दो महीने, एक परिवार और 2 शहादत...देश के लिए घर के सपूतों ने दे दी प्राणों की आहुति

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए कायराना आतंकी हमले में उत्तराखंड के रहने वाले 26 साल के जवान आदर्श नेगी भी शहीद हो गए. आदर्श के परिवार से दो महीनों में ये दूसरी शहादत है. अभी कुछ दिनों पहले ही लेह में उनके ताऊ के बेटे की भी जान चली गई थी. 60 दिनों के भीतर दो सपूतों के चले जाने के बाद से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

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कठुआ हमले में शहीद हुए आदर्श नेगी कठुआ हमले में शहीद हुए आदर्श नेगी

अंकित शर्मा

  • टिहरी,
  • 10 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:44 AM IST

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकियों के कायराना हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए जिसमें टिहरी के रहने वाले आदर्श नेगी भी शामिल हैं.

आदर्श की मौत के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है क्योंकि दो महीने में इस परिवार से ये दूसरी शहादत है. अभी कुछ दिनों पहले ही आदर्श नेगी के ताऊ के बेटे प्रणय नेगी ने भी देश सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. आदर्श के चचेरे भाई प्रणय भारतीय सेना में मेजर की पोस्ट पर थे और बीते अप्रैल महीने में लेह में शहीद हो गए थे.

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अब परिवार से आदर्श नेगी के शहीद होने के बाद परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है.  टिहरी के थाती (डागर) गांव का राइफलमैन आदर्श नेगी के जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर छा गई.

बेटे की मौत से टूट गया परिवार

शहीद आदर्श नेगी अभी महज 26 साल के ही थे. आदर्श नेगी साल 2018-19 में गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए और 6 साल की सेवा के दौरान ही कठुआ हमले में शहीद हो गए. शहीद आदर्श की मां अपना सुध खो चुकी है और पिता की आंखे नम हैं.

शहीद राइफलमैन आदर्श नेगी अपने पीछे पिता दलबीर सिंह नेगी, माता सहित एक भाई और एक बड़ी बहन को छोड़ गए हैं. उनका भाई वर्तमान में चेन्नई में जॉब करता है जबकि बड़ी बहन की शादी हो चुकी है.

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फरवरी में ही घर आए थे आदर्श नेगी

बहन जब परिवार को संभालने गांव पहुंची तो माता-पिता जवान बेटे को खोने का दुख बर्दाश्त नहीं कर पाए और फूट-फूट कर रोने लगे. आदर्श ने बारहवीं तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज पिपलीधार से की फिर 2018 में वह गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हो गए थे.

इसी दौरान आदर्श गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई भी पूरी कर रहे थे और अंतिम बार इसी साल फरवरी महीने में अपने घर आए थे.

 

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इनपुट - सिद्धांत उन्नयाल

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