'किसी भी लोकतांत्रिक देश में पर्सनल लॉ नहीं...', UCC पर कैसे काम करेगी मोदी सरकार? अमित शाह ने समझाया पूरा प्लान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात करते हुए कहा कि एक पंथ निरपेक्ष देश के अंदर हर तरह के पंथ को मानने वालों के लिए एक कानून होना चाहिए, यही पंथ निरपेक्षता का लक्षण है.

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UCC पर बोले अमित शाह (फाइल फोटो/PTI) UCC पर बोले अमित शाह (फाइल फोटो/PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज तक के साथ बातचीत में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) समेत कई मुद्दों पर बात की है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी दस साल से प्रधानमंत्री हैं लेकिन हमारे विरोधी उन पर एक भी आरोप नहीं लगा पाए हैं. 

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यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि यह बहुत बड़ा सामाजिक बदलाव है. जब संविधान की रचना हो रही थी, तो संविधान निर्माताओं ने इस पर लंबी बहस की और उस वक्त उन्होंने ये तो स्वीकार किया कि देश के अंदर यूसीसी होना चाहिए लेकिन ऐसा उस वक्त उचित नहीं लगा. संविधान के अनुच्छेद 44 में देश के विधानमंडल और संसद को कहा गया है कि उचित समय पर देश के सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल के लिए देश प्रयास करेगा. 

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'सभी लोकतांत्रिक देशों में UCC'

अमित शाह ने आगे कहा कि कांग्रेस आज वोट बैंक के कारण बिखर रही है. भारतीय जनसंघ की स्थापना के बाद से ही हम कह रहे हैं कि इस देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड होना चाहिए. सभी डेमोक्रेटिक देशों में UCC है, भारत में भी होना चाहिए और अब समय आ गया है कि पूरे भारत के अंदर यूनिफॉर्म सिविल कोड हो.

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UCC पर कैसे काम करेगी मोदी सरकार?

अमित शाह ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मोदी सरकार के प्लान पर बात करते हुए कहा कि उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार ने यूसीसी की शुरुआत की है. इसकी सामाजिक, न्यायिक और पार्लियामेंट्री नजरिए से भी इस पर बहस होनी है. हम देश में पूरी तरह से यूसीसी को लागू करेंगे. 

उन्होंने आगे कहा कि एक पंथ निरपेक्ष देश के अंदर सभी पंथ को मानने वालों के लिए एक कानून होना चाहिए, यही पंथ निरपेक्षता का सबसे बड़ा लक्षण है. अमित शाह ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो ध्रुवीकरण से नहीं डरती है, तुष्टिकरण करके बचे-खुचे वोट बैंक को बचाना चाहती है. 

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गृह मंत्री ने आगे कहा कि क्या देश शरिया और पर्सनल लॉ के आधार पर चलना चाहिए? दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश के अंदर पर्सनल लॉ नहीं हैं. भारत में ऐसा क्यों है, क्योंकि वोट चाहिए. कई मुस्लिम देश भी शरिया के मुताबिक नहीं चलते हैं, आगे निकल गया जमाना, अब भारत में भी आगे बढ़ना पड़ेगा. 

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