अमेरिका की ओर से भारतीय उत्पादों पर टैरिफ दोगुना कर 50 फीसदी करने के फैसले का सबसे बड़ा असर भारतीय लेदर, रसायन, जेम्स-ज्वेलरी, कपड़ा, फुटवियर और झींगा (श्रिम्प) एक्सपोर्ट पर पड़ा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे खासकर कानपुर और उन्नाव जैसे शहरों की लेदर इंडस्ट्री को जबरदस्त झटका लगा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 31 जुलाई को भारत से आने वाले कई उत्पादों पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिससे अब कुल टैरिफ 50% हो गया है. ये फैसला भारत के रूस से तेल खरीदने के चलते लिया गया है. नई दरें 7 अगस्त से प्रभावी हो गई हैं और अतिरिक्त 25% ड्यूटी 27 अगस्त से लागू होगी.
कानपुर की लेदर इंडस्ट्री को तगड़ा झटका
कानपुर के लेदर कारोबारियों ने बताया कि पहले ही उनके कंटेनर तैयार हैं, प्रोडक्शन पूरा हो चुका है लेकिन अब अमेरिकी बायर्स माल लेने से इनकार कर रहे हैं. इससे न केवल भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है, बल्कि करोड़ों के ऑर्डर अधर में लटक गए हैं.
कानपुर की लेदर इंडस्ट्री से हर साल 2000 करोड़ का डायरेक्ट एक्सपोर्ट अमेरिका में होता है, जो अब पूरी तरह बंद होने की कगार पर है. अमेरिका की ओर से अब भारत के लेदर पर 60% टैक्स, जबकि चीन पर 30%, पाकिस्तान पर 19% और बांग्लादेश पर 20% टैरिफ लगाया गया है.
10 लाख लोगों पर मंडरा रहा बेरोजगारी का संकट
कानपुर-उन्नाव में लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार देने वाली लेदर इंडस्ट्री पर अब बेरोजगारी का संकट मंडरा रहा है. फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि पहले से ही नमामि गंगे और सख्त पर्यावरणीय नियमों से जूझ रही इंडस्ट्री पर यह फैसला 'दोहरी मार' है.
'बांग्लादेश, वियतनाम, पाकिस्तान को ट्रांसफर हो जाएगा बिजनेस'
कानपुर के लेदर निर्यातक उमाकांत दुबे ने कहा, 'हमारे प्रोडक्ट्स का 80% हिस्सा विदेश जाता है. अब यह बिजनेस बांग्लादेश, वियतनाम और पाकिस्तान को ट्रांसफर हो जाएगा. देश में खपत सिर्फ 20% है.' वहीं, मोहम्मद शमीम आजाद ने कहा, 'जिन व्यापारियों ने पहले से ऑर्डर लिए हैं, वे अब भारी घाटे में आ गए हैं. कस्टमर माल नहीं लेगा क्योंकि लागत बढ़ गई है.'
'अमेरिका से जल्द समझौते की उम्मीद'
ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा, 'यह रणनीति भारत को वैश्विक बाजार में अलग-थलग करने जैसी है. सरकार के पास कई कानूनी विकल्प हैं, हमें घरेलू मार्केट से सहारा मिलेगा और जल्द ही अमेरिका से समझौते की उम्मीद है.'
Growmore International Ltd (कानपुर) के एमडी यादवेंद्र सिंह सचान ने कहा, 'निर्यातकों को नए बाजारों की तलाश करनी चाहिए ताकि विकास बना रहे.' भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है. उम्मीद है कि उसका पहला चरण अक्टूबर-नवंबर तक पूरा होगा.
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