सुपरफास्ट स्पीड में आगे बढ़ रहा मानसून... केरल में 22 से 28 मई के बीच देगा दस्तक, जानें उत्तर भारत में कबसे होगी बारिश

Monsoon 2025: भारत के मौसम विभाग ने गुरुवार को अगले दो हफ्ते का वेदर अपडेट जारी किया है. उसके मुताबिक केरल में मानसून 22 से लेकर 28 मई के बीच दस्तक दे सकता है. पूर्वानुमान यही है कि केरल में 25 से लेकर 27 मई के बीचअच्छी खासी बारिश होगी. लेकिन खुशखबरी सिर्फ केरल के लिए ही नहीं है बल्कि देश के सुदूर नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के लिए भी है.

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इस साल मानसून के केरल और भारत के अन्य भागों में एक सप्ताह पहले दस्तक देने की संभावना है. (PTI/File Photo) इस साल मानसून के केरल और भारत के अन्य भागों में एक सप्ताह पहले दस्तक देने की संभावना है. (PTI/File Photo)

कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:01 AM IST

भयंकर गर्मी से तप रहे भारत के अधिकांश राज्यों को बेसब्री से मानसून का इंतजार है. भारत की सीमा में मानसून की दस्तक यूं तो 13 मई को ही हो चुकी है, लेकिन यह एंट्री अंडमान निकोबार द्वीप समूह में हुई है, जो कि बंगाल की खाड़ी का एक हिस्सा है. श्रीलंका और मालदीव्स जैसे देश होते हुए अब मानसून की एंट्री का इंतजार भारत के मेन लैंड पर है. आमतौर पर मई के आखिरी हफ्ते या जून की शुरुआत में मानसून केरल में एक्टिव होता है. लेकिन इस बार सिर्फ केरल ही नहीं बल्कि देश के कई अन्य राज्यों में भी मानसून समय से पहले पहुंच सकता है.

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भारत के मौसम विभाग ने गुरुवार को अगले दो हफ्ते का वेदर अपडेट जारी किया है. उसके मुताबिक केरल में मानसून 22 से लेकर 28 मई के बीच दस्तक दे सकता है. पूर्वानुमान यही है कि केरल में 25 से लेकर 27 मई के बीच अच्छी खासी बारिश होगी. लेकिन खुशखबरी सिर्फ केरल के लिए ही नहीं है बल्कि देश के सुदूर नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के लिए भी है. मौसम विभाग की मानें तो नॉर्थ ईस्ट के सात राज्यों में से कुछ में समय से काफी पहले यानी 28 मई तक मानसून की आमद हो सकती है. आमतौर पर नॉर्थ ईस्ट में मानसून 5 जून के आसपास आता है, लेकिन पिछले साल भी 30 मई तक मानसून ने इस क्षेत्र में दस्तक दे दी थी. 

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इस बार मानसून में बेहतर बारिश की संभावना

इस साल मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है तो उसके लिए लोकल सिस्टम तो जिम्मेवार है ही, लेकिन साथ-साथ ग्लोबल सिस्टम भी अपनी बड़ी भूमिका निभा रहा है. पूरे मानसून सीजन में एल नीनो सिस्टम जिसे ENSO कहा जाता है, के साथ-साथ Indian Ocean Dipole (IOD) के भी न्यूट्रल रहने की भविष्यवाणी की गई है. यह दोनों सिस्टम समुद्र के तापमान पर निर्भर करते हैं. इनके फेवरेबल रहने की वजह से सिर्फ साउथ और नॉर्थ ईस्ट में नहीं बल्कि देश के बाकी हिस्सों में भी मानसून न सिर्फ बेहतर रहेगा बल्कि उसके जल्दी सक्रिय भी होने की उम्मीद लगाई जा रही है. आईएमडी के मुताबिक भारत में इस साल मानसून सीजन में सामान्य से अधिक या ऐतिहासिक औसत 87 सेमी से 5% अधिक बारिश होने की संभावना है. अगर यह सच साबित होता है, तो यह मानसून में सामान्य से अधिक बारिश का लगातार दूसरा साल होगा. पिछले साल, देश में जून से सितंबर के बीच ऐतिहासिक औसत से 8% अधिक बारिश हुई थी.

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उत्तर भारत में जून अंत में दस्तक देगा मानसून

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आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, मुंबई और कोलकाता में 10 से 15 जून के बीच मानसून आने की संभावना है. हैदराबाद में मानसून थोड़ा पहले, 5 से 10 जून के बीच आएगा, जबकि बेंगलुरु और चेन्नई में 1 से 5 जून के बीच मानसून की पहली बारिश की उम्मीद है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 25 से 30 जून के बीच मानसून की बारिश होने की उम्मीद है, जो देश के दक्षिणी और मध्य भागों की तुलना में मौसमी बदलाव को थोड़ा देर से दर्शाता है. पश्चिमी भारत में, अहमदाबाद में 15 से 20 जून के बीच मानसून की बारिश होने का अनुमान है, जबकि जयपुर में दिल्ली के साथ यानी 25 से 30 जून के बीच बारिश होने की उम्मीद है. बता दें कि मानसून आमतौर पर 1 जून के आसपास केरल में पहुंचता है और सामान्यतः 8 जुलाई तक यह पूरे देश में पहुंच जाता है. लेकिन इस बार यह एक सप्ताह जल्दी दस्तक दे सकता है.

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