'भारतीय सेना खुद ही सक्षम, उसे किसी की जरूरत नहीं...', चीन-PAK की दोस्ती पर बोले जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों के सदस्यों पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने विपक्ष के सवालों को जवाब देते हुए कहा कि भारतीय सेना को किसी के साथ की जरूरत नहीं है. वह खुद ही सक्षम है.

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विदेश मंत्री जयशंकर. (Photo: ITG) विदेश मंत्री जयशंकर. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा और भारतीय सेना की ताकत को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना सक्षम है, उन्हें किसी की जरूरत नहीं है. जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की नीतियों पर तीखा हमला बोला.

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ऑपरेशन सिंदूर’ की चर्चा करते हुए जयशंकर ने कहा कि इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस और आतंकी ठिकानों को तबाह कर अपनी ताकत को दुनिया को दिखा दिया. ये कहना कि हमें किसी का साथ चाहिए, ये हमारी सेना का अपमान होगा.

'ये चीनी एंबेस्डर से ट्यूशन लेते थे'

उन्होंने चीन-पाकिस्तान गठजोड़ को लेकर कहा कि उन्होंने चाइना और इंडिया की एक संधि बना ली थी, चाइंडिया. हो सकता है कि चीन पर मेरे यहां से कुछ कमी हो. कुछ लोग जो हैं, उनका चीन ज्ञान ओलंपिक्स जाने से हुआ. वहां गए, किससे मिले, क्या MoU साइन किया, उसकी तो बात ही नहीं हुई. ओलंपिक्स की क्लासरूम में कुछ बातें छूट जाती हैं, प्राइवेट क्लासेज भी लेनी पड़ती हैं. ये चीनी एंबेस्डर को घर बुलाकर ट्यूशन लेते हैं. चीन गुरु कहते हैं कि चीन-पाकिस्तान साथ आ गए. हां, सही बात है. ये तब हुआ जब हमने पीओके छोड़ दिया.

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'रातोरात नहीं हुआ चीन-PAK गठजोड़'

जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान के बीच गहरे सामरिक गठजोड़ को उजागर करते हुए कहा कि ये कोई नई बात नहीं है, ये रातों रात नहीं हुआ.

उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, ये कहना कि इस गठजोड़ की किसी को जानकारी नहीं थी, इसका मतलब है कि आप हिस्ट्री की क्लास में सो रहे थे. जिस देश के साथ हमारा युद्ध हो चुका है, उसे आप स्ट्रैटेजिक पार्टनर का दर्जा कैसे दे सकते हैं.

विदेश मंत्री ने कांग्रेस की नीतियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नुकसान दायक बताया. उन्होंने कहा कि आपने चीनी कंपनियों को 3जी, 4 जी के लिए निमंत्रण दिया गया था.

उन्होंने साल 2006 में तत्कालीन UPA सरकार द्वारा चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ के भारत दौरे के वक्त रीजनल ट्रेड बढ़ाने के लिए किए गए समझौते और टास्क फोर्स की घोषणा का जिक्र किया और कहा कि आपने टेलिकॉम जैसे संवेदनशील क्षेत्र में चीनी कंपनियों को 3जी और 4जी के लिए निमंत्रण दिया. ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा नुकसान था.'

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