सिंधु के बाद चिनाब... पाकिस्तान को एक और झटका, भारत ने कश्मीर में 2 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर शुरू किया काम

भारत की सबसे बड़ी हाइड्रोपावर कंपनी NHPC और जम्मू कश्मीर सरकार ने जलाशयों में जमा गाद को हटाने के लिए फ्लशिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. फ्लशिंग की यह प्रक्रिया एक मई से शुरू हुई थी और तीन दिनों तक चली थी.

Advertisement
भारत ने 2 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर शुरूकिया काम भारत ने 2 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर शुरूकिया काम

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2025,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु नदी संधि को सस्पेंड कर दिया था. भारत सरकार के इस कदम पर पाकिस्तान आगबबूला हो गया था. अब खबर है कि भारत कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में दो जलविद्युत परियोजनाओं पर काम शुरू करने जा रहा है. 

सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर दो मौजूदा जलविद्युत परियोजनाओं सलाल और बगलिहार के जलाशयों की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए काम शुरू किया गया है. यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव के बीच उठाया गया है, जिसका उद्देश्य चिनाब नदी के पानी का अधिक प्रभावी प्रबंधन और नियंत्रण करना है.

Advertisement

भारत की सबसे बड़ी हाइड्रोपावर कंपनी NHPC और जम्मू कश्मीर सरकार ने जलाशयों में जमा गाद को हटाने के लिए फ्लशिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. फ्लशिंग की यह प्रक्रिया एक मई से शुरू हुई थी और तीन दिनों तक चली थी. इससे बेशक पाकिस्तान को सप्लाई हो रहे पानी पर तुरंत असर नहीं पड़े लेकिन इससे अन्य परियोजनाएं प्रभावित होंगी. हिमालयी क्षेत्र में ऐसी आधा दर्जनभर परियोजनाएं हैं. 

जम्मू-कश्मीर से होकर पाकिस्तान में प्रवेश करने वाली चिनाब नदी करती है. सिंधु जल संधि सस्पेंड होने के बाद भारत अब निर्बाध रूप से चिनाब के पानी का अधिक उपयोग कर सकेगा.

सूत्रों का कहना है कि भारत ने सलाल और बगलिहार परियोजनाओं पर किए जा रहे काम से पाकिस्तान को अवगत नहीं कराया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत ने इस तरह परियोजना पर काम किया है. इन हाइड्रोपावर परियोजनाओं पर शुरू किए गए काम से भारत अब ज्यादा से ज्यादा बिजली का उत्पादन कर सकेगा और टर्बाइनों के नष्ट होने से बचाया जा सकेगा. 

Advertisement

2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार ने लद्दाख में आठ हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी थी. लेकिन अब सिंधु नदी समझौते पर रोक के बाद पाकिस्तान की ओर से नए प्रोजेक्ट्स पर किसी तरह की आपत्ति मान्य नहीं होगी. अब तक पाकिस्तान बार-बार भारत के प्रोजेक्ट्स पर आपत्ति जताता रहता था, जिस कारण काम प्रभावित हो रहा था. लेकिन सिंधु जल संधि पर रोक लगने के बाद पाकिस्तान की आपत्ति कोई मायने नहीं रखती.

बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी जबकि 17 घायल हुए थे. यह हमला पहलगाम की बैसरन घाटी में किया गया था, जिसमें आतंकियों ने चुन-चुनकर लोगों को निशाना बनाया गया था.

पहलगाम अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था. यह पहली बार है जब भारत ने इतनी बड़ी और सख्त कार्रवाई की गई. भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बड़ी जंग हो चुकी है लेकिन पहले कभी भी इस संधि को स्थगित नहीं किया गया.

कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई. यह रोक तब तक रहेगी, जब तक पाकिस्तान क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म को अपना समर्थन देना बंद नहीं करता.

Advertisement

इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से जुड़े कई यूट्यूब चैनल भी भारत में बैन कर दिए थे. साथ ही पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय एयरस्पेस को भी 23 मई तक के लिए बंद कर दिया है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement