'अकबर की शादी प्रिंसेज से नहीं मेड से हुई थी, जोधा वाली फिल्म झूठी...' राजस्थान के गवर्नर हरिभाऊ बागड़े का दावा

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने दावा किया, "ऐसा कहा जाता है कि जोधा और अकबर की शादी हुई थी और इस कहानी पर एक फिल्म भी बनी थी. इतिहास की किताबें भी यही कहती हैं, लेकिन यह झूठ है. भारमल नाम का एक राजा था और उसने एक दासी की बेटी की शादी अकबर से कर दी थी."

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राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े (तस्वीर: PTI) राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े (तस्वीर: PTI)

aajtak.in

  • जयपुर,
  • 30 मई 2025,
  • अपडेटेड 1:17 PM IST

राजस्थान (Rajasthan) के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने दावा किया कि ब्रिटिश इतिहासकारों के शुरुआती प्रभाव की वजह से हिंदुस्तान के इतिहास में कई गलतियां दर्ज की गई हैं, जिनमें जोधाबाई और मुगल बादशाह अकबर के शादी की कहानी भी शामिल है. बुधवार शाम उदयपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए बागड़े ने दावा किया कि अकबरनामा में जोधा और अकबर के विवाह का कोई जिक्र नहीं है.

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उन्होंने दावा किया, "ऐसा कहा जाता है कि जोधा और अकबर की शादी हुई थी और इस कहानी पर एक फिल्म भी बनी थी. इतिहास की किताबें भी यही कहती हैं, लेकिन यह झूठ है. भारमल नाम का एक राजा था और उसने एक दासी की बेटी की शादी अकबर से कर दी थी."

सूबे में शुरू हुई नई बहस...

राज्यपाल के बयान ने 1569 में आमेर शासक भारमल की बेटी और अकबर के बीच विवाह की ऐतिहासिक जानकारी पर बहस को फिर से हवा दे दी है. आमेर या अंबर, जयपुर के पास एक राजपूत राज्य था और सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1727 में राजधानी जयपुर ट्रांसफर करने से पहले कछवाहा राजपूतों द्वारा शासित था.

बागड़े ने कहा, "अंग्रेजों ने हमारे नायकों का इतिहास बदल दिया. उन्होंने इसे ठीक से नहीं लिखा और इतिहास का उनका संस्करण शुरू में कुबूल कर लिया गया. बाद में, कुछ हिंदुस्तानियों ने इतिहास लिखा लेकिन यह अभी भी अंग्रेजों से प्रभावित था."

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'महाराणा प्रताप के बारे में कम पढ़ाया गया...'

राज्यपाल ने ऐतिहासिक दावे का भी खंडन किया कि राजपूत शासक महाराणा प्रताप ने अकबर को संधि पत्र लिखा था. उन्होंने इसे पूरी तरह से भ्रामक बताया. हरिभाऊ बागड़े ने दावा किया, "महाराणा प्रताप ने कभी अपने खुद्दारी से समझौता नहीं किया. इतिहास में अकबर के बारे में ज़्यादा पढ़ाया जाता है और महाराणा प्रताप के बारे में कम." 

हालांकि, बागड़े ने कहा कि अब स्थिति में सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हमारी संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करते हुए नई पीढ़ी को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की कोशिश की जा रही है."

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हरिभाऊ बागड़े ने महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज को देशभक्ति का प्रतीक बताते हुए उनकी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, "उनके जन्म में 90 साल का अंतर है. अगर वे समकालीन होते तो देश का इतिहास कुछ और होता. दोनों को वीरता और देशभक्ति के एक ही नजरिए से देखा जाता है."

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