वेल्डिंग से भड़की चिंगारी, पेट्रोल-डीजल से फैल गई आग... TRP गेम जोन कैसे हुआ हादसा

TRP गेम जोन में आग मामले में अब कार्रवाई और जांच का सिलसिला जारी है. एक-एक कदम पर कहां-कहां लापरवाही हुईं और कौन-कौन इनके जिम्मेदार थे, इसकी तह खंगाली जा रही है. हालांकि कई तथ्य ऐसे हैं जो ये सवाल उठाते हैं कि बिना NOC और परमिशन ये इतना बड़ा गेमिंग जोन कैसे चलाया जा रहा था.

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राजकोट में शनिवार को एक गेमिंग जोन में लगी थी आग राजकोट में शनिवार को एक गेमिंग जोन में लगी थी आग

ब्रिजेश दोशी

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:06 PM IST

गुजरात के राजकोट स्थित TRP गेम जोन में शनिवार शाम को लगी भीषण आग में कई घरों के न सिर्फ कुलदीपक खाक हो गए, साथ ही उन परिवारों की उम्मीदें, आशा और जिंदगी भर की खुशियां भी एक हादसे की भेंट चढ़ गईं. हादसे में 27 लोगों की मौत हुई है,जिनमें 12 बच्चे हैं. 99 रुपये की स्कीम इतनी महंगी पड़ेगी, कुछ देर पहले तक मां-बाप को इसका अंदाजा भी नहीं था. कंपाउंड में 3000 लीटर डीजल-पेट्रोल का स्टोरेज था और यहीं भड़की एक चिंगारी इतनी भीषण आग में बदल गई कि महज 30 सेकेंड में गेमिंग जोन ऊंची उठती लपटों के हवाले हो गया और 27 जानें खाक हो गईं.  

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DNA मैचिंग कराई जा रही है
इस मामले में अब कार्रवाई और जांच का सिलसिला जारी है. एक-एक कदम पर कहां-कहां लापरवाही हुईं और कौन-कौन इनके जिम्मेदार थे, इसकी तह खंगाली जा रही है. हालांकि कई तथ्य ऐसे हैं जो ये सवाल उठाते हैं कि बिना NOC और परमिशन ये इतना बड़ा गेमिंग जोन कैसे चलाया जा रहा था. सामने आया है कि, राजकोट में TRP गेमिंग जोन में शनिवार शाम 5:30 बजे आग लगी, घटना स्थल से 27 मृतदेह मिले थे, डीएनए मैचिंग की कार्यवाही अभी जारी है. 

छह आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज
कुल छह आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है. इनमें युवराज सिंह सोलंकी और नितिन जैन को गिरफ्तार किया गया है, बाकी के चार आरोपी फरार हैं. मामले की जांच क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी गई है. अधिकारियों ने बताया कि, जल्द से जल्द जांच पूरी कर चार्जशीट फाइल करेंगे. इस मामले में FSL की टीम जो कि गांधीनगर से आई हुई है, वो भी मदद कर रही है. 

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NOC क्यों नहीं मिली थी?
राजकोट गेम जोन दुर्घटना मामले में कलेक्टर ने कहा कि आग इलेक्ट्रिक कारणों से लगी थी. हालांकि मुख्य वजह शनिवार तक सामने नहीं आ सकी थी. इस गेमिंग जोन को फायर विभाग की ओर से NOC नहीं मिला था. इसके बारे में जांच में विभाग की ओर से कुछ जानकारियां सामने आई हैं. सामने आया है कि, गेमिंग जोन को साल 2023 में बुकिंग लाइसेंस दिया गया था, उसे रिन्यु किया गया था. परमीशन R&B विभाग के अभिप्राय से दिया था, उन्हें फायर NOC लेने को कहा गया था, जो लिया नहीं गया. गेम जोन के कागज में फायर सेफ्टी के सामान का बिल रखा था, लेकिन उपयुक्त सामान नहीं थे. पार्टनरशिप में जो भी है उनके खिलाफ भी एक्शन लेंगे.

FSL की जांच में सामने आए ये Facts
राजकोट के पुलिस आयुक्त, राजू भार्गव ने कहा कि, '27 शव बरामद किए गए हैं और कुछ अवशेष भी पाए गए हैं, इसलिए हमें लगता है कि मरने वालों की संख्या लगभग 28 होगी. FSL अधिकारियों द्वारा की गई जांच और फायर ऑफिसर ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद हमें जो जानकारी दी है, उससे लगता है कि वहां कुछ फैब्रिकेशन का काम चल रहा था और उस फैब्रिकेशन कार्य में वेल्डिंग के काम के कारण आग लगी होगी वहां बहुत सारी ज्वलनशील सामग्री थी, जिसने बहुत तेजी से आग पकड़ ली और पूरे गेमिंग जोन में फैल गई.'

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बच्चे बोले- स्टाफ ने अचानक आकर बाहर निकाला
शनिवार शाम को जब यह हादसा हुआ तब गेम जोन में खेल रहे हैं बच्चों में से जो बाहर निकल गए उन्होंने कहा कि अचानक वहां के स्टाफ ने हमें आकर कहा कि आग लगी है, आप बाहर निकलें, जिसके बाद वहां से सभी लोग दौड़ कर बाहर आए पर कुछ लोग बाहर नहीं निकल पाए. पहली मंजिल से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था.

2000 लीटर डीजल, 1500 लीटर पेट्रोल था स्टोर, 99 रुपये की स्कीम की वजह से जुटे थे ज्यादा लोग
टीआरपी गेम जोन में  1500 से 2000 लीटर डीजल जनरेटर के लिए, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा था. जिसकी वज़ह से आग इतनी फैली और पूरा स्ट्रक्चर जल कर खाक हो गया. गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था. आज एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी जिसकी वज़ह से बड़ी संख्या में लोग हादसे के वक्त गेम जोन में मौजूद थे.

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