमले का मुख्य साजिशकर्ता और हत्यारा था. मूसा पिछले साल श्रीनगर-सोनमर्ग हाईवे पर ज़-मोहर सुरंग का निर्माण कर रहे सात लोगों की हत्या में भी शामिल था.
ऑपरेशन महादेव में कैसे मारा गया मूसा?
जम्मू-कश्मीर के डाचीगाम इलाके में माउंट महादेव के पास सुरक्षाबलों ने हाशिम मूसा को ढेर किया. इस अभियान को सेना और पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया. मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया. आतंकियों के ठिकाने से 17 ग्रेनेड, एक एम4 कार्बाइन और दो एके-47 राइफलें बरामद की गईं.
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पाकिस्तानी सेना से जुड़ा था हाशिम मूसा
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना से जुड़ा हुआ था. वह स्पेशल फोर्सेज का सैनिक रह चुका था. वह पाकिस्तान में पैरा-कमांडो की भी ट्रेनिंग ले चुका था, जिसने जम्मू-कश्मीर में उसकी आतंकी गतिविधियों को बेहद खतरनाक बना दिया.
माना जा रहा है कि मूसा 28 साल का था. वह भारत में कठुआ और सांबा सेक्टरों के रास्ते घुसपैठ करके आया था. इस के बाद वह राजौरी-पुंछ के डेरा के गली में सक्रिय हो गया. इस इलाके में बीते एक साल में लश्कर-ए-तैयबा मॉड्यूल के तहत सुरक्षाबलों पर कई बार हमले किए गए.
20 लाख का इनामी था मूसा
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा मूसा की तस्वीर जारी कर कहा गया कि जो भी इसकी जानकारी साझा करेगा उसे इनाम में 20 लाख रुपये दिए जाएंगे. ये मूसा बैसरन घाटी में हुए हमले में शामिल है.
पाकिस्तानी कमांडो ट्रेनिंग का असर
पाकिस्तान की स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) द्वारा प्रशिक्षित पैरा-कमांडो विशेष तौर पर असामान्य युद्ध, कठिन इलाकों में लड़ाई, गुप्त रहने और छापामार हमलों की ट्रेनिंग लेते हैं. मूसा के आतंकवादी अभियानों में यही ट्रेनिंग साफ झलकती थी.
कमलजीत संधू