'मेरे घर का बोरवेल भी सूख गया है', बेंगलुरु जल संकट पर बोले डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु के कई इलाके जल संकट का सामना कर रहे हैं और यहां तक कि मेरे घर का बोरवेल भी सूख गया है. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर योजनाओं को लागू करने में बाधा पैदा करने का आरोप भी लगाया है.

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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (फाइल फोटो/पीटीआई) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (फाइल फोटो/पीटीआई)

सगाय राज

  • बेंगलुरु,
  • 06 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:56 AM IST

कर्नाटक (Karnataka) के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) ने मंगलवार को वादा किया कि सरकार किसी भी कीमत पर बेंगलुरु (Bengaluru) को पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति के लिए काम करेगी. मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के सभी इलाके जल संकट का सामना कर रहे हैं और यहां तक कि उनके घर का बोरवेल भी सूख गया है.

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डिप्टी सीएम ने कहा कि हम गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं लेकिन किसी भी कीमत पर शहर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे.

पानी के टैंकर वसूल रहे ज्यादा पैसे
बेंगलुरु गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है क्योंकि बहुत कम बारिश होने की वजह से बोरवेल सूख गए हैं. आवासीय सोसायटीज में निवासियों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पानी के उपयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी है.

इस संकट के बीच, कई निजी पानी टैंकर निवासियों से पानी के बदले ज्यादा पैसों की मांग कर रहे हैं. मौजूदा स्थिति पर डीके शिवकुमार ने कहा कि कुछ टैंकर 600 रुपये में पानी दे रहे हैं, जबकि कुछ अन्य 3,000 रुपये तक वसूल रहे हैं. पानी के मूल्य निर्धारण को मानकीकृत करने के लिए, हमने सभी पानी टैंकरों को अधिकारियों के साथ रजिस्टर करने के लिए कहा है. टैंकरों द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर पानी की कीमतें तय की जाएंगी. 

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डिप्टी सीएम ने केंद्र पर लगाया आरोप
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और मेकेदातु जलाशय परियोजना को रोकने का आरोप लगाया, जो बेंगलुरु में पानी की समस्या का समाधान कर सकती थी. उन्होंने कहा कि हमने बेंगलुरु के लिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के इरादे से मेकेदातु परियोजना शुरू की थी. हमारी पदयात्रा के साथ मेकेदातु परियोजना को मंजूरी देने के लिए केंद्र पर दबाव डालने के बावजूद, इसे मंजूरी नहीं दी गई. जल संकट की गंभीरता को देखते हुए कम से कम अब इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार को मंजूरी देनी चाहिए. 

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डीके शिवकुमार ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, आरडीपीआर मंत्री सहित अन्य मंत्रियों ने सूखे के मुद्दे पर चर्चा की. हमने अधिकारियों को शहरी इलाकों में पानी की आपूर्ति के लिए शहरों के 15 किलोमीटर के दायरे में जल स्रोतों का उपयोग करने का निर्देश दिया है. इसी तरह, यह फैसला लिया गया कि रामनगर, होसाकोटे, चन्नापटना, मगदी और अन्य शहरों से पानी के टैंकरों का उपयोग करके बेंगलुरु शहर में पानी लाएं.
 

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