'बेलआउट पैकेज लेकर टेरर फंडिंग कर रहा PAK', भारत ने IMF की वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा

भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से पाकिस्तान को प्रस्तावित 1.3 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज पर मतदान से किनारा किया है. भारत ने इसके पीछे इस्लामाबाद के 'वित्तीय सहायता के इस्तेमाल में खराब रिकॉर्ड' का हवाला दिया है.

Advertisement
भारत ने पाकिस्तान के लिए IMF के बेलआउट पर मतदान से किया किनारा भारत ने पाकिस्तान के लिए IMF के बेलआउट पर मतदान से किया किनारा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:10 PM IST

भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से पाकिस्तान को प्रस्तावित 1.3 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज पर मतदान से किनारा किया है. भारत ने इसके पीछे इस्लामाबाद के 'वित्तीय सहायता के इस्तेमाल में खराब रिकॉर्ड' का हवाला दिया है.

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. हाल ही में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर सैन्य कार्रवाई की थी. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे.

Advertisement

'IMF की शर्तें पूरी करने में विफल पाकिस्तान' 

9 मई को वाशिंगटन में हुई IMF बोर्ड बैठक में भारत ने पाकिस्तान की ओर से बार-बार IMF की सहायता शर्तों को पूरा न करने को लेकर चिंता जताई. भारत ने IMF की एक रिपोर्ट का हवाला भी दिया जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान को बार-बार राहत दिए जाने से वह IMF के लिए 'too-big-to-fail' कर्जदार बन गया है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान को IMF सहायता देने में राजनीतिक कारक भी भूमिका निभाते हैं.

'आतंकी संगठनों को जा रहा IMF का पैसा'

भारत ने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता अप्रत्यक्ष रूप से उसकी खुफिया एजेंसियों और आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की मदद करती है, जो भारत पर हमलों को अंजाम देते रहे हैं.

Advertisement

IMF पर निर्भर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था

भारत के इस मतदान से दूरी बनाने को IMF और अन्य बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाओं को यह संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है कि पाकिस्तान को बिना ठोस कदम उठाए वित्तीय मदद देना क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकता है.

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था IMF सहायता पर बुरी तरह निर्भर है, ऐसे में भारत का यह कदम उसके लिए एक और राजनयिक दबाव के रूप में देखा जा रहा है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement