भारत में तय वक्त से पहले दस्तक दे सकता है मानसून, बन रहा अनुकूल मौसम    

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मानसून की बारिश अगले हफ्ते यानी मध्य मई तक शुरू हो सकती है, जबकि मौसम विभाग ने अंडमान निकोबार के हिस्सों में 13 मई तक मानसून की एंट्री का पूर्वानुमान जताया है. इसके बाद केरल में मई के अंतिम हफ्ते के दौरान मानसून की एंट्री के साथ बारिश हो सकती है.

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भारत में तय वक्त से पहले दस्तक दे सकता है मानसून. (फाइल फोटो) भारत में तय वक्त से पहले दस्तक दे सकता है मानसून. (फाइल फोटो)

कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

भारत में मानसून की एंट्री को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि इस बार भारत में मानसून बारिश की शुरुआत तय वक्त से पहले हो सकती है. साथ ही आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर हवा के सर्कुलेशन पैटर्न में बदलाव होने की संभावनाएं हैं.

प्रमुख ग्लोबल NWP मॉडलिंग केंद्रों से मिले एडवांस विस्तारित पूर्वानुमान से संकेत मिले हैं कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र (जिसमें भारत भी शामिल है) में मानसून जल्दी आ सकता है. आने वाले हफ्ते में बड़े पैमाने पर हवा के सर्कुलेशन पैटर्न में तेजी से बदलाव होने की संभावना हैं, जिसमें उष्णकटिबंधीय हिंद महासागर के ऊपर एशियाई मानसून सर्कुलेशन से जुड़े अर्ध-स्थायी फीचर्स शामिल हैं. 

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जल्द अंडमान और निकोबार में दस्तक देगा मानसून

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मानसून की बारिश अगले हफ्ते यानी मध्य मई तक शुरू हो सकती है, जबकि मौसम विभाग ने अंडमान निकोबार के हिस्सों में 13 मई तक मानसून की एंट्री का पूर्वानुमान जताया है. इसके बाद केरल में मई के अंतिम हफ्ते के दौरान मानसून की एंट्री के साथ बारिश हो सकती है.

वहीं, उप-मौसमी स्तर यानी सब सीजनल स्केल पर सर्कुलेशन में विसंगतियों का विश्लेषण करते हुए, एनडब्ल्यूपी आधारित मॉडल के आउटपुट से यह पता चलता है कि भूमध्यरेखीय रॉस्बी तरंगें जैसी आर्द्र इक्वेटोरियल यानी भूमध्ययीय तरंगें, जो या तो आगे बढ़ने होने वाली हो सकती हैं या क्वासी स्टेशनरी हो सकती हैं.

आने वाले दिनों में ये भारत के क्षेत्र में मौसम के पैटर्न को प्रभावित करना शुरू कर सकती हैं, जिससे मानसून के आगमन की रफ्तार को बढ़ाने में सहायता मिल सकती है.

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कृषि और जल संसाधन को होगा फायदा

एक्सपर्ट का कहना है कि अगले कुछ दिनों में लगातार निगरानी और रियल टाइम विश्लेषण से और अधिक स्पष्टता मिल सकती है. जल्दी मानसून का आगमन कृषि और जल संसाधन प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

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