इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ के मंच पर मंगलवार को तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल सर्विसेज विभाग के मंत्री डॉक्टर पलानीवेल त्यागराजन (पीटीआर) भी पहुंचे. पीटीआर ने कहा कि ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उद्योगों को नया रूप दे रहे हैं. ऐसे में तमिलनाडु का ध्यान डिजिटल गवर्नेंस, एआई इंटीग्रेशन और स्किल डेवलपमेंट पर है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि युवा ऐसे अवसरों के लिए तैयार हों जिनके लिए ह्यूमन एक्सपर्टाइज की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के डिजिटल इनिशिएटिव्स सरकारी सेवाओं के कुशल, सुलभ और न्यायसंगत बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. पीटीआर ने यह भी कहा कि हमें सेवाओं की डिलीवरी में आ रही बाधाएं कम करने के लिए काम करना होगा और ड्राइविंग लाइसें, राशन कार्ड तक लोगों की पहुंच आसान बनानी होगी. उन्होंने तमिलनाडु में ई-सर्विस सेंटर के बढ़ते नेटवर्क का भी उल्लेख किया और कहा कि इनकी संख्या पहले करीब नौ हजार थी, जो अब बढ़कर 30 हजार से ज्यादा हो गई है.
पीटीआर ने कहा कि इससे डिजिटल सेवाओं तक हर नागरिक की पहुंच सुनिश्चित हो रही है. वॉट्सऐप आधारित सेवाओं से लोगों को सरकारी कार्यालयों में गए बिना ही लोगों को सहायता मिल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि आयकर सिस्टम की तरह इसे टचलेस या फेसलेस किए जाने से नतीजों में भी काफी सुधार होता है. पीटीआर ने एआई के रोल की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार नैरो परपज बिल्ट मॉडल्स का उपयोग अपने सत्यापित आंकड़ों में सटीकता सुनिश्चित करने के लिए कर रही है.
उन्होंने कहा कि एआई आवाज आधारित प्रणाली के जरिये उन लोगों तक भी आसानी से सेवाएं पहुंचाने में मददगार साबित हो सकता है, जो लिख या पढ़ नहीं सकते. तमिलनाडु सरकार के मंत्री ने यह भी कहा कि हम ओवरलैप की पहचान करने के लिए 380 से ज्यादा योजनाओं का एकीकरण कर रहे हैं. इससे लोगों को सेवाओं के कुशलतापूर्वक उपयोग करने में मदद मिलेगी. उन्होंने एआई को लाभार्थियों के चयन और निगरानी का सबसे आसान तरीका बताया और कहा कि इससे शासन में व्यापक सुधार हो सकता है.
शिक्षा और कौशल
तमिलनाडु सरकार के मंत्री पीटीआर ने आगे कहा कि आज शिक्षा का उद्देश्य अच्छी नौकरी और अच्छा वेतन है. अगर मशीनें ज्यादातर काम ऑटोमेटिक तरीके से कर सकती हैं तो जरूरी है कि हम विचारशील, सहानुभूतिपूर्ण और ज्ञानवान नागरिक बनाने पर ध्यान केंद्रित करें. उन्होंने कहा कि करीब दो लाख इंजीनियर हर साल निकलते हैं.
यह भी पढ़ें: 'विपक्ष की सरकार वाले राज्यों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहा केंद्र', बोले तमिलनाडु के वित्त मंत्री
पीटीआर ने कहा कि तमिलनाडु सरकार उन्हें एआई एथिक्स, ग्रीन टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और स्पेशलाइज्ड डोमेन में नौकरियों के लिए तैयार कर रही है. आईसीटी अकादमी स्कूल-कॉलेज तक एआई को लेकर जागरुकता सुनिश्चित करने के लिए छात्रों और शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रही है.
यह भी पढ़ें: 'बीजेपी अकेले सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होगी', तमिलनाडु चुनाव और AIADMK से गठबंधन पर क्या बोले अन्नामलाई
उन्होंने गूगल के साथ साझेदारी कर 20 लाख से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किए जाने की जानकारी दी और कहा कि इसका असर तभी दिखेगा, जब हम शुरुआती दौर से ही बुनियादी बातें सिखाना शुरू करेंगे. यह एक पीढ़ीगत प्रयास है. पीटीआर ने कोयंबटूर को तकनीकी और नवाचार का प्रमुख स्थान बताया और इसके लिए शहर की प्रतिभा, कनेक्टिविटी और औद्योगिक सोच को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि कोयंबटूर ऐतिहासिक रूप से इंडस्ट्री का इंजन रहा है और अब यह एआई और तकनीकी स्टार्टअप के हब के तौर पर उभर रहा है.
बेंगलुरु और हैदराबाद से प्रतिस्पर्धा उद्देश्य
तमिलनाडु सरकार के मंत्री ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर यह भी कहा कि प्रदेश वाणिज्यिक, आवासीय और शैक्षिक बुनियादी ढांचे के साथ ही साथ एआई केंद्रित कार्यालयों वाले उच्च तकनीकी शहरों का विकास कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य स्थानीय प्रतिभाओं को संरक्षित करते हुए बेंगलुरु और हैदराबाद से प्रतिस्पर्धा करना है. पीटीआर ने कहा कि एआई का युग सामान्य आईटी और दोहराव वाले कार्यों का ऑटोमेशन कर देगा. इससे विशिष्ट क्षेत्रों में गहन विशेज्ञता, नैतिकता और जवाबदेही के लिए लोगों की जरूरत होगी.
aajtak.in