'पहले अपने यहां अल्पसंख्यकों की रक्षा करें', मुर्शिदाबाद हिंसा पर ज्ञान देने वाले बांग्लादेश को भारत की दो टूक

मुर्शिदाबाद में हिंसा को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए विदेश में मंत्रालय ने दो टूक जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बांग्लादेश की टिप्पणियों को अस्वीकार करार दिया और कहा कि पहले बांग्लादेश को अपने यहां अल्पसंख्यकों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

Advertisement
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (तस्वीर: @MEAIndia/X) विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (तस्वीर: @MEAIndia/X)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की टिप्पणियों को भारत के विदेश मंत्रालय ने खारिज करते हुए मोहम्मद यूनुस को आईना दिखाया है और बांग्लादेश को पहले अपने यहां अल्पसंख्यकों की रक्षा पर अपना ध्यान देने की नसीहत दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं. 

Advertisement

पश्चिम बंगाल के घटनाक्रम पर बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियां अस्वीकार हैं. ये बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के चल रहे उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने की एक कोशिश है. बांग्लादेश में ऐसे अपराध करने वाले अपराधी खुलेआम घूमते रहते हैं.' 

पहले अपने यहां ध्यान दे बांग्लादेश

उन्होंने कहा कि अनुचित टिप्पणियां करने और अपनी अच्छाई का प्रदर्शन करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

दरअसल, गुरुवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव ने भारतीय अधिकारियों से पिछले हफ्ते बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा से प्रभावित अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदायों की रक्षा करने का आह्वान किया था. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई हैं, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं.

Advertisement

जांच रिपोर्ट में खुलासा

वहीं, गृह मंत्रालय की शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया कि मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी असामाजिक तत्व शामिल थे. जांच में यह भी पाया गया कि बंगाल की ममता बनर्जी सरकार घुसपैठियों पर नजर रखने में फेल रही, जिसका नतीजा है कि वक्फ कानून में संशोधन को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद और 24 परगना में अशांति फैल गई.

बताते चलें कि पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद से बांग्लादेश में स्थिति अस्थिर बनी हुई है. कट्टरपंथी संगठनों द्वारा बांग्लादेश के अंदर हिंदुओं और अल्पसंख्यकों को निशाना बना कर कई हमले किए गए. इस दौरान करीब 200 मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है और पुजारियों को गिरफ्तार किया गया. भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में विभिन्न राजनयिक स्तरों पर चिंता जताई है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement